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जीवन कौशल शिक्षा कार्यशाला कार्यक्रम

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जीवन कौशल वे मूल कौशल है ! जिन्हे प्रत्येक वयक्ति को स्वय और दूसरे लोगों की बेह्तरी के लिए आतंरिक और ब्राह्य रूप से अर्जित और आत्मसात करना आवश्यक है ! जीवन कौशल अनुकूल तथा सकारात्मक व्यवहार हेतु ऐसी योग्यताएं है ! जो व्यक्तियो को दैनिक जीवन की माँगो और चुनौतियों का प्रभावपूर्ण ढंग से सामना करने में समर्थ बनती है ! जिसमे  जीवन कौशल शिक्षा कार्यशाला के साथ साथ व्यक्तिगत गुन भी शामिल होते है जो कार्य स्थल में सफलता सुनिश्चित करते है !  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान ग्रामीण महिलाओं के साथ मिलकर यह कार्यक्रम करते है ! जिसमे जीवन जीने के श्रेष्ठ तरीको को बताया व् अपनाया जाता है ! भविष्य में निर्णय लेने की क्षमता ही आप में नेतृत्व की भावना का विकास करती है ! किसी भी जटिल कार्य को सरलता पूर्वक से और दक्षता से करने की योग्यता ही हमारा कौशल है ! जीवन कौशल शिक्षण का उद्देश्य मौजूदा ज्ञान और सकारात्मक द्रष्टिकोणों और मूल्यों  के साथ साथ नकारात्मक द्रष्टिकोणों और जोखिम भरे व्यवहारो को रोकना है ! जीवन कौशल शिक्षण व्यक्तिगत और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य और सामाजिक समस्याओ की रोकथाम में

बाधाओं को तोड़ना: उद्यमिता के माध्यम से महिला सशक्तिकरण संघर्ष से सफलता तक

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 मेरा नाम लाडू कंवर है और मैं पुष्कर के नजदीक डूंगरिया कला गांव में रहती हूं। मैं एक विधवा एकल महिला हूं घर में हालात सही नहीं है | घर के काम के अलावा मैं नरेगा में भी जाती हूं और उसी से अपना भरण पोषण करती हूं। मैं जीवन में कुछ करना चाहती हूं। मगर ज्ञान न होने की वजह से मेरे कदम पुनः पीछे आ जाते हैं। फिर एक दिन हमें पता चला कि गांव में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था के द्वारा महिलाओं के लिए उद्यमिता वह लीडरशिप प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा जा रहा है, जिसमें महिलाओं को उद्यमिता वह लीडरशिप की संपूर्ण जानकारी प्रदान की जायेगी | गाँव के नजदीक सामुदायिक भवन में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया | जिसमें गांव की अधिक से अधिक महिलाएं पधारी | कार्यक्रम में संस्था के प्रतिनिधित्व द्वारा भारत के कुटीर उद्योग , हाथ करघा ,उघोग,पशुपालन,बैंकिंग,बचत व कई मुद्दों पर चर्चा की गई और बताया गया। किस तरह हम छोटी पूंजी से भी अपना घरेलू व्यवसाय चालू कर सकते हैं और अपनी आमदनी के स्त्रोत को उत्पन्न कर आर्थिक सशक्त जीवन व्यतीत कर सकते हैं। कार्यक्रम में पोस्टर प्रतियोगिता,प्रश्नोत्तरी,भाषण,खेलकूद के माध्यम से विस्

शिक्षकों को सशक्त बनाना : चुनौतियों से सफलता तक वंचित बच्चों को शिक्षित करना

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  मेरा नाम आशा कंवर है। मैं मानवता गांव में रहती हूं। जहां मैं ड्रॉप आउट गरीब बच्चों की पाठशाला में अध्यापिका के रूप में कार्यरत हूं। यह पाठशाला राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था के तत्वाधान में संचालित की जाती है जो अजमेर के कई गांव में चलाई जाती है। इसके तहत् शिक्षा से वंचित छात्र वे छात्राएं एक स्तर तक अपनी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर अध्ययन कार्य को आगे तक पूरा कर सकते हैं। वह अपनी बौद्धिक क्षमताओं में मानसिकता का विकास करते हैं। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के तत्वाधान में समय-समय पर पाठशाला के टीचरों के लिए टी एल एम कार्यक्रम किया जाता है, जिसमें बताया जाता है। किस तरह हम गांव के उन बच्चों को पाठशाला में दाखिल कराये जो किसी न किसी वजह से आगे नहीं पढ़ पा रहे हैं या तो किसी की मजबूरी है या किसी की गरीबी | पाठशाला में किन बातों को ध्यान में रखते हुए उनका सर्वांगीण विकास किया जाए। इन्ही मुद्दों पर यहां कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। कार्यशाला में पठन व पाठन कैसे कराया जाए किस-किस गतिविधि के माध्यम से उन्हें शिक्षा के प्रति और आकर्षित किया जाए। वह किस तरह गांव में उन बच्चों का चयन क