समाजिक परिवर्तन: कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूकता
कन्या भ्रूण हत्या एक कानूनी अपराध होने के साथ-साथ सामाजिक अपराध भी है क्योंकि कन्या भ्रूण हत्या इसी तरह जारी रही तो 1 दिन हम अपना परिवार,समाज,व अपनी नस्ल तक को खो देंगे। जिस दिन हम अपनी बेटियों को बेटों के बराबर समझने लगेंगे उस दिन कन्या भ्रूण हत्या अपने आप रुक जाएगी। लैंगिक समानता सिर्फ समान प्रतिनिधित्व से कई अधिक है। यह महिलाओं के अधिकारों के दृढ़ता से जुड़ी हुई जुड़ी हुई है | अशिक्षा,गरीबी व पुराने रीति -रिवाज इसका मुख्य कारण है। यह जरूरी है महिला और पुरुषों को समान अधिकार प्राप्त हो।
राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इसको देखते हुए बालिकाओं से संबंधित हमारे यहाँ कई कार्यक्रम किये जा रहे हैं। जैसे बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ,शिक्षा हर बालिका का अधिकार,कन्या विवाह कार्यक्रम,बालिका शिक्षा हेतु शिक्षण सामग्री वितरण, महिला कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित करना, उद्यमिता व लीडरशिप कार्यक्रम करना, स्वरोजगार प्रशिक्षण,छात्रवृत्ति प्रदान करना, स्वास्थ्य हेतु हाइजीन बनाना,विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम करना, लिंग समानता आधारित हिंसा रोकना इत्यादि काम संस्था के द्वारा किये जाते हैं |
हमारा समाज आज भी बेटे की कामना करता है। बेटी पराया धन है, समझ कर उसे तिरस्कार पूर्ण जीवन ज्ञापन करना पड़ता है। बेटी को समानता का अधिकार नहीं मिलता। कन्या भ्रूण हत्या जघन्य अपराध है। ऐसी स्थिति के कारण दहेज प्रथा विकसित हुई है। लोग बच्चे के जन्म से पहले ही लिंग प्ररिक्षण करा लेते हैं और बच्ची होने पर उसे गर्भ में ही मार देते हैं। कुछ सांस्कृतिक और सामाजिक आर्थिक नीतियों के कारण पुराने समय से किया जा रहा कन्या भ्रूण हत्या एक अनैतिक कार्य है।
संस्था द्वारा इस कार्यक्रम में सभी बच्चियों का मार्गदर्शन किया जाता है। वह समाज में एक सशक्त किरदार के रूप में इन्हें उभारा जाता है। जब तक यह चुप्पी महिला नहीं तोड़ेगी तब तक समाज में कन्या भ्रूण हत्या होती रहेगी। इस बढ़ते युग में हम सबको अपनी संकीर्ण मानसिकता का विकास करना होगा और अपना अहम किरदार दुनिया के सम्मुख रखना होगा। संस्था इसके लिए महिला व बालिका उन्मुखीकरण कार्यक्रम वर्ष भर संचालित करती रहती है।
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