"सड़क के बच्चों के साथ 6 दिवसीय शिक्षा शिविर – उम्मीद की पाठशाला"
शिविर में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ मनोरंजन, रचनात्मकता और जीवन कौशल से जोड़ने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ कराई गईं। बच्चों को हिंदी, गणित और सामान्य ज्ञान की प्रारंभिक जानकारी सरल भाषा और रोचक तरीकों से दी गई। रंगीन किताबें, फ्लैश कार्ड, चित्रों और कहानियों के माध्यम से उन्हें सीखने में रुचि पैदा की गई। इसके अलावा, चित्रकला, समूह गीत, खेलकूद, और ‘कहानी सुनाओ-कहानी बनाओ’ जैसी गतिविधियों ने बच्चों के आत्मविश्वास को निखारा। शिविर के दौरान वालंटियरों ने हर बच्चे के साथ व्यक्तिगत रूप से संवाद स्थापित किया और उन्हें समझाया कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवन को दिशा देने वाला सबसे बड़ा साधन है। बच्चों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया और कई ने पहली बार पेंसिल-कॉपी को छुआ।
6 दिनों का यह छोटा-सा प्रयास बच्चों के जीवन में एक बड़ा बदलाव लाने वाला सिद्ध हुआ। शिविर में शामिल अधिकांश बच्चों ने यह इच्छा जाहिर की कि वे आगे भी पढ़ाई करना चाहते हैं। कुछ बच्चों के माता-पिता से संपर्क कर उन्हें नियमित स्कूल में दाखिला दिलाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। RSKS India का यह प्रयास केवल एक शिविर तक सीमित नहीं है, बल्कि अब इन बच्चों की शिक्षा को नियमित और सतत बनाए रखने के लिए स्थायी रणनीति पर काम किया जा रहा है। इस शिविर ने समाज को भी एक संदेश दिया कि अगर हम सब मिलकर प्रयास करें तो सड़क पर रहने वाला एक बच्चा भी कल को एक योग्य नागरिक बन सकता है। यह शिविर केवल अक्षर ज्ञान नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान, आशा और नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक बन गया।
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