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विपरीत परिस्थितियों के विरुद्ध संघर्ष: एक छात्र की शिक्षा की यात्रा

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मे रा नाम सुलेखा है और मैं कक्षा 9 में पढ़ती हूं। मेरे पिता एक मजदूर है और मां गृहणी का कार्य करती है। हम कुल 4 भाई बहन हैं अकेले पिता कमाने वाले हैं और हम तीन बच्चे पढ़ने वाले हैं। बड़ा भाई भी अब मजदूरी करता है। हमारे खर्च के बाद हमारी पढ़ाई का खर्चा बहुत मुश्किल से उठाया जाता है मेरी आगे पढ़ने की इच्छा है मैं भी पढ़ लिखकर कुछ बनना चाहती हूं, परंतु गरीबी के कारण मेरा आगे तक पढ़ पाना संभव नहीं है। फिर एक दिन स्कूल में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के प्रतिनिधि आए और उन्होंने बताया जो छात्रा आगे पढ़ना चाहती है, परंतु किसी कारणवश अध्ययन कार्य में समस्या आ रही है तो उसे दूर करेंगे। फिर वह मेरे घर आए और मेरा सर्वे करके मेरे घर मेरी स्थिति को देखा |और मुझे आगे और पढा़ई करने की बात कही | कुछ दिन बीतने के बाद फिर संस्था द्वारा एक कार्यक्रम रखा गया जिसमें वो सभी छात्राएं जो आगे पढ़ने की इच्छुक है परंतु किसी कारणवश पढ़ नहीं पा रही है उनको छात्रवृत्ति देने हेतु यह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें संस्था प्रतिनिधि आए और उन्होंने हमको शिक्षा के महत्व, मूल्य इससे प्राप्त सुख के बारे में बताया। कि

बालकों के साथ पर्यावरण बचाओ: शिक्षा और सकारात्मक प्रेरणा

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मेरा नाम रजनीश सांखला है। मैं दिलवाड़ा सरकारी स्कूल का प्रिंसिपल हूं। हमारे स्कूल में इस वर्ष अनेकों मुद्दों पर स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ विभिन्न कार्यक्रम किए गए। इसी संदर्भ में अजमेर की प्रतिष्ठित राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था के द्वारा एक दिवसीय पर्यावरण बचाओ कार्यक्रम में स्कूली बच्चों को फूल के बीजों का वितरण किया गया। इसका उद्देश्य नई पीढ़ी को यह बताना है की प्रकृति और पर्यावरण मानवता के लिए कितनी आवश्यक है। जीवन के संचार में इनका अभूतपूर्व योगदान है और इसके द्वारा पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाना भी है जिससे यह हमारी नई पीढ़ी इनका अच्छे से रखरखाव कर सके वह इसका मूल्य समझ सके। इस कार्यक्रम में बच्चों को पोस्टर,सेल्फी,व्याख्यान,चर्चा,प्रश्नोत्तरी,चार्ट,व अन्य प्रतियोगिताओं के माध्यम से बच्चों के साथ इस जानकारी साझा किया। वह सभी को विभिन्न कार्य स्कूल में करवाए गए जैसे पेड़ों के चारों तरफ साफ करके गड्ढा करना, पौधों को पानी पिलाना,साफ सफाई करना,खरपतवार हटाकर उनमें फूलों के बीज डालना,स्कूल के अपशिष्ट पानी का रास्ता साफ कर पेड़, पौधों की तरफ करना,आदि कार्य से पर्यावरण के प्रत

जागरूकता से कार्रवाई तक: प्रजनन शिक्षा के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना

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मेरा नाम सुजाता है। मैं कक्षा नवीं की छात्रा हूं जो एक पास के ग्रामीण विद्यालय में अध्यनरत हूं। महिला का जीवन बड़ा ही विचित्र वह कठिन होता है। उसे जन्म से ही शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यौन प्रजनन व स्वास्थ्य देखभाल सामाजिक सक्रियता का एक क्षेत्र है जो किसी व्यक्ति की प्रजनन प्रणाली के स्वास्थ्य और उनके जीवन के सभी चरणों के दौरान यौन कल्याण का पता लगता है। प्रजनन और यौन स्वास्थ्य की परिभाषा बीमारी की अनुपस्थिति और यौन व्यवहार संबंधी तथा प्रजनन प्रणाली से संबंधित किसी हानि या चोट के रूप में नहीं बल्कि एक पूर्ण शारीरिक मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य के रूप में की गई है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा हमारे स्कूल में एक दिवसीय यौन रिप्रोडक्टिव हेल्थ कार्यक्रम रखा गया, जिसमें बताया गया कि अच्छा यौन जीवन और प्रजनन प्रणाली से संबंधित पूर्ण शारीरिक मानसिक सामाजिक कल्याण की स्थिति है। इसका तात्पर्य है कि लोग एक संतोषजनक और सुरक्षित यौन जीवन प्रजनन की क्षमता और यह तय करने की स्वतंत्रता में सक्षम है कि क्या कब और कैसे करें जब माँ बच्चा पैदा करें तो उसका निर्णय स्वयं का ह