जीवन कौशल शिक्षा कार्यशाला कार्यक्रम


जीवन कौशल वे मूल कौशल है ! जिन्हे प्रत्येक वयक्ति को स्वय और दूसरे लोगों की बेह्तरी के लिए आतंरिक और ब्राह्य रूप से अर्जित और आत्मसात करना आवश्यक है ! जीवन कौशल अनुकूल तथा सकारात्मक व्यवहार हेतु ऐसी योग्यताएं है ! जो व्यक्तियो को दैनिक जीवन की माँगो और चुनौतियों का प्रभावपूर्ण ढंग से सामना करने में समर्थ बनती है ! जिसमे  जीवन कौशल शिक्षा कार्यशाला के साथ साथ व्यक्तिगत गुन भी शामिल होते है जो कार्य स्थल में सफलता सुनिश्चित करते है ! 


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान ग्रामीण महिलाओं के साथ मिलकर यह कार्यक्रम करते है ! जिसमे जीवन जीने के श्रेष्ठ तरीको को बताया व् अपनाया जाता है ! भविष्य में निर्णय लेने की क्षमता ही आप में नेतृत्व की भावना का विकास करती है ! किसी भी जटिल कार्य को सरलता पूर्वक से और दक्षता से करने की योग्यता ही हमारा कौशल है ! जीवन कौशल शिक्षण का उद्देश्य मौजूदा ज्ञान और सकारात्मक द्रष्टिकोणों और मूल्यों  के साथ साथ नकारात्मक द्रष्टिकोणों और जोखिम भरे व्यवहारो को रोकना है ! जीवन कौशल शिक्षण व्यक्तिगत और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य और सामाजिक समस्याओ की रोकथाम में योगदान देता है ! 


संस्थान के प्रतिनिधि द्वारा साँझा रूप से महिलाओ के साथ किया जाता है ! इसमें फिलिप चार्ट , भाषण , अभिव्यक्ति ,रैली , पोस्टर प्रतियोगिता , सेल्फी , हस्ताक्षर अभियान , आदि के माध्यम से उनको बताया व् समझाया जाता है सामान्य कौशल में समय प्रबंधन , टीमवर्क ,और नेतृत्व और आत्मप्रेणना का होना अतिआवश्यक है ! संस्था में प्रत्येक महिला को अवसर दिया जाता है ! जिसमे उसमे नेतृत्व की भावना को जाग्रत हो और वह समाज में खुद को स्थापित कर सके जहा पर सभी को सामाजिक समानता के भाव से देखा जाये और जीवन में सामान अवसर दिए जाये यह व्यक्तिगत भावनाओ को सकारात्मक विचार प्रस्तुत करने की अभिव्यक्ति देता है ! 


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के द्वारा जीने के लिए हमारा एक व्यवस्थित क्रम का होना बहुत जरूरी आवश्यक है ! तभी हमारा दृष्टिकोण हमारे कार्य के अनुरूप संचालित होता है व् कार्यों को निष्पादित करता है ! एक स्वस्थ समाज में शिक्षा प्राप्त कर सभी जीवन को बेहतर तरीके से व्यतीत करते है जो उनके जीवन कौशल को दर्शाता है ! हम भी अगर सकारात्मक प्रयत्न करे तो जीवन की श्रेष्टाताओ को आसानी से पा सकते है ! यह एक विकास की आजीवन प्रक्रिया है ! जो व्यक्तियों को बढ़ने और परिपक़्व होने में मदद करती है ! आत्मज्ञान व्यक्ति द्वारा अपने स्वय के चरित्र की शक्तियो और कमजोरियों को समझने का सामर्थ्य है ! इसमें व्यक्ति अपने स्वय के महत्त्व को भी समझता है !

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