"ग्रामिण महिलाओं के लिए स्वास्थ्य शिक्षा: हाइजीन का महत्व एक आवश्यक कदम"

 

राजस्थान समग्र कल्याण  संस्थान द्वारा महिलाओं के साथ बहुत से मुद्दों पर कार्य किये जाते है जिसमें हर माह महिलाओं में होने वाला ऋतु स्त्राव चक्र है मुख्यत यह चक्र यदि अंडाणु को प्राप्त करने की तैयारी करता है गर्भपात की दिवार मोटी तथा संपजी हो जाती है लेकिन निषेचन न होने पर ये धीरे धीरे टूटती है और रुधिर व् भूकपं के रूप में योनि मार्ग से बाहर निकलती है इस प्रकिर्या को रजोधर्म या ऋतुस्राव चक्र कहते है ! 


भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को इस कार्य के प्रति जागरूक किया जाता है ! जिसमे व् हाइजीन पेड का प्रयोग करें क्योकि पुराने व् परम्परागत तरीकों से कई प्रकार की बीमारिया इनको हो जाती है व् बहुत घातक और इनको नुक्सान पंहुचा सकती है ! सेनेटरी नेपकीन एक अजीब है लेकिन इसका अर्थ है सोखने वाला पेड है जिसे आप पीरिड्स के दौरान अपनी पैंटी पर पहनती है ताकि मेंस्टुअल ब्लड को सोखा जा सके ! संस्था के द्वारा इसके प्रति सजग बनाया जाता है व् उन्हें निशुल्क सैनेटरी पेड वितरण किया जाता है जिससे वह जीवन में हायजीनिकता को अपनाये व् स्वस्थ और स्वच्छ रहे ! प्रारम्भिक दौर में हर 2 -4 घंटे में बदलना चाहिये ! इस विषय पर कई महिलाये चिंतित रहती है ! जिससे डिप्रेशन हावी होने लग जाता है ! 


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के प्रतिनिधि द्वारा इस विषय पर विस्तार पूर्वक समझाया जाता है इसमें उनको पेड का उपयोग करना , बाईं तरफ सोना , स्वच्छ रहना , अचार व् तैलिये पदार्थों का सेवन न करना , फल व् प्रोटीन युक्त पदार्थ का उपयोग करना , चिंता व् बीमारी से दूर रहना आदि बातों का ध्यान रखना चाहिये ! समाज में कई ऐसे पिछड़े वर्ग व् गरीब परिवार निवास करते है जो हाइजीन सेनेटरी पेड का उपयोग नहीं करते है फलस्वरूप वे कई बीमारियों से ग्रसित रहते है इसलिए यह समझाईश और कार्यक्रम इनको प्रेरणा देता है जो इनके जीवन में एक परिवर्तन लेकर आती है और इन्हे सचेतक बनाती है !


संस्था अपने उद्देश्यों की कसौटी पर खरा उतरना चाहती है जिसमे वह सभी महिलाओं को स्वस्थ व् निरोगी बनांने को तत्पर है और इनके लिए प्रयत्न शील व् कार्यरत है संस्था हाइजीन पर प्रकाश डालती है इस सेनेटरी पेड़ के कई फायदे है महिलायें शर्म और झिझक के कारण यह बात सभी से नहीं कह पाती है परन्तु इस विषय पर सम्पूर्ण जानकारियाँ होना बहुत जरुरी है ! समाज में रूढ़िवादी होने की कीमत अक्सर समाज के सबसे पिछड़े वर्ग के हिस्सों में से एक महिलाओ को चुकानी पड़ती है यह एक ऐसा मुद्दा है जिसके विषय पर बातचीत व् चर्चा नहीं होती है और समाज में यह छुपा रहता है ! अंतः हम सबको गांव , देश , समाज को सजग व् जागरूक बनाना होगा तभी सबके चेहरे पर खुशी भरी मुस्कान होगी !

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