पर्यावरण संरक्षण: बच्चों के साथ एक नए दौर की शुरुआत



पर्यावरण का आशय परिवेश से है। दूसरे शब्दों में कहें तो पर्यावरण अर्थात वनस्पति प्राणियों और मानव जाति सभी संजीवों और उनके साथ संबंधित भौतिक परिसर को पर्यावरण कहते हैं। वास्तव में पर्यावरण में वायु,जल, भूमि, पेड़, पौधे ,जीव जंतु ,मानव व उसकी विविध गतिविधियों के परिणाम आदि सभी का समावेश होता है। आज धरती पर पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। वैज्ञानिक उपलब्धियों से मानव इस संतुलन की उपेक्षा कर रहा है। जनसंख्या वृद्धि, औद्योगीकरण एवं शहरीकरण व पेड़ों की अंन्धाधुन्ध कटाई इस मुख्य समस्या है।


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के माध्यम से अजमेर के हम 13 गांव के सरकारी स्कूलों में उनके बच्चों के साथ पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में बताया गया कैसे पर्यावरण प्रदूषण हो रहा है जिसका दुष्परिणाम हम सब मानव जाति पर तीव्र रूप से पड़ रहा है। हमें वृक्ष,जल, वनस्पति, नदी, सिंचाई  युक्त भूमि, व कृषि सबका ध्यान रखना होगा। पर्यावरण कैसे हमें जीवन देता है और हमारे जीवन प्रणाली में सहयोग करता है। वायु प्रदूषण, जल, प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण यह सभी हमारे पर्यावरण को खोखला बना रहे हैं। इनका संरक्षण करना अति आवश्यक है अन्यथा हमारी आने वाली पीढियों को कई कष्ट उठाने पड़ेंगे।


इस जन जागरूकता कार्यक्रम में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा 13 सरकारी स्कूल के बच्चों को फूल के बीच बांटे गए। वह उनसे यह कहा गया। हम सब अपने आंगन, स्कूल, गांव,घर में यह बीज डालकर उसकी देखभाल करें और पर्यावरण में स्वच्छ वायु पाने के लिए वृक्ष और पौधे लगाये। इससे प्रवाहित स्वच्छ प्राण वायु को हम ग्रहण कर सके और स्वस्थ जीवन जी सकें।


स्कूल में पोस्टर,चित्रकला,प्रतिस्पर्धा,रैली,व्याख्यान,प्रश्नोत्तरी,चार्ट व कई और अन्य माध्यमों से बच्चों को पर्यावरण के बारे में समझाया गया। व सभी बच्चों के साथ शपथ भी ली गई और कहा गया कि हम अपने गांव को स्वच्छ में साफ रखेंगे और इस पर्यावरण का संरक्षण कर प्रकृति में अपना सहयोग अवश्य प्रदान करेंगे।


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का मुख्य लक्ष्य सभी तक पर्यावरण के प्रति जन जागरूकता लाना है क्योंकि यदि हमने इसका संरक्षण नहीं किया गया तो 1 दिन पृथ्वी का विनाश सुनिश्चित हो जाएगा। आने वाले पीढ़ी को हमारी सही से रहे तो इसके लिए हमें क्रांतिकारी तरीके से यह आंदोलन हर गांव हर शहर में चलने होंगे। और इस कार्यक्रम से सभी को शामिल करना होगा |

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