बच्चों के विकास में शिक्षा और संस्कार: एक दृष्टिकोण व् सम्पूर्ण विकास
राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा बच्चों के विकास के लिए व् भविष्य को सवारने हेतु अजमेर स्ट्रीट, स्लम, झुग्गी - झोपड़ी वाले इलाके में बच्चों के साथ संस्कार , शिक्षा ,एवं वयवहार परिवर्तन कार्यक्रम उनके साथ करके उनको इस सम्बन्ध को समस्त पूर्ण जानकारियां दी गई। जिस मे उम्र के साथ शरीर में हो रहे परिवर्तन का ज्ञान उनके बीच बाटा गया। शहर के लगभग 12 स्थानों पर 400 बच्चों के साथ यह कार्यक्रम किया गया। सभी उम्र के बच्चे इस कार्यक्रम में अतिउत्साहित थे।
इस तरह के कार्यक्रम में इन बच्चों में बौद्धिक क्षमताओं का विकास होता है। उन्हें अच्छे व् बुरे का ज्ञान भी करवाया जाता है। जिससे भविष्य में उन्हें किसी भी कार्य को करने में पूर्ण जानकारी मिल सके। बच्चों के साथ इस कार्यक्रम में बहुत साडी गतिविधियां करवाई गई। जैसे साँप -सीढ़ी गेम , संस्कार और वयवहार परिवर्तन पर वीडियो दिखाया गया। चार्ट के माध्यम से सप्ताह , महीना ,वर्ष की जानकारी दी। व् जीवन को किस तरह हम अच्छा ,सुशोभित व् गतिमान बना सकते है इसकी भी सुक्षम जानकारिया दी गई।
मानव जीवन में व्यवहार ,व्यवस्था, प्रबंध,संस्कार का बहुत अधिक महत्व होता है। बिना संस्कार व् उचित व्यवहार के बिना मनुष्य एक पशु समान आचरण करने वाला जींव बन जाता है शिक्षा मनुष्य की मंजिल तय करती है। उसे सभ्य व् समाज में रहने योग्य बनाती है शिक्षा के माध्यम से विचारो को सकारात्मक दृष्टिकोण मिलता है। सही निर्णय हमें वास्तविकओ से अनुभव करवाता है। जबकि बिना शिक्षा के मनुष्य को कोई राह या मंजिल नहीं मिलती है।
यह 6 दिवसीय कार्यक्रम बच्चों के लिए पूर्ण उन्मुखीकरण की और अग्रसित करता है उन्हें प्रेरणा देता है जीवन को लक्ष्य प्राप्ति का साधन बताता है। और समस्त विषयों का अध्ययन करवा कर उचित , अनुचित का ज्ञान प्रदत करता है। विकसित समाज या राष्ट्र के लिए यह बहुत जरुरी है। की उसका हर वयक्ति शिक्षा प्राप्त करे, व् समाज में उचित व्यवहार करे। जीवन की श्रेष्ठता शिक्षा, व् व्यवहार से आती है और मनुष्य अपना चरित्र स्वय निर्माण करता है।
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