"ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की ओर: RSKS India द्वारा जीवन कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम"
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को संवाद कौशल, निर्णय लेने की क्षमता, समय प्रबंधन, स्वास्थ्य और स्वच्छता, मानसिक तनाव से निपटने के उपाय, घरेलू हिंसा के खिलाफ जागरूकता तथा महिला अधिकारों की जानकारी दी गई। इन विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा सरल भाषा में प्रशिक्षण दिया गया ताकि ग्रामीण महिलाएं इन्हें अपने जीवन में आसानी से लागू कर सकें। कुछ सत्रों में समूह चर्चाओं, कहानी सुनाने, नाटक और व्यावहारिक गतिविधियों के माध्यम से सीखने की प्रक्रिया को रोचक और प्रभावी बनाया गया। इससे महिलाओं ने खुलकर अपनी बात रखी और एक-दूसरे के अनुभवों से भी सीखा।
इस कार्यक्रम का एक बड़ा उद्देश्य यह भी था कि महिलाएं केवल घरेलू कार्यों तक सीमित न रहें, बल्कि वे अपने और अपने परिवार के भविष्य के लिए ठोस निर्णय ले सकें। महिलाओं ने बताया कि पहले वे छोटी-छोटी समस्याओं में घबरा जाती थीं, लेकिन अब उन्हें लगता है कि वे आत्मनिर्भर बन सकती हैं और मुश्किल हालातों में भी सोच-समझकर निर्णय ले सकती हैं। कुछ महिलाओं ने यह भी साझा किया कि वे अब छोटी-मोटी स्वरोजगार की योजनाएं भी सोच रही हैं, जैसे सिलाई, ब्यूटी पार्लर या घरेलू उत्पादों का निर्माण।
RSKS India की यह पहल ग्रामीण महिलाओं के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाने वाली है। ऐसे जीवन कौशल कार्यक्रम महिलाओं को न केवल व्यवहारिक ज्ञान देते हैं, बल्कि उन्हें अपने अधिकारों के प्रति सजग भी बनाते हैं। जब महिलाएं जागरूक और आत्मनिर्भर होंगी, तभी एक मजबूत और समतामूलक समाज का निर्माण संभव हो सकेगा। इस कार्यक्रम की सफलता यह दर्शाती है कि छोटे प्रयास भी बड़ी सामाजिक क्रांति की दिशा में पहला कदम हो सकते हैं।
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