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"समाजिक बदलाव की नींव: महिलाओं के लिए उद्यमिता प्रशिक्षण"

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मेरा नाम केसर सिंह है मैं जालिया गांव का सरपंच हूँ वर्तमान में हमारे यहाँ राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के द्वारा गांव में महिलाओं के साथ जीवन कौशल व् उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया ! जिसमे गांव की लगभग 350 महिलाओं ने भाग लिया ! इस कार्यक्रम में महिलाओं से संबंधित कार्यो के बारे में पूछा गया और लघु व् कुटीर उद्योगो के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया ! जीवन का अपने कार्य से कैसे हम कुशल संचालन करे और उसके लिए किन बातों की आवश्यकता होती है इन बातों पर चर्चाये की गई ! साथ ही ग्रामीण परिवेश में किस किस प्रकार के लघु व् कुटीर उद्योगो के जरिये महिलाये अपनी आर्थिक गतिविधियाँ संचालित करती है उस विषय पर विभिन्न माध्यमो से इन्हे अवगत करवाया गया !  जीवन का चहुँमुखी विकास तभी संभव होगा जब परिवार का हर सदस्य आर्थिक गतिविधि कार्य में निहित हो और उसका समय समय पर ध्यान रखता हो ,घर में मात्र एक जाने के कमाने से सभी घरेलु खर्च पूर्ण नहीं हो पाते है ! अंत जीवन रूपी इस गाड़ी का अपने सभी पहियों पर बराबर चलना बहुत जरुरी है ! आज भी हमारे ग्रामीण इलाको में स्त्री का घर से निकलना अच्छा नहीं मन

"सकारात्मक दृष्टिकोण: महिलाओं के व्यवसाय में आत्मविश्वास की वृद्धि"

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जीवन में एक सरलता प्राप्त करने के लिए हमारा किसी भी कार्य में कुशल होना अति आवश्यक है ! कोई भी कार्य उसकी निपुणता के बगैर करना संभव नहीं है इसके अभाव में मानव एक निष्क्रिय जीव है जो केवल अपना भरण पोषण कर जीवन व्यतीत करता है वही बात किसी भी समाज को उन्नति का मार्ग दिखाती है ! और विकास को तेजी से आगे लाती है ! जिसके उदाहरण हमारे विश्व की महाशक्तियां है जो सभी अपने कार्य में पूर्ण दक्ष है और दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत्र है ! इसी क्रम में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा अनेकों गांव में महिला सम्बन्धी जीवन कौशल व् उद्यमिता विकास कार्यक्रम में सभी को इस विषय में गहनतम जानकारियाँ दी जा रही है ! जिसमे महिला सशक्तिकरण के मध्य नजर उनको कार्यों का वर्गीकरण व् उसकी कार्य विधि के बारे में समझाया जाता है !  यह जरुरी नहीं के हम कोई बड़ा कार्य करने के पश्च्यात ये विकास की दर को आगे बड़ा सकते है ! हमारे पास मौजूदा संसाधनों का उपयोग करके भी हम उसे उन्नत बना सकते है और अपने कार्य को धीरे धीरे आगे बड़ा सकते है ! आपकी मेहनत हमेशा रंग लाएगी हमे हमारा दृष्टिकोण विशाल बनाना होगा तभी हम अपने आस पास की वस्तु

"बाधाओं को तोड़ना: हर बच्चे में आत्मविश्वास और समानता का विकास"

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  लैंगिक समानता वो भावना है जहां पर सभी को बराबर समझा जाये और जहा पर किसी प्रकार का भेद उसमे समाहित न हो ! हमारे समाज में आज भी यह चलन बहुत विधमान है जहां पर बालिका शिक्षा व् समानता बहुत काम आंकी जाती है ! यही दृश्टिकोण हमे पीछे की और ले जाता है और समाज में एक विकृत कुरीति के रूप में जन्म लेता है जो हम सभी को हीं भावना से दूषित कर हमारे मन मस्तिष्क में नकारात्मकता भर देता है ! जिससे विकास की दर कम होती है और समाज व् देश पिछड़ जाता है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान अजमेर द्वारा ग्रामीण एवं शहरी भागों के निचले इलाको में ,झुग्गी झोपड़ी , स्लम एरिया में गरीब बच्चों के साथ जीवन कौशल व् लैंगिक समानता कार्यक्रम करवाए जाते है ! जिसमें बच्चों को अनेक प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से उनकी सोच को सकारात्मक बनाया जाता है ! और कुशल व् सफल जीवन के आयामों से अवगत करवाया जाता है ! जीवन को सही प्रकार से जीने हेतु शारारिक स्वच्छता के साथ मानसिक रूप से सशक्त  होने की आवश्यकता है जो हमे सकारात्मकता प्रदान करे और सही निर्णय लेने में हमारा साथ दे यह लैंगिक समानता द्वारा जो विभक्तिकरण समाज ने किया है यह सही

"महिलाओं में उद्यमिता: आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम व कुटीर उद्योगों का भविष्य "

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जीवन में धन अर्जित करना व् जीवन का सुव्यवस्थित संचालन करना अतिआवश्यक है इसके लिए किसी कार्य का होना व् उसमे निपुणता हासिल करना जरुरी होता है यह जरुरी नहीं पूर्ण शिक्षा के बाद ही कोई काम कर सकता है जो काम पड़े लिखे है वो भी अपने छोटे मोटे कार्य को कर के अच्छा धन अर्जन कर सकते है यह छोटे उद्योग हमे अच्छा धन मुनाफा प्रदान करते है ये कई तरह के होते है कुछ हाथ करघा उद्योग होते है तो कुछ पशुपालन सम्बन्धी तो कई कृषि सम्बन्धी होते है इन्हे सफलतापूर्वक जीवन में संचालित करना ही उद्यमिता कहलाया जाता है ! एक कुशल व्यक्ति अपने कुशल नेतृत्व के जरिये अपने छोटे से व्यवसाय को और भी बड़ा कर सकता है ! यही सफलता का सोपान होता है !  सरल शब्दो में अगर इसे व्यक्त करे तो जीवन कौशल विकास एक आजीवन प्रकिया है जो व्यक्तियों को बढ़ने और परिपक़्व होने में मदद करती है उन वास्तविकताओ को पहचानना जिन्हे बदला नहीं जा सकता और उन्हें स्वीकार करना , व् अपने महत्त्व को पहचानना , सभी लोग एक सामान नहीं होते तथा इस प्रकार की विविधता का इस क्षेत्र में होना अच्छा है ! जीवन कौशल में व्यक्ति के समग्र व् सम्पूर्ण व्यक्तित्व को ध्यान मे

"आर्थिक स्वतंत्रता: वित्तीय साक्षरता का महत्व एवं नई आर्थिक संभावनाएँ "

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  ह मारा भारत बदल रहा है देश व समाज सभी प्रकृति की राह में अग्रसर है जो नए आयामों से अवगत करवाता है और सभी को जागरूक व् सजग बनाता है ! इसी क्रम में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान अजमेर द्वारा ग्रामीण महिलाओं के साथ वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम किया है जिसमें उनको आधुनिकतम तरीकों के उपयोग के बारे में बताया जाता है जिसमें उनको डिजिटल लेन देन के लिए प्रोत्साहित करना है ! व् इनके जरिये नगदी रहित आर्थिक प्रणाली को अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता है इसके कई लाभ हमे देखने को मिलते है लोगों को समय पर जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलती है ! इसमें अप्रत्याशित स्थितियों का सामना करने में मदद मिलती है वित्तीय साक्षरता के लिए बजट बनाना ,कमाई करना , निवेश करना , ऋण प्रबंधन और निरंतर शिक्षा जैसे कौशल सिखने होते है यह हमे कुशल प्रबंधन करना सिखाता है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इन्हें बैंकिंग व्यवस्थाओं के बारे में बताया व् समझाया जाता है ! जिसमें बैंक की समस्त जानकारियां समाहित होती है ! जो उन्हें आर्थिक सुविधा व् जानकारियां प्राप्त करवाती है ! इन सभी बातों का अर्जन करना हमारे जीवन के

जीवन कौशल शिक्षा कार्यशाला कार्यक्रम

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जीवन कौशल वे मूल कौशल है ! जिन्हे प्रत्येक वयक्ति को स्वय और दूसरे लोगों की बेह्तरी के लिए आतंरिक और ब्राह्य रूप से अर्जित और आत्मसात करना आवश्यक है ! जीवन कौशल अनुकूल तथा सकारात्मक व्यवहार हेतु ऐसी योग्यताएं है ! जो व्यक्तियो को दैनिक जीवन की माँगो और चुनौतियों का प्रभावपूर्ण ढंग से सामना करने में समर्थ बनती है ! जिसमे  जीवन कौशल शिक्षा कार्यशाला के साथ साथ व्यक्तिगत गुन भी शामिल होते है जो कार्य स्थल में सफलता सुनिश्चित करते है !  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान ग्रामीण महिलाओं के साथ मिलकर यह कार्यक्रम करते है ! जिसमे जीवन जीने के श्रेष्ठ तरीको को बताया व् अपनाया जाता है ! भविष्य में निर्णय लेने की क्षमता ही आप में नेतृत्व की भावना का विकास करती है ! किसी भी जटिल कार्य को सरलता पूर्वक से और दक्षता से करने की योग्यता ही हमारा कौशल है ! जीवन कौशल शिक्षण का उद्देश्य मौजूदा ज्ञान और सकारात्मक द्रष्टिकोणों और मूल्यों  के साथ साथ नकारात्मक द्रष्टिकोणों और जोखिम भरे व्यवहारो को रोकना है ! जीवन कौशल शिक्षण व्यक्तिगत और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य और सामाजिक समस्याओ की रोकथाम में

सामाजिक उत्थान की दिशा में: राजस्थान में ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण और जीवन कौशल विकास

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रा जस्थान समग्र कल्याण संस्थान अजमेर दवारा ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जा रहा है जिस में लगभग 35 युवतिया भाग ले रही है। इस कार्यक्रम के भी  अलावा उनको जीवन सम्बन्धी कई मुद्दों पर चर्चाये व कार्यक्रम किया जाता है। जीवन शिक्षा उन्हें बढ़ने और विकसित होने के साथ किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में मदद करती है। इसमें निर्णय लेने की प्रकिया में मुद्दों को पहचाना  ,आकड़े एकत्र करना, संभावित कार्यवाही के तरीके तैयार करना , विकल्पों का मूल्यांकन करना और सोच समझ कर निर्णय लेना शामिल है। जीवन कौशल विकास कार्य का मार्ग है।  जीवन कौशल शिक्षा ,किशोरियों के सकारात्मक सामाजिक व् मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक प्रभावी मनोसामाजिक हस्तक्षेप रणनीति पाई गई है। जो मुकाबला करने की रणनीतियो को मजबूत करने और आत्मविश्वास व् भावनात्मक बुद्धिमत्ता विकसित करने जैसे सभी पहलुओ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जीवन कौशल युवाओ में जीवन की वास्तविकताओ का सामना करने के लिए मानसिक  स्वास्थ्य एवं क्षमता को प्रोत्साहित करते है। इस मई हमें आत्मसम्मान, जागरूकता, सहानभूति, महत्वपूर्ण, सोच, रचनात्मक

आशा के धागे: त्रासदी से कुशल उद्यमिता तक

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मेरा नाम सुनीता है। मैं दसवीं कक्षा पास हूं। मेरे पति एक फैक्ट्री में कार्यरत हैं, परंतु कुछ दिन पहले उन्हें पक्षाघात मर गया जिसकी वजह से वह चल फिर नहीं पाते और काम पर भी नहीं जा पाते। हमारे घर के माली हालत ठीक नहीं है। इस वजह से मुझे कभी कभार मजदूरी करके अपना घर चलाना पड़ता है मुझे सिलाई आती थी मगर मेरा हाथ इतना साफ नहीं था। जिस वजह से मैं इस कार्य को आगे तक नहीं कर सकती। फिर एक दिन राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हमारे यहां सिलाई प्रशिक्षण हेतु सर्वे किया गया है जिसमें मैंने भी अपना नाम भी लिखवाया। उसके कुछ दिन बाद एक साक्षात्कार करके हमारे इस प्रशिक्षण शिविर को प्रारंभ किया गया। इस 90 दिवसीय कार्यक्रम में प्रत्येक 8 घंटे हमारी सिलाई की कक्षा चलेगी जिसमें हमें महिलाओं व बच्चों से संबंधित वस्त्र बनाना सिखाए जाएंगे और हमारे कौशल को निकाला जाएगा। इस कार्यक्रम की शुरुआत से हमें हाथों को साधना सिखाया गया, जिसमें एक कुशल कारीगर मास्टर ट्रैक्टर थी। उन्होंने बताया सिलाई कार्य में सबसे पहले इसके उपकरण व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। इस जानकारी के कारण ही हम अपना कार्य

दिव्यांग युवाओं को सशक्त बनाना : अवसरों का सृजन परिवर्तन की प्रेरणा

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हमारे देश में आज बहुत तरक्की कर ली है। विभिन्न प्रकार के कार्य सभी के लिए है जिसमें वह अपनी आय अर्जित कर सकें। गांव में समाज में ऐसे बहुत से विकलांग जन है जिनके पास किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं। ऐसे दिव्यांगों का सर्वे कर उन्हें चिन्हित किया जाता है और उनकों रोजगार के लिए प्रेरित किया भी जाता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इनके साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण कराए जाते हैं, जिसमें परचूनी की दुकान, पंचर की दुकान, सब्जी दुकान, कौशल विकास के कार्य, हाथ करधा कार्य, हस्तशिल्प, बागवानी, कंप्यूटर शिक्षा, बिजली फिटिंग कार्य, व्हीकल रिपेयरिंग व और भी कार्य कराए जाते हैं। यह सभी कार्य उनके कौशल को बढ़ाते हैं और क्षमतावधऺन करते हैं। इससे उनमें कार्य कुशलता बढ़ती है। इस कार्य की सीख और उसे स्थापित करने से रोजगार पनपता है और उनका आर्थिक विकास भी होता है।  इस कार्यक्रम का उद्देश्य विकलांग युवाओं को व्यावसायिक कौशल निर्माण और प्लेसमेंट समर्थन निर्माण के माध्यम से वितिय रूप में स्वतंत्र जीवन जीने में सक्षम बनाना है। कौशल निर्माण और रोजगार सहायता की दिशा में निदेशित प्रयासों के माध्यम से प्रशिक्षु

प्रशिक्षण से सशक्तिकरण तक: कौशल विकास में ग्रामीण महिलाओं की यात्रा

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा अजमेर के ग्रामीण भागो में उनके जीवन को निखारने व् विकासशील बनाने हेतु संस्था की टीम द्वारा 20 गांव में 650 महिलाओ के साथ जीवन कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया। जिसमे उनको विभिन गतिविधियों के माध्यम से जीवन को बेहत्तर बनाने हेतु कई गतिविधिया उनके साथ करवाई जाती है। यह कार्यक्रम उनमे चेतना का विकास करता है और अपने जीवन को एक दिशा देने का काम करता है यह परम्परागत तरीको को पीछे छोड़ विकास की नै तकनीक व् मुद्दों पर चर्चा करता है।  इस प्रशिक्षण में लगभग एक गांव की 30 महिलाओ को इस कार्यक्रम में सम्मिलित किया जाता है और इनको कई गतिविधियों जैसे एक्टिविटी गेम्स ,रिंग,गिलास गेम्स  के माद्यम से , मैजिक , सांप सीढ़ी ,बैलून ,कांच की गोलियों के द्वारा रेस ,पेपर मार्कर इत्यादि के द्वारा उनका ज्ञान वर्द्धन किया जाता है इसमें 18 से 45 वर्ष की सभी बालिका व् महिलाये भाग लेती है। इस उत्त्साह वर्द्धन कार्यक्रम के माध्यम से उन सभी में जागरूकता का विकास होता है। व् अपने जीवन के नए नए आयामों का चुनाव करती है। ताकि अपने जीवन को और बेहतर और सुचारु रूप से चला सके।  जीवन को जीने