संदेश

महिला लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

"ग्रामीण महिलाओं की सशक्तिकरण यात्रा: जीवन कौशल और उद्यमिता का प्रभाव"

चित्र
आज के युग में महिला सशक्तिकरण केवल एक विचार नहीं बल्कि एक आवश्यकता  बन चुका है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाऐं सामाजिक और आर्थिक रूप में पिछड़ी हुई है। और उनके पास संसाधनो की कमी होती है हालांकि समय के साथ यह बदलाव आ रहा है और महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों में से एक महत्वपूर्ण पहल है " जीवन कौशल और उद्यमिता विकास कार्यक्रम " जो ग्रामीण महिला के जीवन में बदलाव लाने का एक प्रभावी तरीका बन चुका है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के साथ जीवन कौशल और उद्यमिता विकास कार्यक्रम अति उत्साह के साथ करवाए जा रहे है।  ग्रामीण महिलाओं के लिये जीवन कौशल और उद्यमिता विकास की आवश्यकता अत्यंत महत्व पूर्ण है अधिकांश ग्रामीण महिलाऐं सिमित शिक्षा और संसाधनो के कारण अपनी पूरी क्षमता का उपयोग नहीं कर पाती है। जीवन कौशल का मतलब केवल बुनियादी शिक्षा और प्रबंध से नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता , आत्मविश्वास और समस्या को हल की क्षमता विकसित करने से है वही उद्यमिता विकास उन्हें अपने हुनर को पहचानने और उससे आर्थिक सशक्त...

"महिला हिंसा के खिलाफ सामूहिक संघर्ष : हिंसा को खत्म करने की दिशा में कदम"

चित्र
महिलाओं पर हिंसा इसकी एक लम्बी गाथा है जहाँ यह हमेशा शोषण का शिकार होती रही है। कभी तो शारारिक रूप से तो कभी मानसिक रूप से हुई है ।  यहाँ हमे समाज का वो विकृत चेहरा देखने को मिलता है ।  जिसकी कल्पना करना बहुत मुश्किल है समाज में इन्हे भी समानता का वही अधिकार है जो एक पुरुष को प्राप्त होता है  । परन्तु कभी-कभी ये सब किताबी बातें लगती है। हमे समाज में सबसे पहले शिक्षा के प्रचार प्रसार को बढ़ाना होगा  तभी हम इसके सबल रूप के सकारात्मक प्रभाव से ये सब दूर कर सकते है। बालिका शिक्षा इसको रोकने का माध्यम बन सकता है। शिक्षा ही जीवन में नकारात्मकता को दूर करती है। और अच्छे सदगुणों का जीवन में विकास करती है। महिला हिंसा एक गंभीर सामाजिक समस्या है जो समाज के हर क्षेत्र फैली है। यह एक ऐसी समस्या है  । जो महिलाओं के शारारिक, मानसिक, और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है इस हिंसा को रोकने के लिये हम सबको सकारात्मक कदम उठाने होंगे।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के प्रतिनिधि ऐसे स्थानों पर जाकर जहाँ जीवन की हर आवश्यकता का आभाव हो उन महिलाओं के सकल उत्थान के लिये महिला ...

"हिंसा मुक्त जीवन: झुग्गी बस्तियों में महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षा और शिक्षा"

चित्र
  आजकल हमारे समाज में झुग्गी बस्तियों में रहने वाली महिलाओं और बच्चों का जीवन बहुत कठिनाइयों से भरा हुआ है इनमें से कई महिलाओं और बच्चें हिंसा के शिकार होते है जो शारारिक , मानसिक और यौन उत्पीड़न के रूप में सामने आती है यह इस बात पर केन्दिरत है की झुग्गी बस्तियों में महिला हिंसा के मुद्दे को कैसे समझा जाता है और इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाये जा सकते है राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का मानना है झुग्गी बस्तियां आमतौर पर अव्यवस्थित , संकुचित और संसाधनों की कमी वाली होती है। यहाँ के निवासी मुख्य रूप से कम आय वाले होते है और रोजगार के अवसर भी सिमित होते है ऐसे माहौल में महिलाओं और बच्चों का शोषण अधिक होता है।  महिलाओं की शिक्षा कम होती है। और वे परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिये कई बार घरेलु हिंसा का सामना करती है लेकिन सामाजिक ताने बाने की वजह वे इसे सहन करती है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा प्रतिनिधि इन स्थानों पर जाकर इन बच्चों को सेल्फी , बैनर , प्रशोत्तरी , गतिविधियां , व्याख्यान, आदि माध्यम से जानकारियां देते है जिसमें महिला हिंसा रोकथाम के उपाय बताये जा...

"स्वावलंबन से समाज परिवर्तन तक: SHG महिलाओं के लिए कौशल निर्माण और नेतृत्व विकास"

चित्र
  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा shg की महिलाओ के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में क्षमता निर्माण कार्यक्रम किये गये जिसका उद्देश्य इन महिलाओं को प्रभावी रूप से आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है  जिसमे यह अपना आर्थिक सशक्तिकरण मजबूत बना सके। और अपने महिला अधिकारों का उपयोग कर सकें। और अपने महिला अधिकारों का उपयोग कर सके व् हमारे इस समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।  इस कार्यक्रम के माध्यम से महिलायें व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से अपने जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक आवश्यक कदम है।  इस कार्यक्रम से महिलाये विभिन्न कौशलों को हासिल करती है जो उन्हें अपने परिवार की भलाई के लिए बल्कि समाज में एक सक्रीय सदस्य बनने में भी मदद करती है।  इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य और महत्त्व महिलाओं को आत्म निर्भरता की दिशा में आगे कदम बढ़ाना सभी महिला शक्ति को सामाजिक और क़ानूनी जानकारी देकर जागरूक बनाना , लीडरशीप और सामूहिक निर्णय निर्माण की विचारधारा को प्रबल करना क्षमता निर्माण कार्यक्रम में महिलाओं को नेतृत्व के गुण , टीमवर्क और संघर्ष समाधान के कौशल सिखाये जाते है।  इसमें इन महिल...

"निराश्रितों के लिए आशा की किरण: संस्थान का संवेदनशील कार्य"

चित्र
इंसानी विवशता, मज़बूरी, लाचारी, गरीबी, उसे अपनी जरुरत पूरी करने में अवरोध उत्पन्न करती है। समाज के ऐसे ही वर्ग जिसमे, गरीब, असहाय, अनाथ, निर्धन, बेसहारा, विकलांग, वृद्व बुजुर्ग, मानसिक रूप से कमजोर, बघिर, विधवा व्  एकल महिलाओं के लिए निशुल्क राशन वितरण किया जाता है जो उनके शरीर को शक्ति देता है और जीवन संचालन में मदद भी करता है। कभी-कभी इंसानी परिस्थितियां इतनी प्रबल हो जाती है की जीवन को आगे दिशा की और गति नहीं दे पाती है ऐसी परिस्थिति में एक असहाय की मदद करना उसके प्राणों की रक्षा करना है यही कार्य समाज में मानवता कहलाता है जो एक मानव होने के नाते यह कार्य करना आवश्यक है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण व् शहरी इन वर्ग को उनकी आवश्यकतानुसार राशन वितरण करती है संस्था ने कई जरुरतमंदो को आगे बढ़ने की प्रेरणा से सदा ओतप्रोत रखा है। मानवीय निराशाएं जीवन में मृत्यु का कारण बनती है ऐसी ही एक एकल महिला को संस्था द्वारा राशन सामग्री दी गई। जिसमे उसको आटा, तेल, दाल, चावल, शक्कर, चायपत्ती, धनिया, मिर्च, नमक, सोयाबीन, चन्ना, मूंग आदि सामग्री दी गई।  जो विभिन्न कष्ट दाय...

"राहों पर रोशनी: वंचित लड़कियों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाता पाठशाला कार्यक्रम"

चित्र
शिक्षा जीवन का वो अध्याय है जो जिंदगी की किताब को सर्वश्रेष्ठ बनता है। शिक्षा ही व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने का कार्य करती है यह व्यक्ति को जीवन में बहुआयामी बनाती है संस्था समाज में ऐसे ही ड्राप आउट , वंचित, गरीबी रेखा वाली लड़कियों के साथ पाठशाला कार्यक्रम करती है। जिसमे इन बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने भविष्य को उज्जवल करने पर ध्यान केंद्रित करती है।  सामाजिक दृष्टि से देखा जाये तो यह महिला सशक्तिकरण समाज में महिला शक्ति को प्रतिबिम्बित करता है।  जो अपनी मज़बूरी या विवशता को दरकिनार करके इस पायदान तक पहुंचने में सफल हो सकी है। संस्थान द्वारा इसके लिए इन्हे पूर्ण रूप से सहयोग प्राप्त हुआ है।  राजस्थान समग्र कल्याण सस्थांन द्वारा संचालित पाठशाला कार्यक्रम में शैक्षणिक पाठ्यक्रम पूर्ण होने पर पाठशाला में पढ़ने वाली छात्राओं के शैक्षणिक  प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम रखा गया।  जिसमे सभी ने उत्साहपूर्ण रूप से भाग लिया।  बच्चों द्वारा सरस्वती वंदना करके, भाषण, अभिव्यक्ति, नृत्य, गायन, विचार विमर्श आदि गतिविधियां इस कार्यक्रम में की गई। बाद में संस्था...

"स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं का कौशल विकास और सामाजिक सशक्तिकरण आत्मनिर्भरता की ओर "

चित्र
जीवन में अपनी दक्षता, क्षमता और कौशल को बढ़ावा व् उसके साथ अपने जीवन को सुव्यवस्थित रूप से संचालित करना ही जीवन कौशल है यह आम व्यक्ति को श्रेष्ठ  बनाने में कारगार सिद्ध होता है। स्वयं सहायता समूह एक संगठित महिलाओं का समूह है जिसमें अनुशासन, क्षमता, बचत, ऋण, कौशल आदि सभी का समावेश होता है ग्रामीण महिलाओं के साथ कौशल विकास कार्यक्रम उनकी क्षमताओ को बढ़ाकर आजीविका संचालन के लिए प्रेरित करता है। यह विकास की दर को भी बढ़ाता है और उनके नेतृत्व करने में उनको मदद करता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा 1 दिवसीय जीवन कौशल विकास कार्यक्रम लगभग 15 स्वयं सहायता समूहो के साथ करवाया गया। जिसमें लगभग 170 महिलाओं ने भाग लिया।  स्वयं सहायता समूहों ने महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देना शुरू कर दिया है जिसके परिणामस्वरूप देश भर में महिला केंद्रित स्वयं सहायता समूहों का गठन हुआ है। जिसका उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों के लिये संस्थागत ढांचा उपलब्ध कराना तथा कौशल विकास और रोजगार को बढ़ावा देना है। जिसमें लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आये। जो विविध आय सृजन गतिविधियों में कुशल महिलाओं के सामाजिक ...

"महिला हिंसा के खिलाफ जागरूकता : समाज में समानता और सुरक्षा का संदेश"

चित्र
महिला हिंसा मानवीय व्यवहार का वो कृत्य है जो मानवता को शर्मशार करता है। और समाज में हमारी गिरी हुई मानसिकता को दर्शाता है। हमारे आस- पास महिला हिंसा के कई रूप प्राय हमें देखने को मिल जाते है जिसमें एक पुरुष प्रधान समाज की नकारात्मक छवि प्रकट होती है। महिला को सामान अवसर और समानता न देना , उनका शोषण व् विरोध करना, और किसी सम्मानीय अवस्था में न लाना महिला हिंसा को प्रदर्शित करता है। महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा दुनिया के सबसे प्रचलित मानवाधिकार उलांघनो में से एक है। जो दुनिया के हर कोने में हर दिन कई बार हो रही है। इसका महिलाओं और लड़कियों पर गंभीर अल्पकालिक और दीर्धकालिक शारारिक, आर्थिक,मनोवैज्ञानिक परिणाम होता है। जो समाज में उनकी पूर्ण और समान भागेदारी को रोकता है।  व्यक्तियों और परिवारों व् पुरे समाज के जीवन में इसके प्रभाव की भयावहता अथाह है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा शहर के झुग्गी-झोपड़ी ,स्लम, स्ट्रीट, डेरों में व् निचली बस्तियों के बच्चों के साथ महिला हिंसा रोकथाम व् नियम कानून के बारे में जागरूकता कार्यक्रम किया गया। इस 1 दिवसीय कार्यक्रम में बालिकाओ के ...

"समाज में बदलाव लाने के लिए : महिला कौशल एवं नेतृत्व क्षमता वर्धन कार्यक्रम "

चित्र
समाज में महिला वो धुरी है जिसके चारों और संसार चलायमान है। हमारे देश में अधिकतर महिलाएँ ग्रामीण भागों में निवास करती है। जो अपनी क्षमताओ से भरपूर होने के वाबजूद भी समाज के बहुत से कार्यों में भाग नहीं ले पाती है ।  उनको यही अनुभव और दक्षता के लिए राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के साथ कौशल एवं नेतृत्व क्षमता वर्धन कार्यक्रम करवाये जाते है। जिसका लक्ष्य सभी ग्रामीण भागों की अधिक से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षण देना एवं जागरूकता बढ़ाने वाली गतिविधियां प्रदान करना , कौशल निर्माण करना ,सलाह के अवसर प्रदान करना, और सतत विकास प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण संदर्भो में सशक्तिकरण में परिवर्तनकारी बदलाव लाने हेतु यह एक उच्च स्तरीय कार्यक्रम है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के अनुसार कार्य स्थल पर लैंगिक समानता के लिए प्रयासरत संगठनों और व्यक्तियों को सभी लिंगो की शक्ति का उपयोग करने में सक्षम संस्कृति विकसित करने के लिए प्रणालियों पर पुनर्विचार करने और मान्यताओं को चुनौती देने की आवश्यकता है हम सब साथ मिलकर एक नेटवर्क बनाने में मदद करता है। यह रूढ़िवादिता क...

"जीवन कौशल और उद्यमिता के माध्यम से महिलाओं में आत्मनिर्भरता का विकास"

चित्र
राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्व्रारा चलाये जा रहे गारमेंट मेकिंग प्रशिक्षण में संस्था के 1 दिवसीय महिला जीवन कौशल विकास कार्यक्रम प्रशिक्षण यथा स्थान पर आयोजित किया गया।  जिसमे उनको जीवन की चुनौतियों का सामना करना और पने लक्ष्य को निर्धारण करने हेतु सक्षम बनना शामिल है।  इन कौशल में धन का प्रबंध कैसे करे, अच्छा स्वास्थ्य हम बनाये रखे, सभी के साथ मजबूत सम्बन्ध रखें, अपने समय को किस प्रकार प्रभावी बनायें एवं अपने जीवन के उद्देश्य को कैसे पूरा करें ! यह सभी बिन्दुओ पर उनको यह प्रशिक्षण दिया गया। विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से युवाओं में कार्य के लिए पारस्परिक और मनोसामाजिक कौशल विकसित करना है।  यह अनुकूली तथा सकारात्मक व्यवहार की वो योग्यतायें है जो व्यक्ति विशेष को दैनिक जीवन की मांगो और चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए सहारा बनती है।  संस्था प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम में उनको पोस्टर, सेल्फी, बैनर, अभिव्यक्ति, साँप सीढ़ी गेम, गिलास गेम, अखबार गेम, त्रिपाल गेम, पत्थर से घर बनाना, और उत्साह और कौशल सम्बंधित खेल इन महिलाओं के साथ खेलें गए। जिसमे ...

"विविधता में एकता : क्रिसमस दिवस पर महिला शक्ति के साथ स्नेह मिलन कार्यक्रम"

चित्र
हमारा देश विभिन्न संस्कृति, भाषा, धर्म, त्योहारों का देश है यहाँ हर दिन कुछ न कुछ नया होता रहता है हजारों विविधताये होने के बाद में हमारा देश एकता की एक डोर में बंधा है जहाँ जाति- पाँति या मान्यतायें न देखकर सभी का आदर किया जाता है और सभी धर्मों के त्यौहार मिल जुल कर हंसी बहुत हर्षोउल्लास के साथ मनाये जाते है।  इसी क्रम में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के द्वारा ग्राम खापरी में सिलाई प्रशिक्षण केंद्र पर सभी प्रशिणार्थी महिलाओं के साथ क्रिसमस दिवस कार्यक्रम अति उत्साह के साथ मनाया गया। यह स्नेह, मिलन का कार्यक्रम है जिसमें सभी महिलाओं ने हिस्सा लिया।  संस्था द्वारा कार्यक्रम में सभी महिलाओं के साथ विभिन्न सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम किये गए जिसमें रंगोली बनाना, एकल नृत्य मंचन, ग्रुप डांस, सांता क्लॉज द्वारा केक काटना व् उपहार वितरण करना व् सभी गतिविधियां पूर्ण हो जाने के बाद नाश्ते व् मिठाई का सभी में वितरण भी किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सभी में हमारी भारतीय संस्कृति व् त्यौहार की विशेषतायऐ बताने और नीरसता भरे जीवन में उत्साह की लहर का संचालन करने हेतु रखा। जिसमे सभी महिला...

संकल्प और मेहनत से सशक्त जीवन की ओर- आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम

चित्र
मेरा नाम गीता है मेरे परिवार में मेरे पति व् 2 बच्चे हम सब साथ रहते है पति फुटकर मजदूरी करते है जो जीवन संचालित करने हेतु काफी नहीं है ! साथ ही बच्चे भी स्कूल  जाते है उनका खर्चा निकालना भी बहुत मुश्किल हो जाता है ! फिर मैंने गांव में चल रहे स्वयं सहायता समूह में अपना नाम लिखवाया व् उसकी गतिविधियों में भाग लेने लगी ! धीरे धीरे मैंने अपने ध्यान  विदेशी कपडे की डिजाइन कार्य में लगाया !  ऐसे कपड़ो की   हर घर में हर महिला को जरुरत होती है ! यह कार्य अच्छी आय प्राप्त करने में मेरी मदद करने लगा ! जिसमे मैं घर की जरूरतों के खर्चे के अलावा समूह से प्राप्त ऋण की भी चुकौती करने लगी !  स्वयं सहायता समूह की महिलाओँ को आत्मनिर्भर बनाने की वो प्रक्रिया है जिसमे बचत, ऋण, चुकौती, अनुशासन, आर्थिक गतिविधिया व् प्रशिक्षण इत्यादि सिखाये जाते है व् उनके सफलतम गुर बताये जाते है की कैसे हम व्यवस्थित रूप से अपने जीवन का संचालन कर अपनी जरूरतें अपनी आर्थिक गतिविधियो से पूरी कर सकते है ! यह ग्रामीण महिलाओ के लिए एक सशक्त माध्यम है जो बाकी दुनिया में लाकर एक महिला को क्रियात...

महिला हिंसा उन्मूलन और शिक्षा का संदेश: पुष्कर मेला में एक सामाजिक प्रयास

चित्र
राजस्थान की पावन धरा पर पुष्कर मेला अन्त राष्ट्रीय  ख्याति प्राप्त मेला है ! जहा दुनिया भर से लोग इसका आनद लेने के लिए आते है यहाँ सभी लोगो का जैसे संगम सा लग जाता है ! यह एक पशु मेला है जिसमे बहुत से पशु यहाँ खरीद फरौत के लिए आते है ! यह ब्रम्हा जी का एक मात्र मंदिर है जहा एकादशी को पूजा होती है इस मेले में अत्यधिक भीड़ आने से यहाँ सड़क व्यवस्था थप पड़ जाती है उसे सुचारु रूप से चलाने हेतु व्यवस्थित सड़क व्यवस्था का होना जरुरी है जो उनको व्यवस्थित रखे ! इसके लिए संस्था द्वारा राजस्थान परिवहन सड़क सुरक्षा सप्ताह में अपने प्रतिनिधियों द्वारा सहयोग प्रदान किया जाता है।  संस्था द्वारा इस मेले में कार्य करने का एक और उद्देश्य था जो महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है इस वर्ष का मुख्य विषय महिला उत्पीड़न रोकथाम कार्यक्रम था ! जिसमे महिलाओं के ऊपर बढ़ते अत्याचार को काम किया जा सकें और उस पर क़ानूनी दबाव बनाया जा सकें ! इस कार्यक्रम में स्त्री शिक्षा को बढ़ावा देना , बाल विवाह को समाप्त करना , महिला उत्पीड़न को काम करना आदि बातें व् विषय शामिल थे ! इस कार्यक्रम में आये सभी मेलार्थी के साथ मिलकर ह...

संस्थान की क्षमता निर्माण पहल" : महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण कदम"

चित्र
स्वयं सहायता समूह एक विस्तृत कार्यक्रम है जिसमे ग्रामीण महिलाओं के जीवन स्तर  को एक मुकाम तक पहुंचाया जाता है ! जिसमे उनको प्रशिक्षण , क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और ज्ञान साझाकरण के माध्यम से सदस्यो के कौशल और व्यक्तित्व क्षमताओ को निखार कर बेहतर बनाया जाता है ! स्वयं सहायता समूह भावना पैदा करके आपसी सहयोग को बढ़ावा देकर और सामूहिक निर्णय लेने को प्रोत्साहित करता है ! और हमारे समाज में सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा देता है ! क्षमता निर्माण किसी व्यक्ति या संगठन की उत्पादन प्रदर्शन या तैनाती की सुविधा में सुधार  करना है ! क्षमता निर्माण निरंतर चलने वाली प्रकिर्या है जो समुदाय को किसी संकट की परिस्थिति में एक बेहतर तरीके से अपने कार्यो को अंजाम देने के लिए सुसज्जित है ! यह संस्थानों को विकसित करने में मदद करता है ! स्थानीय लोगों को स्थानीय मुद्दों पर खुद ही कार्यवाई करने के लिए प्रोत्साहित  करता है।  संस्था प्रतिनिधियों द्वारा ग्रामीण भागों में लगभग 25 महिला स्वयं सहायता समूह के साथ यह कार्यक्रम किया गया ! जिसमे उनको पोस्टर, सेल्फी, व्याख्यान, व् विभिन्न प्रकार के खेलों के म...

"सशक्त महिला, सशक्त समाज: संस्थान के माध्यम से महिला उद्यमिता का विकास"

चित्र
मेरा नाम रामावतार है में पुष्कर के नजदीक नाँद गांव में ग्राम सेवक के पद पर कार्यरत हूँ ! वैसे तो ग्राम पंचायत स्तर पर महिलाओ के लिए बहुत सारे कार्यक्रम पंचायत भवन पर किये जाते है ! परन्तु यह कार्यक्रम तक ही सिमित रह जाते है यह आगे गति या प्रगति नहीं कर पाते है ! कही तो अवसरों की कमी होती है तो कभी जानकारियों का सटीक अभाव होता है ! और कभी कभी हमे साधन उपलब्ध नहीं हो पाते है ! परन्तु इस मिथ्या को राजस्थान समग्र कल्याण संस्थांन द्वारा सिरे से समाप्त कर दिया गया ! कुछ समय पूर्व ही संस्था द्वारा हमारे पंचायत भवन में महिला उद्यमिता विकास कार्यक्रम एक बड़े पैमाने पर किया गया ! जिसमे गांव की लगभग 200 महिलाओ के उत्थान हेतु विभिन्न तरह की गतिविधियो को इसमें शामिल किया गया ! जिसमे इन महिलाओ का रुझान व् रूचि बढ़े और वो भी जिंदगी में किसी आर्थिक गतिविधी को अपनाकर अपने जीवन को यथासंभव सुव्यवस्थित कर सुचारु रूप से संचालन कर सके !  हमारे ग्रामीण भारत में ऐसे नाना प्रकार के लघु व् कुटीर उद्योग है जिनको अपनाकर हम एक अच्छे से जीवन को संचालित कर सकते है परन्तु जानकारियों का अभाव अक्सर नगण्यता को जनम दे...

"महिलाओं के खिलाफ हिंसा : महिला सशक्तिकरण अभियान जागरूकता पहल"

चित्र
दुनियाभर में तीन में से एक महिला शारारिक या यौन हिंसा का अनुभव करती है जयादातर उसके अंतरंग साथी द्वारा महिलाओ के विरुद्ध हिंसा शब्द का तात्पर्य लिंग आधारित हिंसा के किसी कृत्य से है जिसके परिणामस्वरूप महिलाओ को शारारिक , यौन या मनोवैज्ञानिक क्षति या पीड़ा होती हैं ! महिलाओं के खिलाफ हिंसा एक चिंता का विषय बनता जा रहा है ! इसे रोकने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार व् सामाजिक संस्थानों द्वारा अनेके कार्य किये जा रहे जो उन्हें सुरक्षा और शिक्षा दोनों प्रदान करते है !  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के सदस्य इस और ग्रामीण स्तर पर महिला व् बालिकाओं के साथ अनेको कार्यक्रम करवाये जाते है ! जिसमे उनको इस विषय पर समस्त जानकारी देते हुये सावधानी पूर्वक समझाया जाता है ! यह बहुत व्यापक है और इसमें यौन , भावनात्मक ,मनोवैज्ञानिक और वित्तीय दुर्व्यवहार शामिल है ! यह मुख्यत 2 प्रकार की होती है ! ( 1 ) घरेलु हिंसा ( 2 ) पारिवारिक हिंसा और यौन उत्पीड़न ! वास्तव में यह दोनों ही मानसिक अशांति को अंदर समाहित करती है ! यह दोनों अपराध तुल्य क्रियाये है ! संस्थान ग्राम, बस्ती, झोपडी वाले इलाके आदि मे...

आर्थिक स्वतंत्रता की ओर : ग्रामीण महिलाओं का विकास और सशक्तिकरण

चित्र
राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा चलाये जा रहे 90 दिवसीय सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम का गंगवाना में भव्य समापन किया गया ! जिसमे संस्थान के प्रतिनिधि व् सभी प्रशिणार्थीयो , सरपंच व् गांव के गणमान्य नागरिको ने इस कार्यक्रम में शिरकत की गई ! ग्रामीण महिलाओ को सशक्त बनाना व् आर्थिक गतिविधि से मजबूती प्रदान करने में यह प्रशिक्षण एक मील का पत्थर साबित होता है ! इस 90 दिवसीय कार्यक्रम में संस्था के मास्टर ट्रेनर द्वारा उनको सिलाई सम्बन्धी सभी कार्य बेहद सरलता पूर्वक तरीके से समझाए व् बताये जाते है ! जिससे उनको कार्य करने में कोई परेशानी या असुविधा न हो सके! इस पुरे कार्यक्रम में महिला प्रशिणार्थी द्वारा रूचिप्रद तरीके से कार्य किया   व्साथ ही इस ग्राम में अपनी निपुणता भी दिखाई ! घर रहकर भी सुविधाजनक तरीके से यह कार्य महिलाये कर सकती है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का उदेश्य महिला सशक्तिकरण को मजबूती प्रदान करने है ! व् साथ ही ग्रामीण महिलाओ के उस परम्परागत जीवन में बदलाव लेकर उसको किसी भी आर्थिक गतिविधि से जोड़ना है ! जो उसे सफल और सक्षम बना सके और यह भी अपने परिवार संचालन में स्...

"महिलाओं में उद्यमिता: आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम व कुटीर उद्योगों का भविष्य "

चित्र
जीवन में धन अर्जित करना व् जीवन का सुव्यवस्थित संचालन करना अतिआवश्यक है इसके लिए किसी कार्य का होना व् उसमे निपुणता हासिल करना जरुरी होता है यह जरुरी नहीं पूर्ण शिक्षा के बाद ही कोई काम कर सकता है जो काम पड़े लिखे है वो भी अपने छोटे मोटे कार्य को कर के अच्छा धन अर्जन कर सकते है यह छोटे उद्योग हमे अच्छा धन मुनाफा प्रदान करते है ये कई तरह के होते है कुछ हाथ करघा उद्योग होते है तो कुछ पशुपालन सम्बन्धी तो कई कृषि सम्बन्धी होते है इन्हे सफलतापूर्वक जीवन में संचालित करना ही उद्यमिता कहलाया जाता है ! एक कुशल व्यक्ति अपने कुशल नेतृत्व के जरिये अपने छोटे से व्यवसाय को और भी बड़ा कर सकता है ! यही सफलता का सोपान होता है !  सरल शब्दो में अगर इसे व्यक्त करे तो जीवन कौशल विकास एक आजीवन प्रकिया है जो व्यक्तियों को बढ़ने और परिपक़्व होने में मदद करती है उन वास्तविकताओ को पहचानना जिन्हे बदला नहीं जा सकता और उन्हें स्वीकार करना , व् अपने महत्त्व को पहचानना , सभी लोग एक सामान नहीं होते तथा इस प्रकार की विविधता का इस क्षेत्र में होना अच्छा है ! जीवन कौशल में व्यक्ति के समग्र व् सम्पूर्ण व्यक्तित्व को ध्य...

भारत में आत्मविश्वास की और महिला शक्ति के बढ़ते कदम

चित्र
भारत में आज का युग बदलता युग है ! जहा एक और परम्परावादी रूढ़ियों का समाप्तीकरण हो रहा है वही दूसरी और भारत  का हर वर्ग शिक्षित व् आत्मनिर्भर बनता जा रहा है आज के इस बदलते युग में महिलाये भी आगे आकर सशक्तिकरण कर रही है और स्वय को शिक्षा या किसी कार्य  के माध्यम से आत्मनिर्भर बना रही है ! महिलाओ की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कौशल उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोड़ दिया जाये तो  वह स्वय के साथ साथ अपने परिवार का भरण पोषण भी कर सकती है व् उनका सामाजिक, आर्थिक ,शैक्षिणक स्तर बढ़ाती है स्वरोजगार की भावना को प्रेरित करती है !   राजस्थान सम्रग कल्याण संस्थान द्वारा इसी क्रम में 3 माह की ब्यूटी पार्लर ट्रेनिंग परियोजना का समापन करवाया गया ! जिसमे सभी प्रशिणार्थियों व् संस्था प्रतिनिधियों द्वारा हर्सोउल्लास से समापन गतिविधियाँ करवाई गई ! जिसमे सभी महिलाओ द्वारा मेहंदी प्रतियोगिता , दुल्हन श्रृंगार ,रेमवॉक ,सावन महोत्सव ,रंगोली सजावट , सर्वश्रेष्ठ छात्रा पुरस्कार ,सक्रिय छात्रा पुरस्कार , गीत - संगीत , नृत्य ,व् विभिन गतिविधियों  के माध्यम से हर्ष के साथ इसे समापित किय...

क़ानूनी जागरूकता: महिलाओं और बालिकाओं के लिए सशक्तिकरण का माध्यम

चित्र
स माज के कमजोर और वंचित वर्गों निशुल्क और सक्षम क़ानूनी सेवाएं प्रदान करने की भावना और उद्देश्य विफल हो जायेगा यदि कमजोर वर्ग को उनके विभिन क़ानून और सवैधानिक अधिकारों के बारे जागरूक नहीं किया जा सका। निरक्षरता, वयक्ति को उसके साथ किये गए अन्याय को पहचाने में असमर्थ बनती है जब कोई वयक्ति बुनियादी मानवाधिकारो से अनभिज्ञ होता है तो सामाजिक कल्याण योजनायें प्रभावी नहीं हो पाती है। क्युकी वह सरकार दवारा अपने जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए दिए जाने वाले अवसरों का लाभ उठाने में असमर्थ होता है। क़ानूनी साक्षरता मानवाधिकारों को प्रदर्शित करता है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओ एवं बालिकाओ के साथ क़ानूनी अधिकार पर जागरूकता के बहुत से कार्यक्रम वर्ष भर किये जाते है। जिस में महिलाओ के क़ानूनी अधिकारों के बारे में सभी को विस्तारपूर्ण बताया व् समझाया गया। इस मई सबको फिलिप चार्ट के माध्यम से, कहानी व् नाटकीय रूपांतरण द्वारा, यौन उत्पीड़न, व् उसके रोकथाम और उसके उपाय, महिला हिंसा के बारे में और अपराधिक तत्वों से बचाव हेतु समस्त जानकारियाँ  महिलाओ को क़ानूनी अधिकार के...