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पर्यावरण बचाओ - जल संरक्षण जल स्वच्छता कार्यक्रम

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जल ही जीवन है, यह जीवन का आधार है। हमारी संपूर्ण धरती पर 71 % हिस्सा पानी से ढका हुआ है, जबकि 1.6% अपनी जमीन के नीचे है और 0.01% में वाष्प व बादल के रूप में है। इनमें से पीने योग्य पानी धरती पर मात्र 2.7 % ही है। जीवन के लिए उनकी आवश्यकता बहुत जरूरी है परंतु इंसान द्वारा धरती को छेद- छेद कर इसका विद्वोंहन लगातार हो रहा है। जिसे जमीनी पेयजल खत्म होता जा रहा है और जल धरती के और नीचे तक जाता जा रहा है। पर्यावरण में लगातार प्रदूषण की वजह से हमारा पेयजल दूषित हो रहा है। मानव औद्योगिक कचरा में मल मूत्र और अन्य रासायनिक पदार्थ सब नदियों में डालकर मीठे पानी  पेयजल का सर्वनाश कर रहे हैं। धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी है क्योंकि बिना जल के जीवन संभव नहीं है। पूरे ब्रह्मांड में एक अपवाद के रूप में धरती पर जीवन चक्र को जारी रखने में जल मदद करता है क्योंकि धरती इकलौता ऐसा ग्रह है जहां जल और जीवन दोनों मौजूद है। धरती पर सभी जीवों के लिए जल एक बहुमूल्य संपदा है। जल हमारी बुनियादी जरूरत में से एक है। साफ पानी के स्रोत जनसंख्या की तुलना में बहुत कम रह गए

विद्यालयों को सशक्त बनाना: जल शोधन प्रणाली स्थापित करना

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मेरा नाम विशाल गुप्ता है मैं एक अध्यापक हूँ और पास के पींसागन गाँव में रहता हूँ | राजस्थान में एक ओर जहाँ पानी न होने की समस्या विघमान है वही कही पीने योग्य पानी में फ्लोराईड बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है | जिससे दातों व हड्डीयों के बहुत सारे रोग उत्पन्न हो जाते हैं | लगातार इसके सेवन से बहुत बीमार पड़ जाते हैं व क ई बार इससे मृत्यु तक हो जाती है | भारत सरकार द्वारा इस संदर्भ में कई जल स्वच्छता व जल संरक्षण के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं | हमारे स्कूल प्रांगण में पहले हैडपम्प से पीने योग्य पानी लिया जाता था जिसको सभी बच्चे व स्कूल प्रशासन पीने में काम लेता था | उस जल में ना तो कोई खनिज लवण थे नाजल जैसी स्वच्छता थी इसके सेवन से आये दिन कोई ना कोई बीमार पड़ जाता था | पानी में फ्लोराईड युक्त था जिसके कारण हड्डियों के रोग व दातों में दर्द की समस्या बढ़ गई थी | फिर स्कूल प्रशासन ने इस समस्या से उबरने हेतु सामाजिक कार्य कर रही राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था से सम्पऺक किया व इस समस्या से संस्था प्रतिनिधीयों को अवगत करवाया | संस्था द्वारा आश्वासन दिया कि इस समस्या का शीध्र समाधान वो क