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मलेरिया मुक्ति की ओर – RSKS India का ‘Kill Malaria, Save Human Life’ कार्यक्रम

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  मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है जो मुख्य रूप से गंदगी, रुके हुए पानी और मच्छरों की अधिकता के कारण फैलती है। यह बीमारी विशेष रूप से उन क्षेत्रों में ज्यादा असर डालती है जहाँ स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सीमित होती है, जैसे झुग्गी-झोपड़ी या ग्रामीण क्षेत्र। मलेरिया से हर साल लाखों लोग प्रभावित होते हैं, जिनमें बड़ी संख्या बच्चों और महिलाओं की होती है। ऐसी स्थिति में जन-जागरूकता, स्वच्छता और मच्छर-जनित रोगों से बचाव के उपाय अत्यंत आवश्यक हो जाते हैं। इसी उद्देश्य को लेकर RSKS India ने 'Kill Malaria, Save Human Life' अभियान की शुरुआत की, जो समाज के सबसे वंचित वर्गों को मलेरिया के खतरे से बचाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत RSKS India की टीम ने स्लम व झुग्गी क्षेत्रों में जाकर लोगों को मलेरिया के लक्षण, कारण और बचाव के उपायों के प्रति जागरूक किया। विशेष रूप से ऐसे परिवारों को चिन्हित किया गया जो अत्यधिक जोखिम में रहते हैं। उन्हें मच्छरदानी, घरेलू सफाई संबंधित सामग्री और मलेरिया से बचाव के लिए जरूरी जानकारियाँ दी गईं। बच्चों और महिलाओं को केंद्र में रखकर कार्यशाला...

" सपनों की आसान हुई : शिक्षा की ओर बढ़ता कदम ''

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  शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जो किसी भी समाज के विकास का मूल आधार होती है। खासकर बालिकाओं की शिक्षा, पूरे राष्ट्र की प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है। आज भी भारत के अनेक ग्रामीण क्षेत्रों में बालिकाएं शिक्षा से वंचित हैं, इसका मुख्य कारण संसाधनों की कमी, सामाजिक भ्रांतियां और आर्थिक असमानता है। ग्रामीण स्कूलों में पढ़ने वाली अनेक बालिकाएं आवश्यक शैक्षणिक सामग्री, जैसे स्कूल बैग, किताबें, स्टेशनरी आदि के अभाव में अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ने को मजबूर होती हैं। ऐसे में यदि इन्हें सही समय पर सहयोग और आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जाए, तो वे आत्मविश्वास के साथ शिक्षा की ओर अग्रसर हो सकती हैं और अपने जीवन को नई दिशा दे सकती हैं। इन्हीं समस्याओं को समझते हुए RSKS India जैसी सामाजिक संस्थाएं आगे आई हैं। RSKS India (Rajasthan Samgrah Kalyan Sansthan) ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चला रही है, जिसके अंतर्गत वे विभिन्न गांवों के सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत बालिकाओं को निःशुल्क स्कूल बैग, कॉपियाँ, पेन, पेंसिल, रबर, ज्योमेट्री बॉक्स और अन्य स्टेशनरी सामग्री वितरित कर रही है...

लैंगिक हिंसा के विरुद्ध ग्रामीण भारत की बेटियों की बुलंद आवाज

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  आरएसकेएस इंडिया (RSKS India) द्वारा हाल ही में एक सराहनीय पहल के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के एक विद्यालय में स्कूली बालिकाओं के साथ मिलकर लिंग आधारित हिंसा की रोकथाम एवं उन्मूलन के उद्देश्य से एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य समाज में व्याप्त लैंगिक असमानताओं, भेदभाव तथा महिलाओं एवं बालिकाओं के प्रति होने वाली हिंसा के विरुद्ध आवाज़ उठाना था। कार्यक्रम के अंतर्गत बालिकाओं को उनके अधिकारों, आत्मसम्मान तथा सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी गईं, जिससे वे स्वयं के लिए तथा अपने समुदाय के लिए बदलाव की वाहक बन सकें। यह प्रयास शिक्षा और सामाजिक चेतना के समन्वय द्वारा एक समावेशी और सुरक्षित समाज की स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण कदम रहा। इस अभियान की विशेष बात यह रही कि जागरूकता फैलाने के लिए एक प्रेरणादायक रैली का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में स्कूली छात्राएँ, शिक्षिकाएँ, सामाजिक कार्यकर्ता तथा ग्रामीणजन शामिल हुए। रैली में बालिकाओं ने हाथों में जागरूकता से संबंधित नारे लिखी तख्तियाँ थामी हुई थीं जैसे – "लड़की कोई बोझ नहीं", ...

"सिलाई से स्वावलंबन तक: ग्रामीण महिलाओं की नई उड़ान"

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राजस्थान  समग्र कल्याण संस्थान (आरएसकेएस) ने ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु एक और सराहनीय पहल की है। संस्था द्वारा हाल ही में एक सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बनाना है। इस कार्यक्रम में महिलाओं को सिलाई के सभी आवश्यक पहलुओं की व्यावहारिक जानकारी दी गई, ताकि वे खुद का रोजगार शुरू कर सकें और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें। प्रशिक्षण में महिलाओं को सभी प्रकार के पारंपरिक व आधुनिक परिधानों की सिलाई सिखाई गई, जैसे सलवार-सूट, ब्लाउज़, बच्चों के कपड़े, पैंट-शर्ट, पेटीकोट, पल्लू और फैशन से जुड़ी सिलाई की बारीकियाँ। इसके साथ ही कपड़े की कटिंग, माप लेना, डिजाइनिंग, बुटीक स्तर की सिलाई, फिनिशिंग और मशीन संचालन जैसे कौशल भी सिखाए गए। प्रशिक्षकाओं ने महिलाओं को बाजार की मांग और ग्राहकों की पसंद के अनुरूप कपड़े तैयार करना भी सिखाया, जिससे उन्हें भविष्य में ज्यादा ऑर्डर मिलने की संभावना हो। इस कार्यक्रम का महिलाओं पर सीधा सकारात्मक प्रभाव पड़ा। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं में आत्मविश्वास का स्तर बढ़ा और उन्होंने स्वयं क...

"शिक्षा से रोशन गाँव: वंचित छात्राओं के लिए आरएसकेएस का प्रयास"

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राजस्थान  समग्र कल्याण संस्थान (आरएसकेएस) द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में एक सराहनीय पहल करते हुए हाल ही में विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में नई पाठशालाओं का उद्घाटन किया गया। इन पाठशालाओं का उद्देश्य उन वंचित छात्राओं को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना है, जो किसी कारणवश औपचारिक शिक्षा से वंचित रह गई थीं। इन विद्यालयों की स्थापना समाज के सबसे पिछड़े वर्गों की बालिकाओं के उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखते हुए की गई है, ताकि वे भी शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकें। इन पाठशालाओं में छात्राओं को न केवल प्रारंभिक शिक्षा दी जाएगी, बल्कि उन्हें जीवन मूल्यों, स्वच्छता, आत्मविश्वास और सामाजिक कौशलों की भी जानकारी दी जाएगी। पढ़ाई का माहौल पूरी तरह सुरक्षित, प्रेरणादायक और बालिकाओं के अनुकूल बनाया गया है, जिससे वे बिना किसी झिझक के खुलकर अपनी शिक्षा पूरी कर सकें। शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया है ताकि वे इन बच्चों की शैक्षणिक और मानसिक आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से समझ सकें और सहयोग कर सकें। कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान गांव के स्थानीय लोगों, अभिभावकों और समाजसेवियों ने बड़ी संख्...

"हुनर और हौसले की मिसाल: स्वावलंबन की राह पर महिलाएं ''

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के तत्वावधान में संचालित ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। इस कार्यक्रम के तहत महिलाओं को सौंदर्य सेवाओं का व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे वे स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकें या किसी प्रतिष्ठान में कार्य करके आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें। हाल ही में इस प्रशिक्षण के अंतर्गत महिलाओं के लिए एक विशेष जीवन कौशल कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया, जिसमें उन्हें विभिन्न व्यवहारिक एवं मानसिक कौशलों की जानकारी दी गई। जीवन कौशल कार्यक्रम का उद्देश्य केवल आर्थिक सशक्तिकरण तक सीमित नहीं था, बल्कि महिलाओं को मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से भी सक्षम बनाना था। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने संवाद कौशल, आत्मविश्वास, समय प्रबंधन, टीम वर्क, तनाव प्रबंधन और निर्णय लेने की क्षमता जैसे विषयों पर चर्चा की। प्रशिक्षणार्थियों ने समूह गतिविधियों, रोल प्ले और खेलों के माध्यम से इन कौशलों को सीखने का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया। इस कार्यक्रम का महिलाओं पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला। उन्होंने न केवल ब्यूटी पार्लर के तकनीकी ज्ञा...

छोटी सी छतरी, बड़ी मुस्कान: झुग्गी बच्चों की सुरक्षा की पहल

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मानवता की सेवा और सामाजिक सरोकार की दिशा में कार्य कर रही विभिन्न संस्थाएं समय-समय पर उन वर्गों के लिए पहल करती हैं जो समाज के सबसे कमजोर और उपेक्षित हिस्से माने जाते हैं। हाल ही में एक ऐसी ही पहल के अंतर्गत झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब और वंचित बच्चों को बारिश से बचाने के उद्देश्य से छतरी वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम इस सोच के साथ शुरू किया गया कि ये बच्चे, जो संसाधनों की कमी के चलते अक्सर भीगने को मजबूर हो जाते हैं, अब बरसात के दौरान सुरक्षित रह सकें। झुग्गी इलाकों में रहने वाले अधिकतर परिवार दिहाड़ी मजदूरी, रिक्शा चलाने या छोटे-मोटे कामों पर निर्भर होते हैं। उनके पास इतने संसाधन नहीं होते कि वे अपने बच्चों के लिए रेनकोट या छतरियां खरीद सकें। ऐसे में बारिश के मौसम में बच्चों को भीगकर स्कूल या अन्य जगहों पर जाना पड़ता है, जिससे वे बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। इस जरूरत को समझते हुए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एकत्रित होकर इन बच्चों को छतरी उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया। कार्यक्रम के अंतर्गत सैकड़ों बच्चों को रंग-बिरंगी और मजबूत छतरियां वितरित की गईं। छतरियां मिलन...