शिक्षकों को सशक्त बनाना : चुनौतियों से सफलता तक वंचित बच्चों को शिक्षित करना
मेरा नाम आशा कंवर है। मैं मानवता गांव में रहती हूं। जहां मैं ड्रॉप आउट गरीब बच्चों की पाठशाला में अध्यापिका के रूप में कार्यरत हूं। यह पाठशाला राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था के तत्वाधान में संचालित की जाती है जो अजमेर के कई गांव में चलाई जाती है। इसके तहत् शिक्षा से वंचित छात्र वे छात्राएं एक स्तर तक अपनी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर अध्ययन कार्य को आगे तक पूरा कर सकते हैं। वह अपनी बौद्धिक क्षमताओं में मानसिकता का विकास करते हैं।
राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के तत्वाधान में समय-समय पर पाठशाला के टीचरों के लिए टी एल एम कार्यक्रम किया जाता है, जिसमें बताया जाता है। किस तरह हम गांव के उन बच्चों को पाठशाला में दाखिल कराये जो किसी न किसी वजह से आगे नहीं पढ़ पा रहे हैं या तो किसी की मजबूरी है या किसी की गरीबी |
पाठशाला में किन बातों को ध्यान में रखते हुए उनका सर्वांगीण विकास किया जाए। इन्ही मुद्दों पर यहां कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। कार्यशाला में पठन व पाठन कैसे कराया जाए किस-किस गतिविधि के माध्यम से उन्हें शिक्षा के प्रति और आकर्षित किया जाए। वह किस तरह गांव में उन बच्चों का चयन किया जाए वे शिक्षा के नए आयाम भी जोड़े जाए | ताकि सभी बच्चे की अपनी अभिरुचि जागृत हो सकें। वह पाठशाला में समय-समय पर सामाजिक,सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं जिससे उन्हें हर विषय के बारे में जानने की लालासर तीव्र हो सके। वह शिक्षा से संबंधित समस्त जानकारी की सूक्ष्म बातें इस टी एल एम प्रोग्राम में हमको बताई जाती है।
इस कार्यशाला में बच्चों के साथ-साथ हमारा भी बौद्धिक विकास होता है। वे हम भी शिक्षा के नए स्तरों को समझ सकते हैं और इसका प्रसार कर देश की मुख्य शिक्षा धारा में अपना सहयोग दे सकते हैं। कार्यशाला में उन बारीकियों को सिखाया जाता है जो आम शिक्षा प्रणाली में नहीं होती है। संस्था प्रतिनिधियों द्वारा हमारा इस काम में पूर्ण सहयोग किया जाता है जिसके परिणाम स्वरुप ही हम शिक्षा के इस नए आयाम को सफलतापूर्वक संपादित कर पाते हैं। इसके लिए हम सभी पाठशाला अध्यापक संस्था का आभार व धन्यवाद प्रकट करते हैं। उनके इस काम में हम सदा उनके साथ हैं।
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