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भारत में आत्मविश्वास की और महिला शक्ति के बढ़ते कदम

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भारत में आज का युग बदलता युग है ! जहा एक और परम्परावादी रूढ़ियों का समाप्तीकरण हो रहा है वही दूसरी और भारत  का हर वर्ग शिक्षित व् आत्मनिर्भर बनता जा रहा है आज के इस बदलते युग में महिलाये भी आगे आकर सशक्तिकरण कर रही है और स्वय को शिक्षा या किसी कार्य  के माध्यम से आत्मनिर्भर बना रही है ! महिलाओ की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कौशल उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोड़ दिया जाये तो  वह स्वय के साथ साथ अपने परिवार का भरण पोषण भी कर सकती है व् उनका सामाजिक, आर्थिक ,शैक्षिणक स्तर बढ़ाती है स्वरोजगार की भावना को प्रेरित करती है !   राजस्थान सम्रग कल्याण संस्थान द्वारा इसी क्रम में 3 माह की ब्यूटी पार्लर ट्रेनिंग परियोजना का समापन करवाया गया ! जिसमे सभी प्रशिणार्थियों व् संस्था प्रतिनिधियों द्वारा हर्सोउल्लास से समापन गतिविधियाँ करवाई गई ! जिसमे सभी महिलाओ द्वारा मेहंदी प्रतियोगिता , दुल्हन श्रृंगार ,रेमवॉक ,सावन महोत्सव ,रंगोली सजावट , सर्वश्रेष्ठ छात्रा पुरस्कार ,सक्रिय छात्रा पुरस्कार , गीत - संगीत , नृत्य ,व् विभिन गतिविधियों  के माध्यम से हर्ष के साथ इसे समापित किया गया व् कार्यक्रम के अं

क़ानूनी जागरूकता: महिलाओं और बालिकाओं के लिए सशक्तिकरण का माध्यम

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स माज के कमजोर और वंचित वर्गों निशुल्क और सक्षम क़ानूनी सेवाएं प्रदान करने की भावना और उद्देश्य विफल हो जायेगा यदि कमजोर वर्ग को उनके विभिन क़ानून और सवैधानिक अधिकारों के बारे जागरूक नहीं किया जा सका। निरक्षरता, वयक्ति को उसके साथ किये गए अन्याय को पहचाने में असमर्थ बनती है जब कोई वयक्ति बुनियादी मानवाधिकारो से अनभिज्ञ होता है तो सामाजिक कल्याण योजनायें प्रभावी नहीं हो पाती है। क्युकी वह सरकार दवारा अपने जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए दिए जाने वाले अवसरों का लाभ उठाने में असमर्थ होता है। क़ानूनी साक्षरता मानवाधिकारों को प्रदर्शित करता है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओ एवं बालिकाओ के साथ क़ानूनी अधिकार पर जागरूकता के बहुत से कार्यक्रम वर्ष भर किये जाते है। जिस में महिलाओ के क़ानूनी अधिकारों के बारे में सभी को विस्तारपूर्ण बताया व् समझाया गया। इस मई सबको फिलिप चार्ट के माध्यम से, कहानी व् नाटकीय रूपांतरण द्वारा, यौन उत्पीड़न, व् उसके रोकथाम और उसके उपाय, महिला हिंसा के बारे में और अपराधिक तत्वों से बचाव हेतु समस्त जानकारियाँ  महिलाओ को क़ानूनी अधिकार के बारे में

समृद्धि की दिशा: महिला स्वावलंबन से कृषि तक का सफर

 मेरा नाम मीरा रावत है और मैं करनौस में रहती हूं। मेरे घर पर दो बच्चे,पति,व सास -ससुर साथ रहते हैं। मैं 12वीं तक पढ़ी हूं। पति पैशे से किसान है और मेरे बच्चे भी पढ़ने जाते हैं। सब कुछ सही चल रहा था परन्तु हमें परेशानी तब हुई जब हमारे कुएं में पानी सूख गया और खेती नहीं होने लगी। धीरे-धीरे घर की स्थिति खराब होने लगी। फिर मेरे पति भी मजदूरी करने लगे। अब केवल वर्षा के समय हम खेती करते हैं और हम एक ही फसल प्राप्त कर पाते हैं। इसके बाद मैंने गांव में जो महिलाएं समूह चलती थी, उसमें अपना नाम लिखवा लिया। मैं हर माह अपनी छोटी-छोटी बचत उस समूह में जमा करवाने लगी। धीरे-धीरे हमारा समूह बढ़ता गया। फिर एक दिन राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम आई और उसने हमें समूह के विषय में गहनतम जानकारी दी। व हम महिलाओं को स्वरोजगार के लिए भी बताया जिसमें बचत के द्वारा बहुत सारे स्वरोजगार है जो महिलाएं अपने घर बैठकर कर सकती है, वो हमें बताएं। इसके बाद मैंने राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा मुर्गी पालन व्यवसाय प्रशिक्षण में अपना नाम लिखवाया। व मुर्गी पालन में अपनी अभिरुचि दिखाते हुए इस कार्य पर गहनता से ध्यान

मेरा काम मेरी पहचान

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 मेरा नाम ललिता है मैं एक हाऊस वाईफ हूँ मेरे 2 बच्चे हैं व पति मजदूरी का काम करते हैं जिसके कारण घर की जरूरतें पूरी नहीं हो पाती है इस कारण घर में परेशानी बनी रहती है मेरे हाथ में कोई काम भी नहीं जिसको करके मैं अपने परिवार का साथ निभा संकू | एक दिन पडोसी ने बताया कि अपने यहाँ राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की तरफ से सिलाई प्रशिक्षण होने वाला है जिसमें सभी प्रकार के घरेलू वस्त्र सिलना सिखाये जायेगें | संस्था के द्वारा सवऺ कार्यक्रम में मैंने भी अपना नाम इस कार्यक्रम में अंकित करवा लिया| संस्था द्वारा इस कार्यक्रम में महिलाओं व बच्चों के वस्त्र बनाने का कार्य सिखाया गया जिसमें ब्लाउज, पेटिकोट, कुरती, पजामा, फ्राक, शटऺ, नेकर, व महिलाओं के राजपूती परिधान इत्यादि थे  मास्टर प्रशिक्षक के द्वारा पहले छोटे- छोटे वस्त्र का माॅडल बनाना सिखाया फिर अच्छे कपड़े पर हमने अपना कार्य करना प्रारंभ किया व मास्टर प्रशिक्षक ने सभी वस्त्रों पर बारिकी से बताया की किस तरफ इनको पूरा किया जाये | धीरे- धीरे हमने कुशलता से हमनें  सिलाई कार्य सीखा व अपनी कारीगरी आजमाने लगे इस प्रशिक्षण से हमें बहुत अधिक मनोबल मिला