दशहरा महोत्सव कार्यक्रम

सत्य हमेशा सत्य ही रहता है और सत्य ही सदा विजयी होता है ! हमारे हिन्दू समाज में दशहरा महोत्सव एक अहम् स्थान रखता है इस दिन असत्य पर सत्य की जीत हुई और उस असत्य रूपी रावण का पुतला जलाकर हम सभी भगवान् राम जी के सत्य का परचम हर जगह फैलाते है ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा हर वर्ष गरीब, झुग्गी झोपडी, स्लम एरिया, निचली बस्ती व् पाठशाला के बच्चों के साथ बड़े धूमधाम से यह विजयी पर्व मनाया जाता है ! जिसमे बड़े हर्षोउल्लास के साथ बच्चो का नाट्य अभिनय भी करवाया जाता है और रामायण के प्रमुख किरदारों को सबके सामने पेश किया जाता है और हमारे समाज में एक आदर्श स्थापित किया जाता है ! यह हमे सदा सत्य की शिक्षा देता है क्योकि जीवन में सत्य कभी हारता नहीं और इसका प्रकाश हमारे जीवन में सदा प्रकाश ही प्रकाश भर देता है ! 


गरीब बच्चो के साथ इस पर्व को मानने का आंनद कुछ अलग सा होता है ये वंचित बच्चे हमेशा ऐसे कार्यक्रम के लिए अति उत्सुक होते है और अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन प्रस्तुत करते है ! जो उनके भाव भगिमाओ से प्रतीत होता है व् सभी को लुभाता है ! बच्चों के इस उत्साह से सभी आकर्षित होते है ! और इस कार्यक्रम का आनद लेते है ! इसमें पुतले को खड़ा करके रामलीला का मंचन कर लोगो को बताया जाता है की कैसे विपरीत परिस्थिति में भी राम जी ने अपना धैर्य नहीं खोया और किस तरह विषम परिस्थितियों में एक भाई , और एक पत्नी ने भगवान् का साथ दिया और बुराई का नाश किया ! और संसार को रावण के आतंक से मुक्त करवाया ! झूठ भले ही 10 शीश वाला क्यों न हो मगर एक दिन सच का एक शीश उसको झुकाने के लिए काफी होता है कार्यक्रम का उदेश्य मात्र मनोरंजन या आनद लेना नहीं वरन यह बच्चो के साथ नाट्य रूप में दी जाने वाली वो शिक्षा है जो उनके मन मस्तिष्क में एक छाप की तरह छप जाती है और उनको झूठ व् बुराई से दूर रहने की प्रेरणा देती है ! और एक आदर्श जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है ! 


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा रावण दहन के साथ भव्य आतिशबाजी बच्चो के साथ की गई ! जिसमे पटाखे जलाकर वो अपनी ख़ुशी जाहिर करते है व् उसके पश्च्यात सभी बच्चो को मिठाई वितरण की जाती है जिसका प्यार से लुफ्त उठाते है ! विजय का यह पर्व आदर्श ,सीख , स्नेह व् शिक्षा का पर्व है जो हम सभी को जीवन में दिशानिर्देशित करता है ! व्यर्थ की शक्ति का अभिमान मिथ्या है जो यथार्त है सकल रूप में शास्वत है ! यही सत्य है ! संस्था प्रतिनिधियों द्वारा किसी भी प्रकार की हताहत  होने का यहाँ पर विशेष ध्यान रखा जाता है ताकि सभी सुरक्षित रूप से दशहरे महोत्सव का आनद प्राप्त कर सके और सत्य को अपने जीवन की प्रेरणा बनाये ! समाज, घर, परिवार, देश में अपना व्यवहार मर्यादित रखें !    

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