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शैक्षणिक प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम ( पाठशाला बच्चों के साथ )

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शिक्षा जीवन का वो अध्याय है जो जिंदगी की किताब को सर्वश्रेष्ठ बनता है। शिक्षा ही व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने का कार्य करती है यह व्यक्ति को जीवन में बहुआयामी बनाती है संस्था समाज में ऐसे ही ड्राप आउट , वंचित, गरीबी रेखा वाली लड़कियों के साथ पाठशाला कार्यक्रम करती है। जिसमे इन बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने भविष्य को उज्जवल करने पर ध्यान केंद्रित करती है।  सामाजिक दृष्टि से देखा जाये तो यह महिला सशक्तिकरण समाज में महिला शक्ति को प्रतिबिम्बित करता है।  जो अपनी मज़बूरी या विवशता को दरकिनार करके इस पायदान तक पहुंचने में सफल हो सकी है। संस्थान द्वारा इसके लिए इन्हे पूर्ण रूप से सहयोग प्राप्त हुआ है।  राजस्थान समग्र कल्याण सस्थांन द्वारा संचालित पाठशाला कार्यक्रम में शैक्षणिक पाठ्यक्रम पूर्ण होने पर पाठशाला में पढ़ने वाली छात्राओं के शैक्षणिक  प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम रखा गया।  जिसमे सभी ने उत्साहपूर्ण रूप से भाग लिया।  बच्चों द्वारा सरस्वती वंदना करके, भाषण, अभिव्यक्ति, नृत्य, गायन, विचार विमर्श आदि गतिविधियां इस कार्यक्रम में की गई। बाद में संस्था...

"32वें स्थापना दिवस पर राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का समाज सेवा में उत्कृष्ट योगदान"

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान आज अपना 32 वा स्थापना दिवस मना रहा है ! जो हमेशा महिला , बच्चो, गरीब , असहाय व् समाज से प्रताड़ित व्यक्तियो को अपने समाज सेवा के कार्य में शामिल करता है ! संस्था महिला सशक्तिकरण , पर्यावरण, आपदा, प्रबंधन, बालिका शिक्षा, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्ट्रीट बच्चों के साथ कार्यक्रम , पाठशाला, विकलांग लोगो के साथ काम , गरीब किसानों के साथ काम , स्वास्थ्य, सामाजिक बुराइयों को दूर करने वाले कार्यक्रम, महिला रोजगार प्रशिक्षण व् अनेको मुद्दों पर कार्य करती है ! जिसमे नारी को प्रधानता दी गई है ! हमारे समाज में आज भी नारी को वो स्थान प्राप्त नहीं होता है जो निर्णायक रूप से उसका होता है समाज में इस पिछड़े वर्ग को आगे लाना संस्था का प्रमुख ध्येय है।  संस्था द्वारा शहर के स्ट्रीट , झुग्गी झोपड़ी, व् पाठशाला के विद्यार्थियो के साथ संस्था फाउण्डेशन डे मनाया गया ! जिसमे सभी ने अति उत्साह के साथ कार्यक्रम में भाग लिया ! कार्यक्रम में सम्बोधन, नृत्य , नाटक व् अभिव्यक्ति व् रोल प्ले , खेलकूद व् अनेको माध्यम से इस फाउण्डेशन डे  को मनाया गया ! कार्यक्रम अति उत्साह पूर्ण था जिस...

शिक्षकों को सशक्त बनाना : चुनौतियों से सफलता तक वंचित बच्चों को शिक्षित करना

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  मेरा नाम आशा कंवर है। मैं मानवता गांव में रहती हूं। जहां मैं ड्रॉप आउट गरीब बच्चों की पाठशाला में अध्यापिका के रूप में कार्यरत हूं। यह पाठशाला राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था के तत्वाधान में संचालित की जाती है जो अजमेर के कई गांव में चलाई जाती है। इसके तहत् शिक्षा से वंचित छात्र वे छात्राएं एक स्तर तक अपनी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर अध्ययन कार्य को आगे तक पूरा कर सकते हैं। वह अपनी बौद्धिक क्षमताओं में मानसिकता का विकास करते हैं। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के तत्वाधान में समय-समय पर पाठशाला के टीचरों के लिए टी एल एम कार्यक्रम किया जाता है, जिसमें बताया जाता है। किस तरह हम गांव के उन बच्चों को पाठशाला में दाखिल कराये जो किसी न किसी वजह से आगे नहीं पढ़ पा रहे हैं या तो किसी की मजबूरी है या किसी की गरीबी | पाठशाला में किन बातों को ध्यान में रखते हुए उनका सर्वांगीण विकास किया जाए। इन्ही मुद्दों पर यहां कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। कार्यशाला में पठन व पाठन कैसे कराया जाए किस-किस गतिविधि के माध्यम से उन्हें शिक्षा के प्रति और आकर्षित किया जाए। वह किस तरह गांव में उन बच्चों का च...

शिक्षा जिंदगी का पहला सोपान सफलता का द्वार

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मेरा नाम रेखा है मेरे घर पर माता- पिता व हम 4 बहनें है 1 बहन की शादी हो गई है हम तीन बहनें घर ही रहती है पिता मजदूर है उनकी इतनी आय नहीं है कि हम तीनों बहनों को स्कूल पढ़ा सकें व सबका खचऺ उठा सकें हमने भी इस मजबूरी के चलते परिवार से कोई आग्रह नहीं किया | फिर हमारे गांव में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा पाठशाला कार्यक्रम हेतु सवऺ किया गया | जिसमें उन्होंने घर घर जाकर सवऺ किया और बताया कि इस कार्यक्रम में कोई खचऺ नहीं आयेगा बस अध्ययन के लिए रोज पाठशाला में आना होगा | इस बात के लिए हमारा परिवार राजी हो गया अब हम बहनें भी पढ़ लिख लें और अपनी पढा़ई पूरी कर सकें | फिर पाठशाला कार्यक्रम में हम बहनें जाने लगी वहाँ का वातावरण स्कूल से बिलकुल अलग था वहाँ पर गांव के हर पिछड़े व गरीब बच्चे को पढ़ने व अपने विचार रखने की स्वतंत्रता थी |समय समय पर हमारे साथ ज्ञानवर्धक क्रियाओं के माध्यम से समझाया जाता है व समय समय पर बौद्धिक विकास के लिए खेलों का आयोजन किया जाता है जिससे उनका शारीरिक विकास भी हो और व अपनी क्षमताओं को निखार सकें पाठशाला में अध्यापक द्धारा  शिक्षा के नये आयामों से पढ़...