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झुग्गी- झोपड़ी ,स्लम , स्ट्रीट, डेरों व् गन्दी बस्तियों में सर्दी बचाव हेतु कम्बल वितरण कार्यक्रम

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मानव जीवन में यदि शरीर का बचाव पूर्णतया किया जाए तो जीवन के सभी कार्य सुगमता से पूर्ण होते है यदि शारारिक कष्ट मिले तो अक्षमता, लाचारी, बीमारी और कभी- कभी मृत्यु भी हो सकती है समाज का का ऐसा ही वंचित वर्ग हमारे शहर के आसपास झुग्गी- झोपड़ी ,स्लम , स्ट्रीट, डेरों व् गन्दी बस्तियों में प्राय देखने को मिल जायेगा।  जो अपनी गरीब व् लाचारी के चलते स्वयं का शारारिक बचाव करने में असमर्थ होते है इस भीषण सर्दी में शरीर को गर्म वस्त्रों  से आवरण करना बहुत जरुरी है। नहीं तो इसके कारण ये बीमार हो सकते है।  गरीबी समाज का वो कलंक है जिसमे ये गरीब सदा पिसते रहते है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इनको इस सर्दी से बचने हेतु गर्म कम्बलों का वितरण किया जाता है।  संस्था उन स्थानों पर जाकर गरीब बच्चों , महिला, पुरुष, असक्षम लोगों को सर्दी बचाव हेतु गर्म कम्बल प्रदान करते है। अपनी गरीबी, लाचारी, विवशता के कारण यह अपनी जरूरतों को कभी पूरा नहीं कर पाते है। कोई न कोई वस्तु या अन्य का इनको हमेशा अभाव बना रहता है। एक मानव की सच्चे भाव से सेवा करना मानवता कहलाता है हमे यह भाव रख निस्वार्थ ...

स्ट्रीट बच्चों के साथ क्रिसमस डे मनाना कार्यक्रम

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जीवन में खुशियाँ वो भाव है जो यदि किसी और के साथ साँझा की जाए तो यह दुगुनी हो जाती है हमारे यहाँ सभी धर्म समुदाय के त्यौहार बड़ी धूमधाम से हर्षोउल्लास के साथ मनाये जाते है। सर्दी में आने वाला क्रिसमस डे बच्चों का अत्यन्त प्रिय त्यौहार है जो बच्चों को बहुत उत्साहित करता है। विश्व के कई देश इस पर्व को मनाते है मान्यता है की इस दिन सांता क्लॉज बच्चों के लिए तोहफे लेकर आते है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा भी हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी झुग्गी झोपड़ी, स्लम, स्ट्रीट में रहने वाले गरीब बच्चों के साथ यह त्यौहार बहुत हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया।  बच्चें संस्था प्रतिनिधि को आता देख मुस्कुरा देते है जो उनके लिए खुशियों का खजाना लेकर आते है।  संस्था इन इलाकों में जाकर सभी बच्चों को एकत्रित कर उनके साथ क्रिसमस डे का जश्न मानती है। इसमें संस्था बच्चों को सांता क्लॉज की ड्रेस पहनाकर उनके साथ रंगारंग कार्यक्रम आयोजित करती है जिसमे गायन, वादन, नृत्य, खेलकूद व् बहुत सी सांस्कृतिक गतिविधियाँ उनके साथ की गई। सभी बच्चों ने इस कार्यक्रम में अति उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में स...

महिला हिंसा रोकथाम व् नियम , कानून के बारे में जागरूकता ( स्ट्रीट बच्चों के साथ कार्यक्रम )

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महिला हिंसा मानवीय व्यवहार का वो कृत्य है जो मानवता को शर्मशार करता है। और समाज में हमारी गिरी हुई मानसिकता को दर्शाता है। हमारे आस- पास महिला हिंसा के कई रूप प्राय हमें देखने को मिल जाते है जिसमें एक पुरुष प्रधान समाज की नकारात्मक छवि प्रकट होती है। महिला को सामान अवसर और समानता न देना , उनका शोषण व् विरोध करना, और किसी सम्मानीय अवस्था में न लाना महिला हिंसा को प्रदर्शित करता है। महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा दुनिया के सबसे प्रचलित मानवाधिकार उलांघनो में से एक है। जो दुनिया के हर कोने में हर दिन कई बार हो रही है। इसका महिलाओं और लड़कियों पर गंभीर अल्पकालिक और दीर्धकालिक शारारिक, आर्थिक,मनोवैज्ञानिक परिणाम होता है। जो समाज में उनकी पूर्ण और समान भागेदारी को रोकता है।  व्यक्तियों और परिवारों व् पुरे समाज के जीवन में इसके प्रभाव की भयावहता अथाह है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा शहर के झुग्गी-झोपड़ी ,स्लम, स्ट्रीट, डेरों में व् निचली बस्तियों के बच्चों के साथ महिला हिंसा रोकथाम व् नियम कानून के बारे में जागरूकता कार्यक्रम किया गया। इस 1 दिवसीय कार्यक्रम में बालिकाओ के ...

बाल विवाह रोकथाम नियम और कानून वयाख्या ( स्ट्रीट बच्चों के साथ कार्यक्रम )

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हमारे समाज की अशिक्षित, अर्द्धविकसित और दुष्टपरिणामों से भरी विचारधारा बाल विवाह है जहाँ एक मासूम को उस बलिवेदिका में धकेला जाता है। जिससे वो अभिग्नन है और इस विषय की कोई जानकारी प्राप्त नहीं है।  अशिक्षा, अज्ञानंता, अबोधता, गरीबी, लाचारी, विवशता और सामाजिक दबाव व् कुरीतियों की वजह से यह समाज में अपनी जड़ें अभी तक फैलाये हुए है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा शहर के झुग्गी झोपड़ी, स्लम एरिया, स्ट्रीट, गन्दी बस्तियों व् गरीब डेरों के बच्चो के साथ यह 1 दिवसीय बाल विवाह नियम और क़ानूनी जागरूकता कार्यक्रम किया गया।  जिसका उद्देश्य इस विषय पर उनको सम्पूर्ण जानकारियाँ देना है।  ताकि वो अपने भविष्य के प्रति सचेत , सजग व् सुरक्षित रह सके।  एशिया के कई देशों में बाल विवाह वहा के समाजों में अविकसशीलता का हिस्सा है।  जहा एक मासूम को समय से पहले इस दलदल में डाल दिया जाता है।  जिससे मानसिक, शारारिक, आर्थिक, सामाजिक, भौतिक व् मनोवैज्ञानिक विकास नहीं हो पाता है।  संस्थान द्वारा फिलिप चार्ट, सेल्फी, व् संबोधन , भाषण के माध्यम से बच्चों को इस विषय पर अवगत करवाया जा...

6 दिवसीय शैक्षणिक शिविर का आयोजन ( स्ट्रीट बच्चों के संग )

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 राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के तत्वाधान में शहर के झुग्गी झोपड़ी , स्लम, स्ट्रीट व् गन्दी बस्तियों व् डेरों के गरीब बच्चों के साथ 6 दिवसीय शैक्षणिक शिविर का आयोजन किया गया।  जिसमे उनको प्राथमिक अक्षर ज्ञान ,पहाड़े, कहानियां, कवितायेँ  आदि पढ़ाये व् गुणवत्तापूर्ण तरीके से सिखाये जाते है।  यह निशुल्क प्रशिक्षण शिविर हमें सामाजिक बुराइयों से दूर रखने असहायों की सहायता करने तथा संसाधनो के उपयोग के लिए क्षमता और कौशल को विकसित कर राष्ट्र की समृद्धि में सहायक होता है।  यह जीवन में कुशलता पूर्ण अनुशासन एवं व्यवहार सिखाता है।  शिक्षा बेहतर जीवन जीने का साधन और साध्य दोनों है। यह अन्धकार से प्रकाश की और ले जाने वाला कार्यक्रम है।  शिक्षा के बिना लोग गरीबी और पिछड़ेपन की अंतर पीढ़ीगत चक्र में फसं जाते है।  इस कार्यक्रम में इन बच्चों को प्राथमिक अक्षर ज्ञान, चिन्हों की पहचान, फल, सब्जी, पौधो आदि के नाम, पहाड़े, गिनती, कविता, कहानियाँ,व्यवहार, अनुशासन, दिनचर्या, शारारिक स्वास्थ्य आदि बातों पर महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी जाती है जो इनके भविष्य  सकारात्मकता का व...

मेक ए विश कार्यक्रम के तहत स्ट्रीट बच्चों को ट्रैक सूट व् मिठाई का वितरण

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा मेक ए विश कार्यक्रम के तहत स्ट्रीट बच्चों को ट्रैक सूट व् मिठाई का वितरण किया गया। संस्थान द्वारा शहर के लगभग 26 स्थानों पर 525 बच्चों को ट्रैक सूट दिया गया।  संस्था हर सर्दी के मौसम में इन जरूरतों से वंचित बच्चों को बचाव हेतु पूर्ण ध्यान रखती है।  यह समाज के वो वंचित परिवारों के बच्चें होते है जो प्रकार से अपनी जरूरतों व् आवश्यकताओ की नहीं कर पाते है और न ही अपने तन का बचाव कर पाते है। समाज का यह वर्ग सदा कोई न कोई अभाव में जीवन यापन करता रहता है।  बीते कई दिनों में मौसम में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। ठंड को देखते हुये संस्था ने यह कार्यक्रम किया। शहर की इन गरीब बस्तियों में रहने वाले गरीब परिवार के बच्चें सर्दी के इस मौसम में ठिठुरन को मजबूर है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का यह मानना है यह कार्य मात्र गर्म वस्त्रों की वितरण ही नहीं करेगा बल्कि सर्दी से बचाव कर उनके शरीर व् प्राणों की रक्षा भी करेगा। जो उनके लिए यथा संभव नहीं हो पाता है।  कही न कहीं चाह कर भी यह प्रयास ये लोग नहीं कर पाते क्योंकि गरीबी का जाल इनको ज...

समाज में बच्चों की सुरक्षा : आत्म-संरक्षण की भावना विकसित करने का प्रयास

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हमारे सामाजिक परिवेश में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव देखने को मिलते है ! जो प्रभाव हमें सदगुण और ऊर्जा देते है वो सकारात्मक श्रेणी में आते है ! और जो हमारी मानसिकता पर नकारात्मक प्रभाव देते हुये जीवन को अस्त वयस्त करते है वो नकारात्मक श्रेणी में आते है कुछ इस प्रकार से समाज में बच्चों के प्रति भाव और स्पर्श बहुत मायने रखता है , एक माता पिता , शिक्षक , घर के बुजुर्ग़ जब अपने बच्चों पर सहानभूति का स्पर्श करते है तो वह मन को एक सुखद अहसास करवाता है जबकि जो स्पर्श अनचाहे अंग को छुये और वह हमे व्यथित करे तो वह बुरा स्पर्श कहलाता है ! यही शिक्षा हमारे स्ट्रीट, झुग्गी झोपड़ी, स्लम एरिया, निचली बस्तियाँ  को देने के लिए राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा एक दिवसीय गुड टच बैड टच का कार्यक्रम किया गया ! जिसमे संस्था प्रतिनिधियों ने सभी बालिकाओं को यह जानकारी प्रदत की ! यह सभी जानकारियां विविध गतिविधि के माध्यम से उनको बताई गई !  अगर सकारात्मक दृस्टि से देखा जाये तो प्रत्येक विद्यालय को यह कार्यक्रम अनिवार्य विषय के रूप में लागू कर देना चाहिये जिससे सभी उम्र की बालिकाओं को...

"वंचित बच्चों के चेहरों पर दीपावली की खुशियाँ संस्थान का विशेष आयोजन"

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दीपावली पर्व का नाम आते ही मन में ख़ुशी ,उंमग , प्रकाश , उल्लास का भाव उमड़ने लगता है मानों अमावस्या की रात पूनम की रात बन गई हो जैंसे , हिंन्दू मान्यताओं के अनुसार दीपावली प्रकाश का त्यौहार है इस दिन सब अपने घरो को साफ का लक्ष्मी ,गणेश , सरस्वती व् राम दरबार का पूजन करते है और पठाखे जलाकर अपनी खुशियों को प्रदर्शित करते है ! यही खुशियाँ अगर हम दूसरों के साथ मिलकर बनाये तो यह ख़ुशी दुगुनी हो जाती है ! हमारे समाज में आज भी ऐसे गरीब परिवार निवास करते है जिनके लिए यह सब कुछ कर पाना मुश्किल होता है राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान हर वर्ष शहर के झुग्गी झोपड़ी , निचली बस्ती, व् स्ट्रीट , अस्थाई डेरों के बच्चों के साथ यह कार्यक्रम मानते है ! उनकी ख़ुशी उनके चेहरों पर देखते ही मात्र से दिल को तसल्ली आ जाती है ! यह वंचित बच्चे इन सभी खुशियों को पाने से सदा गरीबी के कारण वंचित रहते है संस्था का यही प्रयास है की इन बच्चों को हर वस्तु की प्राप्ति हो जो सभी बच्चों को जीवन में प्राप्त होती है !  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के प्रतिनिधि उन स्थानों पर जाकर सभी बच्चों को एकत्रित करते है और उन्हें अच्छे ...

"बाधाओं को तोड़ना: हर बच्चे में आत्मविश्वास और समानता का विकास"

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  लैंगिक समानता वो भावना है जहां पर सभी को बराबर समझा जाये और जहा पर किसी प्रकार का भेद उसमे समाहित न हो ! हमारे समाज में आज भी यह चलन बहुत विधमान है जहां पर बालिका शिक्षा व् समानता बहुत काम आंकी जाती है ! यही दृश्टिकोण हमे पीछे की और ले जाता है और समाज में एक विकृत कुरीति के रूप में जन्म लेता है जो हम सभी को हीं भावना से दूषित कर हमारे मन मस्तिष्क में नकारात्मकता भर देता है ! जिससे विकास की दर कम होती है और समाज व् देश पिछड़ जाता है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान अजमेर द्वारा ग्रामीण एवं शहरी भागों के निचले इलाको में ,झुग्गी झोपड़ी , स्लम एरिया में गरीब बच्चों के साथ जीवन कौशल व् लैंगिक समानता कार्यक्रम करवाए जाते है ! जिसमें बच्चों को अनेक प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से उनकी सोच को सकारात्मक बनाया जाता है ! और कुशल व् सफल जीवन के आयामों से अवगत करवाया जाता है ! जीवन को सही प्रकार से जीने हेतु शारारिक स्वच्छता के साथ मानसिक रूप से सशक्त  होने की आवश्यकता है जो हमे सकारात्मकता प्रदान करे और सही निर्णय लेने में हमारा साथ दे यह लैंगिक समानता द्वारा जो विभक्तिकरण समाज ने किया ...

सामाजिक उत्थान का आधार : गरीब बच्चों को स्वास्थ्य सुरक्षा का अधिकार

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 मेरा नाम शंकरदास है। मैं नाचन बावड़ी स्लम इलाके में रहता हूं। यहाँ सभी बेहद गरीब तबके के परिवार निवास करते हैं। मेरी उम्र 11 वर्ष है मेरे परिवार की आय बहुत ही कम है जिसके कारण हम केवल अपना भरण पोषण ही कर पाते हैं। बाकी आवश्यकताओं की पूर्ति हमारी नहीं हो पाती है जिसका हमें हमेशा ही अभाव रहता है। हमारे यहां राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा वर्ष भर विभिन्न कार्यक्रम कराए जाते हैं, जिसमें अभी सभी गरीब बच्चों को ट्रैकसूट वितरण का कार्य भी हमारे यहां किया गया। राजस्थान समग्र कल्याण संस्था द्वारा गरीब बच्चों को ट्रैक सूट वितरण कार्यक्रम में संस्था सदस्यों ने सर्दी से हो रहे इस प्रकोप के कारण बच्चों का स्वास्थ्य सही रहे इसके लिए सभी निर्धन गरीब बच्चों को संस्था की तरफ से सभी गरीब निधऺन बच्चों को ट्रैक सूट वितरण किया, जिसमें वह अच्छे से अपना ख्याल रख सके और इस सर्दी से अपने स्वास्थ्य का बचाव कर सकें। सभी बच्चे इस उपहार से बेहद खुश थे। इससे बच्चों में सर्दी से बचाव होगा।बच्चों को सर्दी से बचाव के तरीके वह साधन बताए गए जिसमें सर्दी में क्या खाया जाए, वह क्या-क्या पहना जाए। वह किस ...

बच्चों की सुरक्षा: समाज में जागरूकता की ओर एक कदम

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 मेरा नाम शारदा है, मेरी उम्र 14 वर्ष है। मैं अजमेर के ब्यावर रोड पर स्ट्रीट में रहती हूं। बच्चों की सुरक्षा होना कौन नहीं चाहता परंतु हर वक्त माता-पिता बच्चों के साथ नहीं रह सकते हैं । सभी परिवार अपने बच्चों की सुरक्षा चाहते हैं। बच्चों को इसकी शिक्षा का ज्ञान होना बेहद जरुरी है | इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा झुग्गी झोपड़ी व स्लम एरिया के बच्चों के साथ गुड टच बेड टच कार्यक्रम रखा गया, जिसमें हमारे इलाके के सभी बच्चों ने भाग लिया। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था प्रतिनिधियों ने बताया अच्छा स्पर्श व बुरा स्पर्श क्या होता है ? अगर कोई आपके सिर पर हाथ फेर रहा है बालों को खिला रहा है या गाल खींच रहा है तो उसे गुड टच कहते हैं। परंतु जब कोई वही सर के नीचे हिस्सों को छुए या ऐसे हिस्सों को छूयें जहां आपको अच्छा ना लगे तो वह बेड टच होता है। बच्चों के इस बदलते व्यवहार के बारे में आपको जानकारी रखनी चाहिए। ऐसे में छोटे बच्चों के साथ विश्वास का रिश्ता कायम करना बेहद जरूरी हो जाता है। बच्चों के साथ परिवार वाले ऐसा व्यवहार रखें जिससे वह अपनी सभी बातें आपसे शेयर ...

आशा जगाना: राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के साथ शहरी झुग्गी-झोपड़ियों में शिक्षा के अंतर को पाटना

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मेरा नाम अनीता है। मैं एक पार्ट टाइम टीचर का जॉब करती हूं जिसमें समाज के पिछड़े,गरीब ,असहाय झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चे वह शहर की गंदी बस्तियों के पास रहने वाले बच्चों को शिक्षा संबंधी अक्षर ज्ञान गिनती पहाड़े, कविताएं कहानियां ,खेलकूद ,व प्रतियोगिताओं के माध्यम से उनके बौद्धिक स्तर व मानसिक स्तर सुधारने का कार्य करती हूं जिससे उनमें पढ़ने की भावना का विकास हो और अक्षर ज्ञान से वह सब शिक्षा के महत्व को अच्छे से समझ सके। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा अजमेर के कई पिछड़े स्लम भागों में स्ट्रीट व खानाबदोश बच्चों के लिए यह शिक्षा का कार्य किया जा रहा है इस कार्य में मैं 2 वर्ष से जुड़ी हूं। इन बच्चों के पास ना तो रहने की जगह है ना खाने की और ना ही पढ़ाई करने का कोई साधन इनके पास उपलब्ध है। तो उनकी पढ़ाई वह इनका अध्ययन ज्ञान कैसे संभव हो सके ? राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा लगभग शहर की 35 जगह पर यह कार्यक्रम किए जाते हैं। जहां पर बड़ी संख्या में उन बच्चों को पाठशाला के रूप में बैठकर समस्त विषयों का अध्ययन करवाया जाता है। जिसमें सभी बच्चे बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं और शिक्षा के...