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विधवा महिलाओं के लिए राहत वितरण – एक सहारा, एक सम्मान

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विधवा होना भारतीय समाज में केवल जीवनसाथी के खो जाने का नाम नहीं, बल्कि एक सामाजिक, मानसिक और आर्थिक संघर्ष की शुरुआत भी है। विशेषकर गरीब वर्ग की विधवा महिलाओं के लिए यह जीवन अत्यंत कठिन हो जाता है। ऐसे में जब कोई संस्था आगे बढ़कर उनके लिए सहायता का हाथ बढ़ाती है, तो वह न केवल राहत देता है, बल्कि उनके आत्मसम्मान को भी संबल प्रदान करता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इसी भावना के साथ जरूरतमंद विधवा महिलाओं के लिए राशन वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जो कि एक सराहनीय और समाजोपयोगी पहल रही। विधवा महिलाओं को अक्सर समाज में कई तरह की उपेक्षा और भेदभाव का सामना करना पड़ता है। पति के निधन के बाद जहाँ एक ओर मानसिक आघात होता है, वहीं दूसरी ओर आर्थिक रूप से भी वे पूरी तरह निर्भर हो जाती हैं। अनेक बार उन्हें घर से निकाला जाता है, या उन्हें समाज के बोझ की तरह देखा जाता है। ग्रामीण और निम्नवर्गीय महिलाओं के लिए यह परिस्थिति और भी कठिन हो जाती है, जहाँ शिक्षा और रोजगार के अवसर पहले से ही सीमित होते हैं। ऐसे में भोजन, दवा, बच्चों की पढ़ाई और रहने जैसी बुनियादी आवश्यकताएँ भी एक बोझ बन जाती है...

ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब बालिकाओं को स्कूल फीस देकर शिक्षा के लिए प्रोत्साहन: एक सामाजिक क्रांति की ओर कदम

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ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब बालिकाओं को स्कूल फीस देकर शिक्षा के लिए प्रोत्साहन: एक सामाजिक क्रांति की ओर कदम शिक्षा हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है, परंतु भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी हजारों-लाखों बालिकाएँ शिक्षा से वंचित हैं। गरीबी, सामाजिक कुरीतियाँ, लैंगिक भेदभाव और संसाधनों की कमी ऐसे प्रमुख कारण हैं, जो इन बालिकाओं के स्कूल पहुँचने की राह में बाधा बनते हैं। जब एक गरीब परिवार के सामने दो समय की रोटी और बच्चों की पढ़ाई में से किसी एक को चुनना होता है, तो अक्सर शिक्षा बलिदान हो जाती है — और सबसे पहले जिसकी पढ़ाई छूटती है, वह होती है बालिका। ऐसे में यदि कोई संस्था या सरकार गरीब ग्रामीण बालिकाओं की स्कूल फीस अदा करके उन्हें स्कूल भेजने में मदद करती है, तो यह केवल आर्थिक सहायता नहीं बल्कि एक सामाजिक क्रांति का बीज होता है। यह एक ऐसा कदम है, जो न केवल किसी लड़की का भविष्य बदलता है, बल्कि पूरे समाज की सोच, स्वास्थ्य और आर्थिक संरचना को भी सुधारता है।भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में बालिकाओं की शिक्षा की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। कई क्षेत्रों में आज  भी बेटियों को स्कूल भेजने को ज़रू...

"समाज में बदलाव का संदेश : दहेज प्रथा को समाप्त करने की दिशा में एक प्रयास "

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान विगत कई वर्षो से सामाजिक क्षेत्र में कई विषयों पर  संस्था  कार्य कर रही है ।  जो हमारे जीवन में  महत्वपूर्ण स्थान रखते है ।  ऐसे ही समाज का एक विषय है दहेज़ प्रथा !  भारत में   यह एक गंभीर और बेहद सवेंदनशील सामाजिक समस्या है जो हमारे देश के कई परिवारों में फैली हुई है यह गरीब परिवार की लड़कियों के लिए एक चुनौती के समान है। हमारे सामाजिक परिवेश में बदलाव बहुत जरुरी है इसका उदहारण राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा दिया गया।  संस्था अर्द्ध ग्रामीण क्षेत्र की एक गरीब लड़की को दहेज़ के रूप में बहुत सा सामान देकर उनको एक तरह की सहायता प्रदान की , जिससे उसके परिवार वालो को विवाह के खर्चो में राहत मिलेगीं और लड़की का विवाह सुगमता के साथ होगा और एक सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिलेगा।  संस्था द्वारा उठाया हुआ यह कदम दहेज़ प्रथा को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है यह न केवल उस गरीब लड़की की मदद है बल्कि यह हमारे समाज को एक सन्देश भी देता है की इस दहेज़ प्रथा जैसी सामाजिक बुराई का अंत होना चाहिये। संस्था द्वारा ल...

"किसान की खुशहाली के लिए बीजों की सौगात : किसानों के लिए उम्मीद की किरण "

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हमारी धरती पर छाया हुआ हमे जीवन प्रदान करता है। और कृषि हमारा जीवन संचालन करती है। भारत के कृषि प्रधान देश है।  जो पूर्णता मानसून पर निर्भर रहता है यह एक तरह  का मौसमी जुआ है जो यदि समय रहते हो जाये तो अच्छी उपज किसानों को उपलब्ध करवाता है और यदि न हो तो किसानों को गरीबी रेखा तक ले जाता है।  भारत के ग्रामीण भागों में आज भी किसान की स्थिति दयनीय बनी हुई है। जो पूर्णतया कृषि पर निर्भर रहते है इनकी आय, आमदनी, रोटी, आजीविका सब कुछ यही कृषि होती है। इसी अवस्था को देख राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष गरीब को संस्था की और से निशुल्क बीजों का वितरण किया जाता है जो उन्हें पुनः खेती के लिए प्रोत्साहित करने में मदद करते है। यह उच्च गुणवत्ता के बीज बेहतर उच्च गुणवत्ता वाले होते है।  जो विपरीत अवस्था में भी फूट जाते है।  राज संस्था का उद्देश्य भी यही है की यह गरीब किसान इसकी सहायता प्राप्त उपज से अपनी आजीविका का संचालन कर सकें। यह कार्यक्रम गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे किसानों के लिए किया जाता है। यह काम वर्षा, विपरीत मौसमी परिस्थितियों तथा अन्य प्राकतिक क...

प्रतिस्पर्धा और प्रेरणा : बच्चों को खेलों में प्रोत्साहन देने की दिशा में कदम

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा स्कूलो के बच्चो के साथ विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम किये जाते है जो उनको शिक्षा, खेलकूद, छात्रवृति, व् अन्य सामग्री वितरण के कार्य व् इसके साथ कई सामाजिक , वैश्विक, मुद्दों पर कार्यशालायें भी की जाती है जी उनको प्रेरणा देने का कार्य करते है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा नांदला ग्राम के 12 बच्चो को स्पोर्ट्स सूट बांटे गए ! जो की राष्ट्रीय खेल कूद में प्रतिसपर्धा कर रहे थे ! और अपने ग्राम , समाज, देश का नाम बढ़ा रहे है संस्था की तरफ से एक छोटा सा उनको उपहार है जो बच्चे हमारे देश का नाम रोशन करे उनके लिए यह करना सूरज का दीया दिखाने समान है !  खेलकूद से मात्र शरीर ही फ़ीट नहीं रहता है अपितु शरीर मे अत्यधिक ऊर्जा का संचालन होने लगता है जो किसी खेल के माध्यम से अपनी ऊर्जा को प्रसारित करता है ! और अपनी मंजिल को पाता है ! यही बच्चें आगे चलकर देश का नाम रोशन करते है ! कई बार सामाजिक रूप से पिछड़ेपन और गरीबी के कारण यह अपना प्रदर्शन नहीं कर पाते है ! और देश का अपने समर्थन करने से वंचित हो जाते है संस्था द्वारा स्कूलों से प्राप्त जानकारी इकठा कर इन्ह...

"उद्यमिता विकास से ग्रामीण जीवन में सुधार: संस्थान की एक अनूठी पहल महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम"

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  स्वरोजगार एवं उद्यमिता विकास के माध्यम से आर्थिक स्वत्रंता सवर्धन  हेतु भारत सरकार स्वयं सहायता समूहों का प्रावधान किया है यह ऐसा कार्यक्रम है जिसका उदेश्य क्षमता वर्धन कर लोगों में उद्यमशीलता को प्रबल रूप से बढ़ाना है। या हम कहे उसके श्रेष्ठम कौशल को बढ़ाना, विकसित करना और उसे निखारना है स्वयं सहायता समूह लोगो के छोटे समूह है जिसमें मुख्य रूप से महिलाये है जो ग्रामीण परिवेश में रहती है और पैसे बचाने और एक दूसरे को ऋण प्रदान करने के लिए साथ आते है।  वे उदेश्य , राशि, ब्याज दर, पुनःभुगतान सहित बचत और ऋण गतिविधियों पर एक साथ निर्णय लेते है !  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा स्वयं सहायता समूहो का 1 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम रखा गया है जो उनमें बचत करने के अवसरों को आगे की और ले जायेगा ! और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में उनकी सहायता प्रदान करेगा।  उद्यमिता का अर्थ है बदलाव की तलाश करना , उसका जवाब देना और उसका दोहन करना।  उद्यमी वह होता है जो जोखिम को समझते हुए लाभ की उम्मीद में व्यवसाय स्थापित करता है उद्यमिता का प्राथमिक उदेश्य बेहतर वित्तीय ...

"शिक्षा और स्वास्थ्य का संगम संस्थान का सर्दी बचाव व् छात्राओं को गर्म वस्त्र वितरण"

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शिक्षा जीवन में महत्पूर्ण स्थान रखती है लेकिन इसके साथ समस्त शेक्षणिक सामग्रीयों की जीवन में उतनी आवश्यकता होती है जो इसके पर्याय होती है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा स्कूली गरीब छात्राओं के साथ गर्म वस्त्र ( स्वेटर , जॉकेट ) का वितरण किया जाता है जो उनको इस सर्दी के बचाव से सहायता उपलब्ध करवाता है ! और उन्हें स्वस्थ रखने में उनकी मदद करता है ! संस्था द्वारा लगभग 42 स्कूलो के साथ यह कार्यक्रम किया जा रहा है जिसमे लगभग 1200 स्कूली छात्राओं को इससे लाभांवित किया गया ! संस्था हर वर्ष ऐसे चिन्हित स्कूलो में छात्राओं के साथ एक कार्यक्रम कर उनको इससे लाभान्वित करती है ! जिसमें स्कूल द्वारा भी मदद को तत्पर रहता है ! मानव धर्म मानवता की सेवा करना है समाज के ऐसे वंचित छात्राओं को सर्दी में ऐसे देखकर अच्छा नहीं लगता है ! संस्था द्वारा जब यह ऊनी गर्म वस्त्र इनको दिए जाते है तब इनके चेहरों पर मुस्कान देखते ही बनती है ! यह एक सराहनीय प्रयास है ! संस्था प्रतिनिधि इस कार्य में उनकी पूर्ण मदद करते है ! एक सर्वे के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के मात्र 10 से 20/ छात्रायें ही स्कूल स्वेटर या जैकेट ...

जल जागरूकता एक विश्वसनीय पहल की जरूरत

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जल हमारे जीवन का पर्याय है इस से ही जीवन का संचालन होता है ! यह हमारे दैनिक रोजमर्रा की सभी जरूरतों के लिए बहुत जरुरी है हमारी इस दुनिया में स्वच्छ पीने योग्य पानी मात्र 2 / ही है ! हमको इसके संचय करने के अनेको साधन खोजने होंगे तभी हम अपनी पीढ़ी को सुरक्षित रख पाएंगे ! इसी विषय को लेकर आज पूरी  दुनिया में इसको लेकर चिंतन किया जा रहा है ! जिसको लेकर कई सरकारें ,देश, संस्थाए, निकाय इस विषय पर प्रोत्साहन व् जागरूकता कार्यक्रम कर लोगो को सजग कर रहे है ! ताकि सभी इसके प्रति जागरूक बन सके ! इसे सबसे अच्छा बनाने के लिए हमे आने वाली सभी पीढ़ीयों को जागरूक बनाना होगा तभी इसे हम आगे तक बढ़ा पाएंगे ! नव चेतना यदि सजग व् जागरूक हो तो फिर कोई भी कार्य मुश्किल नहीं होता ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ऐसे ही ज्वलन्त मुद्दों को स्कूली बालक-बालिकाओ के साथ कार्यक्रम सम्पादित करती है ! जिसमे उनको पोस्टर प्रदर्शन, व्याख्यान, रैली, खेलकूद, सेल्फी, अभिभाषण, अभिव्यक्ति, नाट्य मंचन, वाद-विवाद , विचार विमर्श व् कई प्रारूपों से समझाने व् बताने का कार्य करती है ! जिसको देख समझ कर सभी बालक बालिकाएं अति ...

छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम

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छात्रवृत्ति एक प्रकार की आर्थिक सहायता को कहते है ! जिसमे विद्याथीयो को आगे की शिक्षा में आर्थिक रूप से सहायता एवं मानसिक रूप से प्रोत्साहन हेतु प्रदान की जाती है ! इसे प्रदान करने का मुख्य आधार मेघावी अथवा निर्धन विद्याथीयो से होता है ! इसके जरिये मेघावी छात्र जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है उन्हें भी इस सहायता के कारण पढ़ाई  में कोई परेशानी नहीं आती है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा सर्वप्रथम उस जरूरतमंद स्कूल को देखा जाता है ! जहा इसकी बहुत आवश्यकता है ! वह सम्बंधित प्रिंसिपल से मिलकर उन विद्यार्थिओं की सूची ली जाती है ! जो वास्तविक रूप से सहायता के लिए जरूरतमंद हो और फिर घर घर जाकर उनकी आर्थिक स्थिति भलीभांति देखी जाती है ! व् इस सहायता के लिए परिवार वालो से बातचीत भी की जाती है व् इस परेशानी के मुख्य कारणों को भी सूचीबद्ध किया जाता है ! ताकि संस्था अपने प्रयासों से इस विकृति या परेशानी को दूर करने में उनकी मदद कर सके ! इसके पश्च्यात भौतिक सत्यापन कर पुन प्रिंसिपल को देय छात्रों की सूचि से अवगत करा कर शाला में एक दिवसीय छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम वितरण कार्यक्रम के दौ...

व्हीलचेयर: विकलांग बच्चे की आत्मसमर्थन की कुंजी व जीवन की राह सुगम

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान विगत कई वर्षों से अजमेर के हर गांव में विकलांगता विषय पर काम कर रही है जिसमें दिव्यांगजनों को दी जाने वाली सहायता पर गौर किया जाता है। कई बार देखा जाता है कि दिव्यांगों को मूलभूत सुविधा मिलनी चाहिए इनसे वो वंचित ही रहते हैं। संस्था द्वारा ग्रामीण भागों में ऐसे लोगों का सर्वे कर उनकी आवश्यकता पर कार्य किया जाता है। कई कारणों से उनको कभी-कभी लाभ नहीं मिल पाता जिसमें गरीबी, अशिक्षा,असमर्थता व जानकारीयो का अभाव होता है। अधिकतर दिव्यांगों को निराशा पूर्ण जीवन व्यतीत करना पड़ता है जिससे उनमें  हीनभावना का जन्म होता है। इस विकार को दूर करना समाज के लिए बेहद जरूरी है। मेरा नाम जींवराज है। मैं फुटकर मजदूरी करके अपना घर चलाता हूं। मेरे तीन बच्चे और पत्नी हैं। मेरा सबसे बड़ा बेटा दोनों हाथ पैर से अपाहिज है। वो कहीं चल फिर नहीं सकता। उसे किसी न किसी सहारे की आवश्यकता होती है और मैं उसका इलाज करवाने में में असक्षम हूं। इस बात का मुझे बहुत दुख होता है। फिर हमारी पंचायत में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम आई। उन्होंने मेरे घर का सर्वे कर मेरी स्थिति जानी और मुझे...

राशन वितरण जीने का एक और अवसर

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  मेरा नाम डाली बाई है और मैं जनाजा के टाटगढ़ में रहती हूँ | मैं एक एकल विधवा महिला हूँ | जिसकों सरकार से 500 रू मात्र पेंशन प्राप्त होती है वृद्ध होने के कारण मैं कोई भी कार्य करने में असक्षम हूँ कोरोना काल के बाद मेरी माली हालत और भी खराब व बदतर हो गई घर में खाने को कुछ न रहा अब मैं कहाँ जाऊँ कैसे अपना जीवन यापन करूँ| फिर हमारे गांव के संरपच ने बताया अजमेर की एक संस्था द्वारा असहाय, गरीब, निशक्त, बेसहारा, विधवा, एकल महिला, व विकलांग लौगो का सवऺ कर उन्हें राशन वितरित किया जायेगा | फिर राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था के द्वारा सवऺ कर हमें राशन राहत सामग्री प्रदान की गई जिसमें हमें आटा, दाल, चना, मूंग, दलिया, तेल, नमक, शक्कर, चाय पती, मिचीऺ , धनिया, हल्दी, चावल, व रसोई की सभी खाघ सामग्री दी गई | इस सामग्री से मेरी कई माह की भोजन आवश्यकता पूरी हो जायेगी | व इससे अपनी जरूरत की सभी पूर्ति कर संकूगी | राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था के द्वारा असहाय, गरीब, निशक्त, बेसहारा, विधवा, एकल महिला, व विकलांग लौगो के लिये यह कार्यक्रम बहुत लाभप्रद है संस्था का इस निरपेक्ष असहाय वगऺ की ज...