हरित क्रांति की नई शुरुआत: किसानों के साथ पर्यावरण संरक्षण की पहल"

 

पर्यावरण संरक्षण आज केवल एक आवश्यकता नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए जिम्मेदारी बन चुकी है। जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई और बढ़ते प्रदूषण के इस दौर में यदि कोई वर्ग सबसे अधिक प्रभावित होता है, तो वह है ग्रामीण किसान। इसी गंभीर विषय को ध्यान में रखते हुए राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान ने एक सराहनीय पहल करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के साथ मिलकर पर्यावरण विषयक कार्यक्रम का आयोजन किया।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत संस्थान ने गरीब और छोटे किसानों को फलदार वृक्षों का निःशुल्क वितरण किया। इस कदम का उद्देश्य दोहरा है — एक ओर यह पहल पर्यावरण संतुलन बनाए रखने की दिशा में सहायक है, वहीं दूसरी ओर यह किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में भी मदद करेगी। फलदार वृक्ष जैसे आम, अमरूद, नींबू आदि न केवल पर्यावरण को हरा-भरा बनाते हैं, बल्कि भविष्य में किसानों को स्थायी आय का स्रोत भी प्रदान करते हैं।

कार्यक्रम के दौरान किसानों को वृक्षारोपण के सही तरीके, देखभाल, जल संरक्षण, और जैविक खाद के उपयोग जैसे विषयों पर भी प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर ग्रामीण किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभाने का संकल्प लिया।

राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की यह पहल न केवल हरियाली बढ़ाने की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने वाला एक दीर्घकालिक समाधान भी है। जब किसान फलदार वृक्षों की देखभाल करेंगे, तब न केवल उनकी ज़मीन उपजाऊ बनेगी, बल्कि हवा भी शुद्ध होगी और बच्चों को छाया और पोषण भी मिलेगा।

यह कार्यक्रम हमें याद दिलाता है कि "एक पेड़ सिर्फ पेड़ नहीं होता, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवन की गारंटी होता है।"

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Rajasthan Samgrah Kalyan Sansthan (RSKS

Stand Together Against COVID-19

BE FREE; Happy Period with Sanitary Napkins!!