"खेती को संबल, किसान को सहारा: ग्रामीण क्षेत्रों में खाद-बीज वितरण की पहल"


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान, अजमेर द्वारा ग्रामीण अंचलों में निवासरत जरूरतमंद व आर्थिक रूप से पिछड़े किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सहायता कार्यक्रम खाद एवं बीज वितरण के रूप में आयोजित किया गया। यह पहल उन किसानों के लिए उम्मीद की एक किरण बनकर आई, जो सीमित संसाधनों के बावजूद अपनी मेहनत से खेतों में सोना उगाने का कार्य करते हैं। इस वितरण कार्यक्रम के अंतर्गत किसानों को उनकी ज़रूरत के अनुसार उत्तम गुणवत्ता के बीज एवं जैविक खाद सामग्री नि:शुल्क उपलब्ध कराई गई। संस्था की टीम ने पहले विभिन्न गांवों में सर्वेक्षण कर जरूरतमंद किसानों की सूची तैयार की और फिर पारदर्शी प्रक्रिया के तहत सामग्री वितरित की गई।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करना, कृषि उत्पादन बढ़ाना और किसानों को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित करना था। कई किसानों ने बताया कि इस सहायता से उन्हें बोवाई में बड़ी राहत मिली है और यह उनके परिवार के भरण-पोषण में भी सहायक होगी। इस कार्यक्रम ने न केवल आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को राहत पहुंचाई, बल्कि उनमें आत्मबल और भरोसा भी जगाया। जिन किसानों के पास खेती के लिए संसाधन नहीं थे, अब वे खाद-बीज मिलने के बाद आगामी फसल की तैयारी में जुट गए हैं। यह पहल ग्रामीण समुदाय में सहयोग और सामूहिक विकास की भावना को भी प्रोत्साहित करती है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का यह मानना है कि जब किसान मजबूत होंगे, तभी ग्रामीण भारत आत्मनिर्भर और समृद्ध बन सकेगा। संस्था भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों की सहायता करती रहेगी।

राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का यह प्रयास केवल सामग्री वितरण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि किसानों को जैविक खेती, मृदा स्वास्थ्य, पानी की बचत व उन्नत कृषि पद्धतियों पर भी मार्गदर्शन दिया गया। यह खाद एवं बीज वितरण कार्यक्रम किसानों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में एक सार्थक कदम सिद्ध हुआ है। ऐसे प्रयास ग्रामीण भारत के सतत विकास और समग्र कल्याण में अहम भूमिका निभाते हैं।

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