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जल जागरूकता एक विश्वसनीय पहल की जरूरत

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जल हमारे जीवन का पर्याय है इस से ही जीवन का संचालन होता है ! यह हमारे दैनिक रोजमर्रा की सभी जरूरतों के लिए बहुत जरुरी है हमारी इस दुनिया में स्वच्छ पीने योग्य पानी मात्र 2 / ही है ! हमको इसके संचय करने के अनेको साधन खोजने होंगे तभी हम अपनी पीढ़ी को सुरक्षित रख पाएंगे ! इसी विषय को लेकर आज पूरी  दुनिया में इसको लेकर चिंतन किया जा रहा है ! जिसको लेकर कई सरकारें ,देश, संस्थाए, निकाय इस विषय पर प्रोत्साहन व् जागरूकता कार्यक्रम कर लोगो को सजग कर रहे है ! ताकि सभी इसके प्रति जागरूक बन सके ! इसे सबसे अच्छा बनाने के लिए हमे आने वाली सभी पीढ़ीयों को जागरूक बनाना होगा तभी इसे हम आगे तक बढ़ा पाएंगे ! नव चेतना यदि सजग व् जागरूक हो तो फिर कोई भी कार्य मुश्किल नहीं होता ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ऐसे ही ज्वलन्त मुद्दों को स्कूली बालक-बालिकाओ के साथ कार्यक्रम सम्पादित करती है ! जिसमे उनको पोस्टर प्रदर्शन, व्याख्यान, रैली, खेलकूद, सेल्फी, अभिभाषण, अभिव्यक्ति, नाट्य मंचन, वाद-विवाद , विचार विमर्श व् कई प्रारूपों से समझाने व् बताने का कार्य करती है ! जिसको देख समझ कर सभी बालक बालिकाएं अति उत्सा

एक पिता की संघर्ष और समर्पण गरीब परिवार की बेटियों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में कदम

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मेरा नाम भेरूलाल है मैं एक फुटकर मजदूरी कार्य करता हूँ ! मेरे घर पर पत्नी व् 2 बेटियाँ  है व् दोनों स्कूल पढ़ने जाती है ! मैं एक निरक्षर पिता हूँ ! जो सभी की जानकारी नहीं रख सकता हूँ परन्तु मेरी पत्नी और मैंने शादी के 2 वर्ष बाद अपनी पहली पुत्री को जन्म दिया जो पूर्णता स्वस्थ थी इसमें मैंने पत्नी को पूर्ण आहार जैसे प्रोटीन , विटामिन, व् खाने पिने की सभी जरूरतों का ध्यान रखा !जब यह बच्ची 3 वर्ष की हुई तब मेरी पत्नी को दूसरा गर्भ धारण करवाया ताकि माँ और बच्चा स्वस्थ्य बने रहे ! दूसरी बच्ची होने के बाद मैंने ऑपरेशन करवा लिया क्योकि 2 से ज्यादा बच्चो का लालन पालन मैं अच्छे से नहीं कर पाता ! अंत यही मेरे लिए सब कुछ है मैंने अपनी लड़कियों  को हमेशा लड़को की तरह पाला व् बड़ा किया ! उन्हें वो हर बात कहने की आजादी दी जो सभी के हित में ही हो, मेरी पत्नी भी मेरे कार्यो में पूर्णता सहयोग करती है !  मेरी सबसे बड़ी बेटी 9 क्लास में है व् छोटी 6 क्लास में है ! बच्चियाँ धीरे धीरे बड़ी हो रही है मेरी पत्नी उनके शारारिक विकास, समस्याएं व् कुछ भी बात हो उनका विशेष ध्यान रखती है ! एक बेटी अपनी माँ को सबसे अच्छा

आगामी पीढ़ियों के लिए हरित भविष्य वृक्षारोपण से पर्यावरण को पुनर्जीवित करना

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राजस्थान सम्रग कल्याण संस्थान पर्यावरण को लेकर काफी सजग व् जागरूक है उसका मानना है इस धरती को वृक्ष विहीन करने पर सम्पूर्ण धरती का नाश हो जायेगा ! जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल होगा व् धरती पर ऑक्सीजन लगभग न के बराबर हो जाएगी ! ऐसी परिस्थितियां मानव स्वयं अपने लिए निर्माण कर रहा है ! जो खुद उसकी प्रजाति के लिए बेहद घातक सिध्द होगा ! यह विषय समाज, देश, दुनिया के लिए अत्यंत शोचनीय बनता जा रहा है ! इसके कारण बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन हमे देखने को मिल रहा है ! जिसमें तापक्रम का प्रति वर्ष बढ़ना, अतिवृष्टि होना, मिट्टी का कटाव होना, भूस्खलन होना, समुन्द्र के जल स्तर में बढ़ोतरी , भूकंप, विस्फोट ,ज्वालामुखी आदि समस्याऐं उत्पन्न हो रही है ! वृक्षों का निरंतर काटा जाना इसकी मुख्य वजह है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान हर वर्ष वर्षा ऋतु के आस पास ग्रामीण काश्तकारों के साथ मिलकर वृहद पैमाने पर्यावरण  संरक्षण के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम में काश्तकारों को फलदार पौधे , पेड़, व् खाद का वितरण किया जाता है ! संस्था ने इस वर्ष लगभग 61 परिवारों के साथ यह कार्य किया गया इसमें 450 पौधे का वितरण लगभग 65

समाज की जिम्मेदारी: बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता और शिक्षा का महत्व

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भारत व् एशिया के कई देशों में बाल विवाह का कुरीति है ! जिसके चलते न जाने कितनी मासूम बालिकाओ का बचपन रौंधा गया व् कई हजारो बलि की वेदिका पर चढ़ गई ! समाज के द्वारा इन बालिकाओ को बालपन में ही इनका विवाह कर दिया जाता है ! जिससे न तो यह अपना बचपन, शिक्षा, समझ व् शारारिक संगठन को पूर्ण नहीं कर पाती है फलस्वरूप कई तरह की बीमारियों से यह ग्रसित हो जाती है व् अकाल मृत्यु का ग्रास बन जाती है ! जल्दी शादी करने से न तो यह परिपक़्वता आती है न ही यह गर्भधारण करने योग्य रहती है ! समाज की सामाजिक कुरीतियों व् रूढ़िवादिता में इनकी दशा अत्यंत दयनीय होती है ! गरीबी, निर्धनता, लाचारी, अशिक्षा, रीती-रिवाज, प्रभुत्ववादी लोग व् नकारात्मक सोच की उपज ही बाल विवाह का मुख्य कारण बनती है इस अन्धकार को शिक्षा के प्रकाश से ही दूर किया जा सकता है !   राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के द्वारा जरूरतमंद वंचित परिवारों की बालिकाओ के साथ बाल विवाह रोकथाम कार्यक्रम चलाया जा रहा है ! इसमें शिक्षा के साथ इस विषय पर सभी बालिकाओ को जागरूक किया जा रहा है ! जिसमे इस बाल विवाह कुरीति का हमारे समाज में अन्तः हो सके व् सभी बालिकाएं

लैंगिक असमानता: महिलाओं के खिलाफ भेदभाव और उसकी जटिलताएँ

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लैंगिक असमानता का तात्पर्य लैंगिक आधार पर महिलाओं के साथ भेदभाव से है ! परम्परागत रूप से समाज में महिलाओं को कमजोर वर्ग के रूप में देखा जाता है ! वे घर और समाज दोनों जगहों पर शोषण, अपमान, और भेदभाव से पीड़ित होती है ! महिलाओं के खिलाफ भेदभाव दुनिया में हर जगह प्रचलित है ! यह असमानता कई प्रकार से हो सकती है ! इसमें रोजगार और पदोन्नति के मामले में महिलाओ को अक्सर भेदभाव का सामना करना पड़ता है ! नौकरी के अवसरों और वेतनमान के मामले में पुरुषों को महिलाओँ पर प्राथमिकता दी जाती है ! स्वामित्य असामनता में कई समाजों में सम्पति का स्वामित्व असमान है !  जहा भी पुरुष प्रधान समाज होगा वह स्त्री सदा तिरस्कार पूर्ण जीवन व्यतीत करेगी ! यहाँ पर स्त्री को इतनी प्राथमिकता नहीं दी जायेगी ! ये अक्सर भेदभाव या लिंगवाद के द्वारा ही उत्पन्न होता है ! इसके मुख्य कारण गरीबी, लिंग, धर्म, और जाति है ! लैंगिक भेदभाव, सामाजिक मानदंडो और प्रयासों के प्रचलन के कारण, लड़कियों के बाल विवाह, किशोरावस्था  में गर्भधारण, बाल घरेलु कार्य, ख़राब शिक्षा प्रणाली, ख़राब  स्वास्थ्य, यौन शोषण, शोषण और हिंसा की संभावना बढ़ जाती है इनमे

यौन उत्पीड़न हिंसा के रोकथाम जागरूकता कार्यक्रम

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा महिलाओ पर हो रही हिंसा के विरुद कई निवारण कार्यक्रम चलाये जा रहे है ! जो की सभी स्कूली बालिकाओं व् ग्रामीण महिलाओं  के साथ मिलकर किये जाते है ! यौन हिंसा वयक्तियो और समुदायों के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य ,सामाजिक न्याय और सुरक्षा का मुद्दा है ! संस्था द्वारा यौन हिंसा , सम्बन्ध हिंसा ,यौन उत्पीड़न और पीछा करने के बारे में गंभीरता से सोचकर की कैसे एक सुरक्षित समुदाय का निर्माण किया जाये और अपने व् दुसरो के लिए जिम्मेदारियाँ ली जाये और नुक्सान पहुचाये गए लोगो के प्रति उचित प्रति क्रिया दी जाये शिक्षा महत्वपूर्ण है ! ज्ञान वयक्तियो और समुदायों को बदलने के लिए सशक्त बनता है ! संस्था द्वारा बताया गया की यह एक सतत प्रक्रिया है ! और इसमें विश्वासों , शब्दो ,व्यवहारों, और कार्यो की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है ! जबकि निरंतरता की शुरुआत में कई व्यवहार हमारी आचार सहिंता के विरुद्व नहीं हो सकते है !यौन हिंसा की रोकथाम एक सामुदायिक प्रयास है ! और रोजमर्रा की गतिविधिया एक अंतर पैदा करती है ! निरंतरता की शुरुआत में वस्तुओँ को सम्बोधित करके हम अपने समाज में पारस्परिक

यौन प्रजनन स्वास्थ्य व् स्वस्थ मासिक धर्म स्वास्थ्य कार्यक्रम

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यौन प्रजनन स्वास्थ्य शब्द को एक व्यक्ति के स्वास्थ्य शरीर  के अधिकार के रूप में परिभाषित किया जा सकता है ! स्वायत्तता ,शिक्षा ,और स्वास्थ्य सेवा यह तय करने के लिए की किसके साथ यौन सम्बन्ध बनाना है ! और यौन संचारित संक्रमणों या अनअपेक्षित गर्भावस्था से बचने के लियें ज्ञान और स्वास्थ सेवा उत्पाद है यौन स्वास्थ्य समग्र स्वास्थ और कल्याण का अभिन्न अंग है ! यह सुनिश्चित करता है की लोगो को बिना किसी भेदभाव के दवाब या स्वास्थ्य जोखिम के सुखद और सुरक्षित यौन अनुभव मिल सके !  यौन और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओ तक पहुंच लोगो को इस अधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनती है ! यौन और प्रजनन स्वास्थ्य सेवा प्रजनन प्रणाली से सम्बंधित चिकित्सा देखभाल के रूप में ले सकती है ! उदहारण के लिए यौन संचारित संक्रमण का इलाज करना या देशी सेवाएं जो गर्भ देखभाल के प्रावधान के साथ प्रजनन विकल्प का समर्थन करती है ! इसी तरह मासिक धर्म योनि से होने वाला रक्तस्राव है ! जो महीने में एक बार होता है यह मासिक धर्म चक्र का एक सामान्य हिस्सा है ! इसे मासिक धर्म के रूप में भी जाना जाता है ! मासिक धर्म आम तौर पर 21 से 35 दिनों के अं

जल जागरूकता अभियान कार्यक्रम

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हमारी धरती पर 78 / जल ही जल है परन्तु हमारे उपयोग व् पीने योग्य पानी की मात्रा 2 / ही है ! भविष्य की जरूरतों को देखते हुये यह मात्रा बहुत कम है ! हम सभी को मितव्ययता से इसका उपयोग करना होगा ! इसके दुरुपयोग से हम भविष्य की पीढ़ियों को नुकसान की स्तिथि में पंहुचा देंगे यह जागरूकता हमे समाज के हर वर्ग तक पहुचानी होगी ! जिसमे भविष्य को हम सुरक्षित रख सकेंगे व् इस धरती का संतुलन बनाये रख सके !  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण स्कूलो में बच्चों के साथ जल जागरूकता अभियान कार्यक्रम करवाए जाते है ! जिसमे जल की मितव्ययता उसके उपयोग, संधारण, लाभ, व् नुकसानों के बारे में विस्तृत चर्चा की जाती है ! व् उनको पोस्टर , चित्र , सेल्फी, हस्ताक्षर अभियान , रैली ,संगोष्ठी ,चित्रकला प्रतियोगिता व् अन्य माध्यमो से इस विषय पर गहनतापूर्ण जानकारी दी जाती है व् बताया जाता है ! की किस तरह एनीकेट बनाकर वर्षा के जल का संचय करे , झील , तालाब, बावड़ियाँ आदि साफ व् सुरक्षित रखें इसे दूषित होने से बचाये व् इसको मानवीय उपयोग के लिए सफल प्रयास किये जाये इसमें सभी जन की सहभागिता बहुत जरुरी है ! जल हमारे जीवन मे

संस्कार शिक्षा व्यवहार परिवर्तन कार्यक्रम

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शि क्षा मानव व्यवहार परिवर्तन करने का सबसे बड़ा अंग है। शिक्षा से ही ज्ञान, कर्म, श्रद्धा प्राप्त होती है। जो उनके जीवन में बदलाव लाती  है। शिक्षा जीवन  का अनमोल उपहार है। जो वयक्ति के जीवन की दिशा और दशा दोनों बदल देती है। और संस्कार जीवन का सार है। अगर आपके संस्कार सही है तो आपकी शिक्षा भी सही दिशा में जाएगी हमारा दायित्व है समाज की इस बढ़ती युवा पीढ़ी को सही मार्ग दिखाए। ताकि आने कल अच्छा हो , स्कूल में शिक्षा व् घर पर संस्कारो को लेकर उनके साथ रोजाना बातचीत की जाये तो बच्चे स्वयं ही नैतिक मूल्य व् संस्कारो के प्रति सजग रहेंगे। जिस से हमारा दायित्व भी पूरा हो जायेगा।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्व्रारा सहर के स्लम भागो में , झुगी - झोपड़ियों इलाके , कच्ची बस्तियों में गरीब बच्चो के साथ संस्कार शिक्षा व् व्यवहार परिवर्तन पर कार्यक्रम में साँप - सीढ़ी गेम के माध्यम से इस विषये पर बच्चो को पूर्ण जानकारियाँ दी जाती है। जिस से उनका मानसिक विकास बढ़े। और उनकी बौद्धिक समताये भी विकसित हो सके। यह नैतिक विकास करता है व् हमारी सोच में सही गलत को जानने , पहचानने, की समताये विकसित करता है। इस से

मलेरिया से बचाव ही उपचार - एक पहल स्वस्थ्य भविष्य !!

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रा जस्थान सम्रग कल्याण संस्थान द्वारा कई सामाजिक सेवार्थ कार्य वर्ष भर करवाए जाते रहते हैं, जिसमें स्ट्रीट, स्लम एरिया में झुग्गी झोपड़ी वाले इलाके में रहने वाले लोगों के साथ बहुत से कार्यक्रम  किये जाते  हैं। इसके स्वास्थ्य व्  वातावरण को देखते हुए संस्थान द्वारा इन्हे मच्छरदानी वितरण कार्यक्रम इनके बीच में रखा जायेगा।  क्योंकि आसपास का वातावरण प्रदूषित होने से यहां मच्छर बहुत मिलते हैं जिससे मलेरिया फैलने  का डर रहता है बारिश का जल जमाव के कारण मलेरिया  बहुत तेजी से फैलता है। इसके संक्रमण से अनेक बीमारियों का पनपती  है। हर वर्ष हजारों की संख्या में इस बीमारी से लोग तेजी से मरते हैं। इसका बचाव बहुत ही आवश्यक है। इसके लिए उनके जागरूकता लाना बहुत जरूरी है।संस्था मलेरिया प्रभावित इलाको का सर्वे के उन लोगो को चिन्हित कर उनकी सूची तैयार करती है।  हमारे भारत में कई भागों में आज भी ऐसे इलाके है जो समस्या से बहुत ग्रसित  है। अत्यधिक गरीबी व संसाधन की पर्याप्त ना होने के कारण वह उसके बचाव के साधन  उपयोग में नहीं ला पाते हैं जिससे उनके बीच में बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इसके बचाव के लिए

दिव्यांगों के साथ साझेदारी समृद्ध समाज की नई दिशा

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा अजमेर के ग्रामीण भागों में चिन्हित विकलांग जनों के साथ उनके हितार्थ  कई कार्य किए जाते हैं जिसमें उनके साथ बैठकर उनके विचारों को साझा किया जाता है। हाल के वर्षो  में विकलांगों के प्रति समाज का नजरिया तेजी से बदला है। यह माना जाता है कि यदि विकलांग व्यक्तियों के समान अवसर तथा प्रभावी पुनर्वास की सुविधा मिले तो मैं बेहतर गुणवत्तापूर्ण जीवन व्यतीत कर सकते हैं। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम के सदस्य दिव्यांगों के घर-घर जाकर उन्हें मीटिंग करने के लिए आमंत्रित करते हैं जिसमें उनके विचार, परेशानियां, समस्याओ को पूछा व् समझा और वह लिखा जा सके क्योंकि स्थिति वह परिस्थिति के अनिरुद्ध सबकी अपनी दिक्कत व परेशानियां होती है। भविष्य में उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों के बारे में चर्चा की जाती है। वह जागरूकता पूर्ण बातों को इस मीटिंग कार्यक्रम में समावेश किया जाता है जिससे उनको  हर विषय की बारीकी और गहनता का पता चल सके। जिसका वह बाद में लाभ उठा सकते है। संस्था के कुशल प्रतिनिधियों  के द्वारा उनके साथ कई और विषयों पर चर्चा की जाती है। उनकी आवश्यकताओं को स

बदलते भारत में महिलाओं का ब्यूटी पार्लर: विकास और सशक्तिकरण

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हमारा आज का भारत बदलता भारत है। यहां कई विकास की राहें खुली है संसाधन बढ़े हैं नई सोच विकसित हुई है वह आधुनिकता आई है। आज की नई इस दौर में सुंदर दिखने की प्रतिस्पर्धा में आगे आना चाहती है कि यही कारण से आज हर जगह महिलाओं का ब्यूटी पार्लर कार्य बहुत अच्छे तरीके से फल फूल रहा है। इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा युवा महिलाओं के लिए ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण कार्यक्रम गांव नारेली में रखा गया जहां संस्था द्वारा किए गए सर्वे में सभी में उत्साह दिखाते हुए अपना नाम दर्ज करवाया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम तीन माह की अवधि का होता है जिसमें महिलाओं को साज श्रृगांर के संबंधित सभी कार्य सिखाए जाते हैं। प्रतिदिन 8 घंटे इसको चलाया जाता है जिसमें 25 से 35 महिला एक समूह बनाकर अपना कार्य करती है। इस कार्यक्रम में कुशल मास्टर ट्रेनर के नेतृत्व में सभी को प्रक्रियात्मक रूप से कार्य बताया जाता है जो कि हमारी रुचि में समाहित हो जाता है। इसमें महिलाओं के बाल काटना व सजाना, नाखून काटना, मेहंदी, वैक्सीन, फेस पैक, पेडीक्योर, स्टीम देना, मेकअप, ब्राइडल श्रृंगार, थ्रेडिंग, आईब्रो बनाना, ब्लीच, अनेक

आत्मनिर्भरता का निर्माण: सिलाई कौशल के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा सतत रूप से महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न कार्यक्रम किए जाते रहते हैं। संस्था द्वारा इन सभी कार्यों में महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ाया जाता है। वह उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाता है। इसमें जरूरत मंद महिलाओं को सर्वे किया जाता है जिसमें 30 से 35 महिलाओं का एक समूह बनाया जाता है। उसके बाद साक्षात्कार करके उनके विचार में गतिविधि पूछ कर आर्थिक गतिविधि से जोड़ने का कार्य प्रारंभ किया जाता है। शहर के पास में लामाना गांव में संस्था द्वारा सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें महिलाओं से संबंधित व बच्चों के कपड़े सिलना शामिल है। यह कार्यक्रम 90 दिवस का होता है जिसमें प्रत्येक दिन 8 घंटे उनके साथ मौखिक में व्यावहारिक कार्य किए जाते हैं ताकि इस गतिविधि को सीखकर यह सभी अपनी आर्थिक जीवन नैया को आसानी पूर्वक चला सके। इसमें सिलाई से संबंधित सभी बातें उनको बताई जाती है। जैसे सुईयों के प्रकार, उनके नंबर, कपड़ों के विभिन्न प्रकार, सिलाई के तरीके, इससे संबंधित सभी उपकरण के बारे में विस्तृत रूप से बताया जाता है। वह इसके कार्य जैसे धागा भरना, तुरपन, बखियां, गोट

भविष्य का निर्माण: बच्चों में अनुशासन और संस्कृति का पोषण

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  बच्चे आने वाले भविष्य का निर्माण करते हैं। यह देश की भावी पीढ़ी को अगर हम अनुशासन व संस्कार नहीं सिखाएंगे तो यह पथ भम्रित हो जाएंगे और अपना जीवन नष्ट कर लेंगे। अच्छे लक्ष्य प्राप्ति के लिए जीवन में अनुशासन में संस्कारों का होना अति आवश्यक है। यह अनवरत प्रक्रिया है जिसमें जीवन के समस्त क्रियाकलाप समाहित होते हैं। इन शिविरों में माध्यम से बच्चों की आंतरिक कला को निखारा जाता है और उनमें अच्छे संस्कार विकसित किए जाते हैं। इसका उद्देश्य उनके जीवन का सर्वाधिक विकास करना है। उन्हें अपनी भाषा, आचरण, रीति रिवाज, संस्कारों के बारे में बताया जाता है। स्थिर रहने की एकाग्रता बढ़ती है। बुद्धि का विकास होता है और अच्छी सोच हमारी आदतों को विकसित करती है। यह शारीरिक भी होते हैं और मानसिक भी | संस्कार ही जीवन का आधार और मानव की सबसे बड़ी पूंजी है। संस्कार से ही चरित्र निर्माण होता है। इनके द्वारा ही व्यक्ति क्रियात्मक व रचनात्मक बनता है। संस्कारों का ना होना पतन का मुख्य कारण होता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के नेतृत्व में शहर की झुग्गी झोपड़ी, स्लम एरिया, स्ट्रीट बच्चों के साथ लगभग 12 स्थानों प

पर्यावरणीय संरक्षण: गौरैया पक्षी के संरक्षण में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का योगदान

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु कई विविध कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं जिससे पर्यावरण और परिस्थितिक से संबंधित सभी मुद्दे शामिल है। इसी विषय पर संस्था द्वारा गौरैया जाति की चिड़िया की संरक्षण हेतु विभिन्न जगहों पर चिड़ियाघर व फिडर लगती है जिसका उद्देश्य लुप्त हो रही इस प्रजाति को बचाना है जिससे पारिस्थितिक तंत्र बना रहे और हमारा आंगन भी चेहकता रहे | पहले हमारे घर, आंगन, ऑफिस, बाग, बगीचे, पेड़ों पर यहां वहां बहुतायत संख्या में पाई जाती थी, परंतु पर्यावरण विनाश, प्रदूषण, इंसानी अतिक्रमण, व रासायनिक सामग्री के बढ़ते प्रयोग से इनकी संख्या लगातार गिरती ही जा रही है। समय रहते हम एक जरा से कार्य से उनका संरक्षण कर उनकी संख्या में वृद्धि करने में सहायता प्रदान कर सकते हैं। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा इस वर्ष लगभग 180 चिड़ियाघर व उनके खाने की फिडर लगाए गए हैं, जिसमें शहर के सी आर पी एफ स्कूल मुख्य है। कुछ ज्यादा पेड़ पौधे वाली जगह में अगर निवास स्थान और भोजन सहायता उपलब्ध हो जाए तो इनको भोजन की तलाश हेतु दूर नहीं जाना होता और उनके जीवन चक्र पर

गरीबी के खिलाफ शिक्षा का संघर्ष: एक प्रेरणादायक कहानी

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 शिक्षा हर व्यक्ति का शैक्षणिक अधिकार है यहां स्त्री और पुरुष में कोई भेद नहीं होता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर स्कूली छात्रा हेतु कई कार्यक्रम किये जाते हैं, जिसमें वो शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने को प्रोत्साहित हो सके और अपना जीवन संवार सके। इसके लिए संस्था हर वर्ष स्कूल यूनिफॉर्म, स्टेशनरी, स्कूल बैग, कॉपी, किताब, जूते मौजें व शिक्षण सामग्री व गरीब बालिकाओं को छात्रवृत्तियां दी जाती है। संस्था का उद्देश्य समाज की हर बेटी के लिए शिक्षा मुहैया करवाना है। यह समाज की गरीब, असहाय, विकलांग पर आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को प्रदान की जाती है। इसको मिलने से सभी के मन में शिक्षा के प्रति प्रोत्साहन जागता है और वह इस हेतु सतत् प्रयास भी करता है जिसके सकारात्मक प्रभाव हमें देखने को मिलते हैं जिसकी वजह से वो अपने शैक्षणिक सपने और महत्वाकांक्षाओं को पूरा कर सके। पूरे देश में ऐसी सैकड़ो बालिकाएं हैं जो वित्तीय अस्थिरता की कमी के कारण उन्हें अपनी उच्च शिक्षा छोड़नी पड़ती है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इस वर्ष सात स्कूलों की 80 छात्राओं को छात्

खुशी को सशक्त बनाना : होली और दोस्ती के बंधन बढाना

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  होली रंगों का त्यौहार है। सभी रंग हमें जीवन के एहसासों का अनुभव करते हैं और यह बताते हैं कि हर रंग जीवन में क्या अहमियत होती है। यह मिलन का त्यौहार है सभी आपसी प्रेम भाव सौहार्द्र से मिलते हैं। इस त्यौहार में बच्चे अधिक उत्साहित होते हैं और प्रेम पूर्वक इसे से मनाते हैं। समाज में कुछ वंचित वर्ग या गरीब बच्चों को यह सब नहीं मिल पाता है। इसलिए राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष स्टीट व स्लम एरिया के बच्चों के साथ यह कार्यक्रम बड़ी धूमधाम उत्साह के साथ मनाया जाता है ताकि हर बचपन को उसके बचपन का एहसास हो सके और वो जिंदगी के हर क्षण का आनंद प्राप्त कर सके। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम सर्वप्रथम स्ट्रीट व स्लम एरिया में जाकर बच्चों को एकत्रित करती है। फिर सभी को यथास्थान पर बिठाकर उनके साथ विभिन्न सास्कृतिक मनोरंजन कार्यक्रम किए हैं, जिसमें बच्चों को होली त्यौहार के बारे में बताया जाता है। वह उसके महत्व को समझाया जाता है। संस्था फिर बच्चों को पिचकारी, रंग, गुलाल, मिठाई में अन्य चीजों का वितरण करती है। इस में यह भी समझाया जाता है कि हमें की होली के त्योहार पर हानिकारक केमि

दिव्यांग युवाओं को सशक्त बनाना : अवसरों का सृजन परिवर्तन की प्रेरणा

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हमारे देश में आज बहुत तरक्की कर ली है। विभिन्न प्रकार के कार्य सभी के लिए है जिसमें वह अपनी आय अर्जित कर सकें। गांव में समाज में ऐसे बहुत से विकलांग जन है जिनके पास किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं। ऐसे दिव्यांगों का सर्वे कर उन्हें चिन्हित किया जाता है और उनकों रोजगार के लिए प्रेरित किया भी जाता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इनके साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण कराए जाते हैं, जिसमें परचूनी की दुकान, पंचर की दुकान, सब्जी दुकान, कौशल विकास के कार्य, हाथ करधा कार्य, हस्तशिल्प, बागवानी, कंप्यूटर शिक्षा, बिजली फिटिंग कार्य, व्हीकल रिपेयरिंग व और भी कार्य कराए जाते हैं। यह सभी कार्य उनके कौशल को बढ़ाते हैं और क्षमतावधऺन करते हैं। इससे उनमें कार्य कुशलता बढ़ती है। इस कार्य की सीख और उसे स्थापित करने से रोजगार पनपता है और उनका आर्थिक विकास भी होता है।  इस कार्यक्रम का उद्देश्य विकलांग युवाओं को व्यावसायिक कौशल निर्माण और प्लेसमेंट समर्थन निर्माण के माध्यम से वितिय रूप में स्वतंत्र जीवन जीने में सक्षम बनाना है। कौशल निर्माण और रोजगार सहायता की दिशा में निदेशित प्रयासों के माध्यम से प्रशिक्षु

समावेशी विकास: दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्धता

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष बड़े उत्साह के साथ विकलांगता दिवस मनाया जाता है। समाज एवं विकास के प्रत्येक स्तर पर दिव्यांग लोगों के अधिकारियों और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष 3 दिसंबर के दिन विश्व विंकलागता दिवस मनाया जाता है। इसे अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दिव्यांगों के प्रति व्यवहार में बदलाव लाना है व विकृति से ग्रसित लोगों के साथ ही अन्य परिजनों को उनके अधिकार के लिए जागरूकता फैलाना है। इसको मनाने का एक और उद्देश्य उनके प्रति करुणा, आत्मसम्मान और जीवन को बेहतर बनाने का समर्थन और सहयोग दोनों करना है। इसके लिए राजस्थान समग्र कल्याण की टीम प्रत्येक गांव के दिव्यांग व उनके परिवार को ऐसे स्थान पर एकत्रित किया जाता है जहां पर उनको उठने बैठने की सुविधा मिल सके फिर उनके साथ पूरे दिन वहाँ कार्यक्रम किए जाते हैं व उनका मनोरंजन पूर्ण तरीके से सिखाया फिर समझाया जाता है। उनके साथ चचा, प्रश्नोत्तरी, चित्रकला, नृत्य, मनोरंजक गतिविधियां की जाती है और उत्साह वर्धन में उनकी अभिरूचिया जानी जाती है। उनके द्वारा तरह-तरह की

वंचितों का उत्थान - आशा और सम्मान के माध्यम से कमज़ोर समुदायों को सशक्त बनाना

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मेरा नाम भेरूलाल है और मैं बहुत गरीब और विकलांग व्यक्ति हूं। मेरे घर में मेरी मां मेरे साथ रहती है। वह भी काफी बुजुर्ग है। इस असमर्थता के कारण हमारी माली हालत बहुत ही खराब है। कुछ छोटा मोटा कार्य करके हम जैसे तैसे गुजारा कर लेते हैं। मेरी इस स्थिति को मैंने अपने सरपंच के सम्मुख रखा। फिर उन्होंने बताया कि राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा गरीब, अपाहिज़, विकलांग,निराश्रित,विधवा महिलाओं को संस्था की तरफ से रसोई खाद्यान्न हेतु राशन सामग्री वितरण किया जाऐगा जिसको प्राप्त करने पर उनको कुछ सहायता मिलेगी। यह गांव के उन सभी व्यक्तियों को मिलेगा जिनको वास्तव में इसकी बहुत जरूरत है। इस बात को सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई। फिर राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम द्वारा हमारे गांव में सर्वे करने आई जिसमें मैंने अपना नाम लिखवाया जिसके लिये उन्होंने राशन कार्ड व आधार कार्ड की प्रति मांगी। उसके कुछ दिनों बाद ग्राम पंचायत पर हम सभी  असहाय, निशक्त, बेसहारा, विकलांग, अपाहिज, व गरीब व्यक्तियों को राशन सामग्री का वितरण किया गया, जिसमें सभी को आटा, दाल, चावल, खाद्यान्न तेल, मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, धनिया,