संदेश

"सुरक्षित बचपन: शारीरिक स्पर्श और बच्चों के अधिकार"

चित्र
शारारिक स्पर्श वो अहसास है जो सामने वाले के मन का भाव प्रदर्शित करता है ! परिवार वालो का बच्चो के प्रति स्पर्श उनको प्यार और एक सीख देता है जबकि किसी अन्य बाहरी व्यक्ति का यकायक आपको छूना उसकी निर्लज्ज मानसिकता को दर्शाता है ! बच्चों के साथ हो रही ज्यायती इनको हीं भावना की और ले जाती है यह मानसिकता कभी कभी उनकी दुर्दशा का शिकार हो जाती है ! इसी क्रम में संस्था ग्रामीण स्कूली छात्राओं, झुग्गी झोपड़ी के बच्चों , स्लम एरिया के बच्चों व् निर्धन बच्चों के साथ यह कार्यक्रम क्रियान्वित करती है ! जिसमे किसी व्यक्ति के हाथों से शारारिक स्पर्श करने की अवस्था को समझाया जाता है ! जो सही है या नहीं ये बालिग और नाबालिग दोनों के लिए बहुत जरुरी है ! यदि कोई आपको स्पर्श करे और वह स्पर्श आपको अच्छा लगे तो यह गुड टच कहलाया जाता है ! जैसे सर पर हाथ रखना , आदर सहित हाथ मिलाना आदि है जबकि अगर कोई आपको ऐसे टच करे की आपको वह स्पर्श बुरा लगे तो वह बेड टच कहलाया जाता है ! बच्चों को यह बात बताई जाती है की शरीर के किस किस अंगो पर गुड टच होता है व् किस अंग पर छुये तो वह बेड टच होता है बच्चो को इस बात के लिए विरोध क

अनुशासन , शिक्षा व् संस्कार मानव लक्ष्य प्राप्ति के साधन

चित्र
  अनुशासन, शिक्षा व् संस्कार ये वो इंसानी विशेषता है जो व्यक्ति विशेष को भीड़ से अलग स्थान प्रदान करती है !जो सकारात्मकता की ऊर्जा भर के जीवन को अपने लक्ष्य की प्राप्ति करने में अति सहायक सिद्ध होती है ! यह कुशल दृश्टिकोण देकर हमे सफल संचालक बनती है ! साथ ही समाज में हमारा स्थान भी स्थापित करती है ! शिक्षा से अनुशासन प्राप्त होता है जो जीवन को सुव्यवस्ठित व् सयमित बनता है ! जबकि हमारे संस्कार हमारे  व्यक्तित्व को प्रदर्शित करते है ! इसमें बहुत सी बाते समाहित होती है जो आपका आचरण , आपकी भाषा  आपकी संजीदगी, व् सादगी, बड़ो का आदर, छोटो से प्यार, जीवों पर दया, साफ व् स्वच्छ रहना, मिलनसार होना,व् शिक्षाप्रद अध्ययन सामग्री का पठन करना, स्मरण करना जैसी बहुत सी बाते विद्यमान है !  शिक्षा सबको प्राप्त करनी चाहिए यह विषय को समझने, जानने, व् पहचानने में मदद करती है ! सफलताओं के सोपान को मार्गदर्शित करती है व् एक विशेष पहचान   देती है जिसमे हमारी पहचान इस समाज स्थापित होती है ! शिक्षा हमे अनुशासित करती है और यही हमे अनुशासन का बोध करवाती है ! अनुशासन का तात्पर्य किसी  भी कार्य को क्रमबद्ध रूप में सर

दशहरा महोत्सव कार्यक्रम

चित्र
सत्य हमेशा सत्य ही रहता है और सत्य ही सदा विजयी होता है ! हमारे हिन्दू समाज में दशहरा महोत्सव एक अहम् स्थान रखता है इस दिन असत्य पर सत्य की जीत हुई और उस असत्य रूपी रावण का पुतला जलाकर हम सभी भगवान् राम जी के सत्य का परचम हर जगह फैलाते है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष गरीब, झुग्गी झोपडी, स्लम एरिया, निचली बस्ती व् पाठशाला के बच्चों के साथ बड़े धूमधाम से यह विजयी पर्व मनाया जाता है ! जिसमे बड़े हर्षोउल्लास के साथ बच्चो का नाट्य अभिनय भी करवाया जाता है और रामायण के प्रमुख किरदारों को सबके सामने पेश किया जाता है और हमारे समाज में एक आदर्श स्थापित किया जाता है ! यह हमे सदा सत्य की शिक्षा देता है क्योकि जीवन में सत्य कभी हारता नहीं और इसका प्रकाश हमारे जीवन में सदा प्रकाश ही प्रकाश भर देता है !  गरीब बच्चो के साथ इस पर्व को मानने का आंनद कुछ अलग सा होता है ये वंचित बच्चे हमेशा ऐसे कार्यक्रम के लिए अति उत्सुक होते है और अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन प्रस्तुत करते है ! जो उनके भाव भगिमाओ से प्रतीत होता है व् सभी को लुभाता है ! बच्चों के इस उत्साह से सभी आकर्षित होते है ! और इस कार्यक

महिलाओं का उद्यम: सफलता की नई परिभाषा

चित्र
मेरा नाम मंजू नायक है मैं एक ग्रामीण महिला हूँ और कक्षा 5वी तक पढ़ी हूँ ! मेरे परिवार में मेरे 2 बच्चे व् पति हम सब साथ रहते है शादी के बाद से मेरे घर की आर्थिक स्थितियां ठीक नहीं रहती थी ! पति फुटकर मजदूरी करते है ऐसे में बच्चों को पढ़ना, घर खर्च चलाना बहुत मुश्किल हो जाता है ! घर की जरूरतों का जैसे एक पहाड़ सा खड़ा हो गया जिसे पार करना बेह्द कठिन सा लगता है ! फिर मैंने समूह मे अपना नाम लिखवाकर मासिक बचत करने लगी ! धीरे धीरे ये बचतें बढ़ने लगी और समूह आपस में पारस्परिक ऋण प्रदान करने लगे ! जिनको मैं समय समय पर अपनी  आवस्यकतानुसार प्राप्त कर अपनी जरूरतों को पूरा कर सकने में सक्षम हो गई ! परन्तु अभी मुझे अपने पैरो पर खड़ा होना था ! उसके बाद हमारे समूह को बैंक से ऋण प्राप्त हुआ ! जिसको मैंने भी लिया और गांव में ही सब्जी की दुकान का कार्य प्रारम्भ किया ! शुरू शुरू मैं कुछ परेशानियों के बाद यह व्यवसाय रफ़्तार पकड़ने लगा ! पहले तो गांव में पास के लोग ही सब्जियाँ लिया करते थे पर अब पूरा गांव व् आस पास के गांव भी आकर मुझसे ही सब्जी प्राप्त करने लगे ! इस काम में मेरे पति भी मेरा सहयोग करते थे ! वे भी

आर्थिक स्वतंत्रता की ओर : ग्रामीण महिलाओं का विकास और सशक्तिकरण

चित्र
राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा चलाये जा रहे 90 दिवसीय सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम का गंगवाना में भव्य समापन किया गया ! जिसमे संस्थान के प्रतिनिधि व् सभी प्रशिणार्थीयो , सरपंच व् गांव के गणमान्य नागरिको ने इस कार्यक्रम में शिरकत की गई ! ग्रामीण महिलाओ को सशक्त बनाना व् आर्थिक गतिविधि से मजबूती प्रदान करने में यह प्रशिक्षण एक मील का पत्थर साबित होता है ! इस 90 दिवसीय कार्यक्रम में संस्था के मास्टर ट्रेनर द्वारा उनको सिलाई सम्बन्धी सभी कार्य बेहद सरलता पूर्वक तरीके से समझाए व् बताये जाते है ! जिससे उनको कार्य करने में कोई परेशानी या असुविधा न हो सके! इस पुरे कार्यक्रम में महिला प्रशिणार्थी द्वारा रूचिप्रद तरीके से कार्य किया   व्साथ ही इस ग्राम में अपनी निपुणता भी दिखाई ! घर रहकर भी सुविधाजनक तरीके से यह कार्य महिलाये कर सकती है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का उदेश्य महिला सशक्तिकरण को मजबूती प्रदान करने है ! व् साथ ही ग्रामीण महिलाओ के उस परम्परागत जीवन में बदलाव लेकर उसको किसी भी आर्थिक गतिविधि से जोड़ना है ! जो उसे सफल और सक्षम बना सके और यह भी अपने परिवार संचालन में स्वयं का सह

"स्वच्छ रहो, स्वस्थ रहो: हर लड़की का अधिकार"

चित्र
स्वच्छता जीवन के लिए बेहद आवश्यक है यह हमको साफ़ सुधरा रखती है व् इस कारण ही एक स्वस्थ मस्तिष्क हमारे शरीर में निवास करता है ! जो हमें सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है ! इसमें हमे जीवन में अच्छे कार्य करने में मदद मिलती है ! हमारे समाज में आज भी कुछ परिवार सभी आवश्यकताओ की पूर्ति नहीं कर पाते है ! इसमें मुख्यत महिला वर्ग को शामिल किया गया है ! जो अपनी शारारिक अक्षमताओं के कारण हमेशा अस्वछता के कारण घातक बीमारियों का शिकार हो जाती है ! महिलाओ में होने वाला मासिक धर्म एक सामान्यता प्रकिया है ! जो उसके शरीर के लिए बहुत आवश्यक है परन्तु ग्रामीण लोग अपने वही परम्परागत साधनो के उपयोग से स्वय को नुक्सान पंहुचा देते है ! कपडे के प्रयोग से महिलाओ को कई तरह के चर्म रोग व् गुप्त रोगो की समस्या बढ़ जाती है ! जिसमे उनकी जान को भी खतरा बना रहता है !  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इसी विषय पर हर वर्ष बड़े पैमाने पर स्कूली छात्राओं के साथ हाइजीन पेड वितरण कार्यक्रम किये जाते है ! जिसमे उनको साफ़ व् स्वच्छ रहना , हाइजीन पेड के प्रयोग , शारारिक स्वच्छता व् इससे सम्बंधित रोग व् निदान के बारे में संस्था

"शिक्षा से सशक्तिकरण : सकारात्मकता और प्रतिभा का विकास"

चित्र
गुरु से हमे जीवन का सशक्त मार्ग मिलता है गुरु हमे शिक्षा के साथ बहुत सी बातों पर हमारा ध्यान केन्द्रित करते है ! जिसके माध्यम से हमें लक्ष्य प्राप्ति करने में सहायता मिलती है ! इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान , अजमेर की और से चलाया जा रही है ! इसी पाठशाला के सभी अद्यापिकाओ के साथ टी एल एम कार्यक्रम किया जाता है ! जिसका उद्देश्य पाठशाला में आये हुए बच्चों का सर्वांगीण विकास करना है ! जो उनको वहां रहकर विभिन्न माध्यमो के जरिये बताया जाता है ! और  सकारात्मक विचारों से अवगत कराया जाता है ! पाठशाला चलाने का उद्देश्य मात्रा शिक्षा नहीं अपितु समस्त विषयों के ज्ञान को समाहित वरना भी है ! यह सफल जीवन यापन के लिए आवश्यक है ! जो सही दृश्टिकोण प्रदान करता है ! और विषय वस्तु को समझने की शक्ति भी हमें मिलती है ! इस कार्यक्रम में अद्यापिकाओ को पोस्टर, चार्ट, सेल्फी, रैली, अभिभाषण, अभिव्यक्ति, गायन, मंथन, खेलकूद, प्रतियोगिताएँ, बौद्धिक क्षमता प्रशिक्षण, प्रशनोत्तरी, गुणनफल, सामान्य ज्ञान, सवाल-जवाब आदि के द्वारा बच्चों को एक उत्साह ज्ञान उत्पन्न किया जाता है ! जो उसे जागरूक व् स्फूर्ति प