"बचपन को सहारा: सड़क व झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों के लिये संवेदनशील पहल"
कार्यक्रम के दौरान बच्चों के चेहरे पर छाता पाते ही जो खुशी दिखी, वह इस प्रयास की सफलता का सबसे बड़ा प्रमाण थी। अनेक बच्चों ने बताया कि तेज धूप और बारिश में स्कूल जाना बहुत कठिन हो जाता था, लेकिन अब यह छाता उनके लिए सुरक्षा का एक साधन बन गया है। संस्था की टीम ने बच्चों को छाते के सही उपयोग और उसकी देखभाल के बारे में भी जानकारी दी, ताकि वे लंबे समय तक इसका लाभ उठा सकें। यह पहल न केवल एक उपयोगी वस्तु का वितरण था, बल्कि बच्चों को सम्मानपूर्वक और सुरक्षित सुरक्षा जीने की प्रेरणा भी थी।
RSKS India का यह छाता वितरण अभियान गरीब बच्चों की शिक्षा व स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में एक संवेदनशील कदम है। झुग्गी और स्लम क्षेत्रों में सुविधाओं की भारी कमी के बीच यह प्रयास उनके जीवन में एक सकारात्मक बदलाव ला रहा है। संस्था का मानना है कि यदि बच्चों को छोटे-छोटे साधनों से भी सहयोग दिया जाए, तो उनका जीवन आसान और बेहतर बनाया जा सकता है। भविष्य में भी RSKS India इसी तरह जरूरतमंद बच्चों के लिए विभिन्न सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से उनके उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता रहेगा।
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