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आगामी पीढ़ियों के लिए हरित भविष्य वृक्षारोपण से पर्यावरण को पुनर्जीवित करना

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राजस्थान सम्रग कल्याण संस्थान पर्यावरण को लेकर काफी सजग व् जागरूक है उसका मानना है इस धरती को वृक्ष विहीन करने पर सम्पूर्ण धरती का नाश हो जायेगा ! जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल होगा व् धरती पर ऑक्सीजन लगभग न के बराबर हो जाएगी ! ऐसी परिस्थितियां मानव स्वयं अपने लिए निर्माण कर रहा है ! जो खुद उसकी प्रजाति के लिए बेहद घातक सिध्द होगा ! यह विषय समाज, देश, दुनिया के लिए अत्यंत शोचनीय बनता जा रहा है ! इसके कारण बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन हमे देखने को मिल रहा है ! जिसमें तापक्रम का प्रति वर्ष बढ़ना, अतिवृष्टि होना, मिट्टी का कटाव होना, भूस्खलन होना, समुन्द्र के जल स्तर में बढ़ोतरी , भूकंप, विस्फोट ,ज्वालामुखी आदि समस्याऐं उत्पन्न हो रही है ! वृक्षों का निरंतर काटा जाना इसकी मुख्य वजह है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान हर वर्ष वर्षा ऋतु के आस पास ग्रामीण काश्तकारों के साथ मिलकर वृहद पैमाने पर्यावरण  संरक्षण के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम में काश्तकारों को फलदार पौधे , पेड़, व् खाद का वितरण किया जाता है ! संस्था ने इस वर्ष लगभग 61 परिवारों के साथ यह कार्य किया गया इसमें 450 पौधे का वितरण लगभग 65

खाद बीज वितरण कार्यक्रम

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 राजस्थान में इस बार अच्छी वर्षा के चलते सभी काश्तकार के चेहरे पर मुस्कान है हर जगह पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है ! इसके द्वारा गरीब किसान को अपनी फसल बुवाने में कोई समस्या नहीं आएगी ! इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा 10 गांव 50 किसान परिवारों को संस्था की तरफ से सर्वे कर गरीब किसानों को बीज व् खाद का वितरण किया गया ! जिसमे उन्हें वर्मी कम्पोस्ट खाद व् बीज का दिये गए इस खाद के प्रयोग से जमीन की उर्वेरकता बढ़ती है ! जो की हमारे शरीर के लिए हानिकारक नहीं है व् बीज भी काफी अच्छी क़्वालिटी के दिये गए जिससे उनमे रोग क्षमता काम से काम हो ! संस्थान द्वारा किये जाने वाला यह कार्य किसानों को प्रोत्साहित करता है ! व् उन्हें लाभ पहुचता है उन्हें बताया गया की वह धान्न के बदले अन्य फसलों को लेने पर प्रोत्साहित करे ! जिससे किसानो के हित में  बढ़ोतरीया हो सकें ! उनको समूहों में कृषि करने के लिए प्रेरित करे व् फलदार उपज लगाये जाने पर विस्तृत चर्चा करे ! आजकल डी ए पी व् अन्य दूषित केमिकल के उपयोग से हमें काफी नुकसान पहुंच रहा है ! साथ ही धरती में बंजरता निरंतर बढ़ती जा रही है ! यदि हम

जीवन के सुलभ बेहतरीन व्यवस्था आयाम खोजें

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  मेरा नाम भैरू लाल है मैं डूमाड़ा गाँव में रहता हूँ पेशे से काश्तकार व मजदूरी कार्य करता हूँ मेरे घर के आंगन में एक छोटा सा किचन गार्डन है जिसमें कुछ पौधे लगा रखें है राजस्थान में पानी की समस्या और क्या अहमियत है हम सब जानते हैं परन्तु जानकारी के अभाव के कारण हम कोई कार्य कर नहीं पाते हैं एक दिन हमारे गांव के सामुदायिक भवन में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था के प्रति निधि आये व उनके द्वारा हमें किचन गार्डन कार्यक्रम के बारे में समझाया गया | जिसमें बताया कि किस तरह से हम घर की जरूरतों में उपयोग हुये व्यर्थ को अपने किचन गार्डन में काम में लाये और इस काम को फलदायक बनाये | फिर कुछ दिनों बाद राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था  के द्वारा हमें साग-सब्जी तरकारी के बीज वितरित किये गए | जिसमें धनिया, मिचऺ, टमाटर, लौकी, करेला, भिंडी, तोरई, टिण्डा, गाजर, मूली इत्यादि थे | मैंने अपने घर के आंगन में सभी बीज रोपकर व खाद पानी डालकर उन्हें रोपित कर दिया कुछ समय बाद वे सभी बीज अंकुरित होकर फल-फूलनें लगे | फिर उनसे जरूरत के हिसाब से हम  सब्जियां प्राप्त करने लगे | इससे जो प्रत्येक माह का खचऺ सब्ज