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बच्चों में अनुशासन और संस्कारों का संचार परिवर्तन की शुरुआत

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मेरा नाम मनोज शर्मा है मैं सरकारी स्कूल में एक शिक्षक के पद पर कार्यरत हूँ ! वैसे तो विधालय में अनुशासन व् संस्कार सभी बच्चों को सिखाये जाते है ! परन्तु जो संस्कार उसे अपने आसपास के माहौल से मिले होते है उनमें उनकी झलक हमे देखने को मिलती है ! व्यक्ति विशेष का व्यवहार और उसके हाव भाव उसकी शख्सियत को दर्शाते है ! अनुशासन व्यक्ति को सभ्य रहना व् अनुशासित रहना सिखाते है जबकि संस्कार उसके व्यक्तित्व को निखारते है ! जो उसे जीवन संचालित करने में सुविधायें मुहैया करवाते है इसी विषय को लेकर हमारे विधालय प्रागण में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम द्वारा 1 दिवसीय अनुशासन व् संस्कार शिविर का आयोजन किया गया ! जिसमे सभी छात्र- छात्राओं ने उत्साह पूर्ण रूप से भाग लिया !  संस्था प्रतिनिधियों द्वारा इस कार्यक्रम की पहले रुपरेखा प्रस्तुत की फिर उनके द्वारा विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से इन बच्चों को इस विषय की जानकारियाँ दी गई ! जिसमे किस प्रकार सुव्यवस्थित तरीके से हम अपनी दैनिक दिनचर्या बनाकर उसका पालन करे ! यह रोजमर्रा के कार्य आगे चलकर हमारा अनुशासन बनाता है जो की सुव्यवस्थित व् सुनियोजित ...