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स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के संग जीवन कौशल कार्यक्रम

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जीवन में अपनी दक्षता, क्षमता और कौशल को बढ़ावा व् उसके साथ अपने जीवन को सुव्यवस्थित रूप से संचालित करना ही जीवन कौशल है यह आम व्यक्ति को श्रेष्ठ  बनाने में कारगार सिद्ध होता है। स्वयं सहायता समूह एक संगठित महिलाओं का समूह है जिसमें अनुशासन, क्षमता, बचत, ऋण, कौशल आदि सभी का समावेश होता है ग्रामीण महिलाओं के साथ कौशल विकास कार्यक्रम उनकी क्षमताओ को बढ़ाकर आजीविका संचालन के लिए प्रेरित करता है। यह विकास की दर को भी बढ़ाता है और उनके नेतृत्व करने में उनको मदद करता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा 1 दिवसीय जीवन कौशल विकास कार्यक्रम लगभग 15 स्वयं सहायता समूहो के साथ करवाया गया। जिसमें लगभग 170 महिलाओं ने भाग लिया।  स्वयं सहायता समूहों ने महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देना शुरू कर दिया है जिसके परिणामस्वरूप देश भर में महिला केंद्रित स्वयं सहायता समूहों का गठन हुआ है। जिसका उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों के लिये संस्थागत ढांचा उपलब्ध कराना तथा कौशल विकास और रोजगार को बढ़ावा देना है। जिसमें लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आये। जो विविध आय सृजन गतिविधियों में कुशल महिलाओं के सामाजिक ...

6 दिवसीय शैक्षणिक शिविर का आयोजन ( स्ट्रीट बच्चों के संग )

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 राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के तत्वाधान में शहर के झुग्गी झोपड़ी , स्लम, स्ट्रीट व् गन्दी बस्तियों व् डेरों के गरीब बच्चों के साथ 6 दिवसीय शैक्षणिक शिविर का आयोजन किया गया।  जिसमे उनको प्राथमिक अक्षर ज्ञान ,पहाड़े, कहानियां, कवितायेँ  आदि पढ़ाये व् गुणवत्तापूर्ण तरीके से सिखाये जाते है।  यह निशुल्क प्रशिक्षण शिविर हमें सामाजिक बुराइयों से दूर रखने असहायों की सहायता करने तथा संसाधनो के उपयोग के लिए क्षमता और कौशल को विकसित कर राष्ट्र की समृद्धि में सहायक होता है।  यह जीवन में कुशलता पूर्ण अनुशासन एवं व्यवहार सिखाता है।  शिक्षा बेहतर जीवन जीने का साधन और साध्य दोनों है। यह अन्धकार से प्रकाश की और ले जाने वाला कार्यक्रम है।  शिक्षा के बिना लोग गरीबी और पिछड़ेपन की अंतर पीढ़ीगत चक्र में फसं जाते है।  इस कार्यक्रम में इन बच्चों को प्राथमिक अक्षर ज्ञान, चिन्हों की पहचान, फल, सब्जी, पौधो आदि के नाम, पहाड़े, गिनती, कविता, कहानियाँ,व्यवहार, अनुशासन, दिनचर्या, शारारिक स्वास्थ्य आदि बातों पर महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी जाती है जो इनके भविष्य  सकारात्मकता का व...

बच्चों में अनुशासन और संस्कारों का संचार परिवर्तन की शुरुआत

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मेरा नाम मनोज शर्मा है मैं सरकारी स्कूल में एक शिक्षक के पद पर कार्यरत हूँ ! वैसे तो विधालय में अनुशासन व् संस्कार सभी बच्चों को सिखाये जाते है ! परन्तु जो संस्कार उसे अपने आसपास के माहौल से मिले होते है उनमें उनकी झलक हमे देखने को मिलती है ! व्यक्ति विशेष का व्यवहार और उसके हाव भाव उसकी शख्सियत को दर्शाते है ! अनुशासन व्यक्ति को सभ्य रहना व् अनुशासित रहना सिखाते है जबकि संस्कार उसके व्यक्तित्व को निखारते है ! जो उसे जीवन संचालित करने में सुविधायें मुहैया करवाते है इसी विषय को लेकर हमारे विधालय प्रागण में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम द्वारा 1 दिवसीय अनुशासन व् संस्कार शिविर का आयोजन किया गया ! जिसमे सभी छात्र- छात्राओं ने उत्साह पूर्ण रूप से भाग लिया !  संस्था प्रतिनिधियों द्वारा इस कार्यक्रम की पहले रुपरेखा प्रस्तुत की फिर उनके द्वारा विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से इन बच्चों को इस विषय की जानकारियाँ दी गई ! जिसमे किस प्रकार सुव्यवस्थित तरीके से हम अपनी दैनिक दिनचर्या बनाकर उसका पालन करे ! यह रोजमर्रा के कार्य आगे चलकर हमारा अनुशासन बनाता है जो की सुव्यवस्थित व् सुनियोजित ...

अनुशासन , शिक्षा व् संस्कार मानव लक्ष्य प्राप्ति के साधन

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  अनुशासन , शिक्षा व् संस्कार ये वो इंसानी विशेषता है जो व्यक्ति विशेष को भीड़ से अलग स्थान प्रदान करती है !जो सकारात्मकता की ऊर्जा भर के जीवन को अपने लक्ष्य की प्राप्ति करने में अति सहायक सिद्ध होती है ! यह कुशल दृश्टिकोण देकर हमे सफल संचालक बनती है ! साथ ही समाज में हमारा स्थान भी स्थापित करती है ! शिक्षा से अनुशासन प्राप्त होता है जो जीवन को सुव्यवस्ठित व् सयमित बनता है ! जबकि हमारे संस्कार हमारे  व्यक्तित्व को प्रदर्शित करते है ! इसमें बहुत सी बाते समाहित होती है जो आपका आचरण , आपकी भाषा  आपकी संजीदगी, व् सादगी, बड़ो का आदर, छोटो से प्यार, जीवों पर दया, साफ व् स्वच्छ रहना, मिलनसार होना,व् शिक्षाप्रद अध्ययन सामग्री का पठन करना, स्मरण करना जैसी बहुत सी बाते विद्यमान है !  शिक्षा सबको प्राप्त करनी चाहिए यह विषय को समझने, जानने, व् पहचानने में मदद करती है ! सफलताओं के सोपान को मार्गदर्शित करती है व् एक विशेष पहचान   देती है जिसमे हमारी पहचान इस समाज स्थापित होती है ! शिक्षा हमे अनुशासित करती है और यही हमे अनुशासन का बोध करवाती है ! अनुशासन का तात्पर्य किसी...

भविष्य का निर्माण: बच्चों में अनुशासन और संस्कृति का पोषण

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  बच्चे आने वाले भविष्य का निर्माण करते हैं। यह देश की भावी पीढ़ी को अगर हम अनुशासन व संस्कार नहीं सिखाएंगे तो यह पथ भम्रित हो जाएंगे और अपना जीवन नष्ट कर लेंगे। अच्छे लक्ष्य प्राप्ति के लिए जीवन में अनुशासन में संस्कारों का होना अति आवश्यक है। यह अनवरत प्रक्रिया है जिसमें जीवन के समस्त क्रियाकलाप समाहित होते हैं। इन शिविरों में माध्यम से बच्चों की आंतरिक कला को निखारा जाता है और उनमें अच्छे संस्कार विकसित किए जाते हैं। इसका उद्देश्य उनके जीवन का सर्वाधिक विकास करना है। उन्हें अपनी भाषा, आचरण, रीति रिवाज, संस्कारों के बारे में बताया जाता है। स्थिर रहने की एकाग्रता बढ़ती है। बुद्धि का विकास होता है और अच्छी सोच हमारी आदतों को विकसित करती है। यह शारीरिक भी होते हैं और मानसिक भी | संस्कार ही जीवन का आधार और मानव की सबसे बड़ी पूंजी है। संस्कार से ही चरित्र निर्माण होता है। इनके द्वारा ही व्यक्ति क्रियात्मक व रचनात्मक बनता है। संस्कारों का ना होना पतन का मुख्य कारण होता है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के नेतृत्व में शहर की झुग्गी झोपड़ी, स्लम एरिया, स्ट्रीट बच्चों के साथ लगभग 12 स्थान...

बच्चों के लिए शिक्षा और संस्कार शिविर: जीवन में सकारात्मक परिवर्तन

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 मेरा नाम आकाश है और मैं माक्कड़वाली के झुग्गी झोपड़ी वाले इलाके में रहता हूं। परिवार में माता-पिता भाई व बहन है। हमारी आय अधिक न होने के कारण हम आगे पढ़ाई नहीं कर सके | जिससे हमें अनुशासन,संस्कार व अन्य चीजों के बारे में कुछ नहीं पता है। जीवन को अच्छा जीने का कौशल हमें नहीं आता है। हमारा बचपन घर के काम करने व खेल कूद में ही निकल जाता है। हमारे जीवन में सब किस तरह से संभव हो, यह हमें नहीं पाता है। इसके लिए हमारे यहां एक समाजसेवी संस्था द्वारा अनुशासन व संस्कार शिविर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संस्था द्वारा बताया गया कि बच्चों में शिक्षा के साथ अनुशासन  व संस्कार क्यों अति आवश्यक है। सभी को अपने लक्ष्य प्राप्ति हेतु जीवन में ये दोनों बातें अपनानी बहुत जरूरी है। शिक्षा और विकास के क्षेत्र में अनुशासन महत्वपूर्ण विषय है। अनुशासन मानवीय संसाधनों का एक मूल तत्व है जो व्यक्ति को संगठित करने,समय प्रबंधन करने, लक्षण की प्राप्ति के लिए कर्मकता और संगठनशीलता को विकसित करता है। बच्चों के बौद्धिक विकास क्षमताओं को निखारने का काम करते हैं। जीवन एक चुनौती पूर्ण लक्ष्य है। इसकी प्राप्ति के...