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छोटे कदम, बड़ी मुस्कान: सपनों को गर्माहट देती एक पहल

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कभी-कभी मदद के रूप में दिए गए छोटे-छोटे कदम किसी के जीवन में आशा की एक नई सुबह ले आते हैं। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा जरूरतमंद स्कूली बालिकाओं को सर्दी से बचाव हेतु वितरित किए गए जूते, मोजे, स्वेटर, टोपी और दस्ताने न केवल शरीर को गर्म रखने वाले साधन थे, बल्कि उनमें छिपी थी संवेदना, अपनापन और एक उज्ज्वल भविष्य की आस। सर्दी का मौसम ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर कठिनाइयों से भरा होता है। जब कई बच्चियों के पास न तो पहनने के लिए पर्याप्त कपड़े होते हैं और न ही पैरों को ढकने के लिए जूते—तब ऐसे में संस्थान की यह पहल उन बच्चियों के लिए एक आशीर्वाद बनकर आई। स्वेटर और दस्तानों से कहीं ज्यादा, उन्हें मिला वह आत्मविश्वास जो उन्हें शिक्षा के पथ पर डगमगाने से बचाता है। संस्थान का यह कार्य सिर्फ एक वितरण कार्यक्रम नहीं था, यह एक स्नेह की डोर थी, जो समाज के उन हिस्सों तक पहुँची जिन्हें अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। यह प्रयास इस सोच को बल देता है कि समाज में समानता और अवसर तभी आ सकते हैं जब हम सभी को समान गरिमा और ज़रूरतें पूरी करने का हक दें। छोटी-छोटी बच्चियों की आँखों में चमक और उनके चेहरों ...

महिला हिंसा निवारण में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का योगदान

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महिला हिंसा एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जो न केवल महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि समाज की समग्र प्रगति में भी रुकावट डालती है। इस समस्या के समाधान हेतु राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान (RSKS India) ने विशेष कार्यक्रमों की शुरुआत की है, जिनमें से एक प्रमुख पहल 'महिला हिंसा निवारण' पर केंद्रित है।​ राजस्थान राज्य में प्रतिवर्ष लगभग 27,933 महिला हिंसा के मामले पुलिस थानों में दर्ज होते हैं। इस आंकड़े से स्पष्ट है कि महिला हिंसा एक व्यापक समस्या है, जिसे तत्काल समाधान की आवश्यकता है। RSKS India ने इस समस्या के समाधान हेतु ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं के लिए विशेष कार्यक्रमों की योजना बनाई है, जिनमें काउंसलिंग, कौशल विकास प्रशिक्षण, और समाज में महिला हिंसा के प्रति जागरूकता फैलाने के उपाय शामिल हैं।​  काउंसलिंग और पुनर्वास: हिंसा से पीड़ित महिलाओं को मानसिक और भावनात्मक समर्थन प्रदान करने के लिए काउंसलिंग सत्र आयोजित किए जाते हैं। इसके माध्यम से उन्हें पुनः समाज में आत्मसम्मान के साथ जीवन जीने की दिशा में मार्गदर्शन मिलता है।​ कौशल विकास प्रशिक...

ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना: प्राथमिक अभिविन्यास और नेतृत्व विकास

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  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान (RSKS), एक अग्रणी जमीनी स्तर का गैर-सरकारी संगठन है, जो हमेशा सामुदायिक विकास और महिला सशक्तिकरण के मामले में सबसे आगे रहा है। इसकी सबसे प्रभावशाली पहलों में से एक ग्रामीण महिलाओं के लिए प्राथमिक अभिविन्यास और क्षमता निर्माण कार्यक्रम रहा है, जिसका उद्देश्य सादा जीवन और प्रभावी नेतृत्व के आवश्यक आयामों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह कार्यक्रम ग्रामीण और वंचित पृष्ठभूमि की महिलाओं को बुनियादी जीवन कौशल, स्वच्छता, वित्तीय साक्षरता, स्वास्थ्य देखभाल और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के बारे में शिक्षित करने पर केंद्रित है। इंटरैक्टिव सत्रों, कार्यशालाओं और समूह चर्चाओं के माध्यम से, महिलाओं को व्यावहारिक उपकरणों और ज्ञान से परिचित कराया जाता है जो उन्हें स्वस्थ, अधिक संगठित और टिकाऊ जीवन जीने में मदद करते हैं। सादा जीवन के ये मूलभूत पहलू महत्वपूर्ण हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां संसाधन सीमित हैं और चुनौतियां बहुत हैं। इसके अलावा, यह कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं में नेतृत्व के गुणों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रतिभागियों को बोलने...

नारी: सृजन की संवाहिका

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर "जहाँ नारी की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते हैं।" यह वाक्य केवल शास्त्रों की बात नहीं, बल्कि समाज के संतुलन और समृद्धि की मूल भावना को दर्शाता है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हम नारी के उस व्यापक स्वरूप को नमन करते हैं, जो प्रेम है, शक्ति है, संघर्ष है और सृजन भी। विचारों में विविधता, आत्मा में एकता नारी केवल एक विचारधारा तक सीमित नहीं है। वह परंपरा और प्रगतिशीलता, दोनों को आत्मसात करती है। वह कभी घूंघट में लज्जा है, तो कभी मंच पर गर्जना करती नेतृत्वकर्ता। गाँव की चौपाल से लेकर संसद तक, खेत की मेड़ से लेकर विज्ञान प्रयोगशाला तक – नारी हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रही है। संस्कारशील नारी अपने परिवार को संबल देती है। वह बेटी, बहन, पत्नी और माँ के रूप में समाज की नींव है।स्वतंत्र विचारों वाली नारी अपने अधिकारों के प्रति सजग है, अपनी पहचान खुद बनाती है। श्रमिक और ग्रामीण नारी कड़ी मेहनत से समाज की आत्मनिर्भरता की रीढ़ बनती है। शिक्षित और करियर-उन्मुख नारी नवाचार, नेतृत्व और उद्यमिता की नई मिसालें गढ़ रही है।...

महिला सशक्तिकरण...समानता का अधिकार

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महिला सशक्तिकरण और समानता का अधिकार समाज के विकास में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। यह केवल महिलाओं के अधिकारों की बात नहीं है, बल्कि यह समाज में समानता, न्याय और अवसरों की बराबरी को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम है।महिला सशक्तिकरण का मतलब है महिलाओं को अपने अधिकारों, स्वतंत्रता और समान अवसरों के प्रति जागरूक करना, ताकि वे अपने जीवन के निर्णय खुद ले सकें और समाज में समान दर्जा प्राप्त कर सकें। इसमें शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य देखभाल, और राजनीतिक भागीदारी शामिल हैं, ताकि महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी भूमिका निभा सकें और समाज में अपने अधिकारों का पूरा उपयोग कर सकें। समानता का अधिकार न केवल महिलाओं के लिए, बल्कि हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी व्यक्ति को केवल उसके लिंग, जाति, धर्म, या किसी अन्य भेदभाव के कारण भेदभाव का सामना न करना पड़े। समानता का अधिकार समाज में हर एक व्यक्ति को बराबरी के अवसर देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब समाज में महिला सशक्तिकरण और समानता के अधिकारों का सम्मान किया जाता है, तो यह न केवल महिलाओं को बल्कि पूरे समाज को लाभ पहुंचाता है,...

"उभरती महिलाएं: बेहतर कल के लिए कौशल में वृद्धि"

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा shg की महिलाओ के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में क्षमता निर्माण कार्यक्रम किये गए जिसका  उद्देश्य इन महिलाओं को प्रभावी रूप से आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है  ।  जिसमे यह अपना आर्थिक सशक्तिकरण  मजबूत बना  सके। और  अपने  महिला अधिकारों  का उपयोग  कर सकें। और  हमारे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें। इस कार्यक्रम माध्यम से महिलायें व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से अपने जीवन को बेहतर  बनाने की  दिशा में एक आवश्यक  कदम है।  इस कार्यक्रम से महिलाये विभिन्न कौशलों को हासिल करती है जो उन्हें अपने परिवार की भलाई के लिए बल्कि समाज में एक सक्रिय सदस्य बनाने में भी मदद करती है।  इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य और महत्व महिलाओं को आत्मसम्मान निर्भरता की दिशा में आगे कदम बढ़ाना ,लीडरशीप और सामूहिक निर्णय निर्माण की विचारधारा को प्रबल करना है। क्षमता निर्माण कार्यक्रम में महिलाओं को नेतृत्व के गुण ,टीमवर्क और संघर्ष समाधान के कौशल सिखाये जाते है। इसमें इन महिलाओं के कौशल को सही करके रोजगार के नए अवसर प्रद...

"पौधारोपण से बदलाव: बालिकाओं का पर्यावरणीय जागरूकता अभियान"

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण भागों के स्कूलों में बालिकाओं के साथ पर्यावरण संरक्षण पर पौधारोपण कार्यक्रंम किया गया। हमारा पर्यावरण प्राकर्तिक संसाधनो से भरपूर है लेकिन आजकल इसे नुक्सान पहुंचाने वाले कई कारक सामने आ रहे है। इनका असर न केवल हमारे जीवन पर बल्कि पूरी पृथ्वी पर हो रहा है।  इस चुनौती का सामना करने के लिये पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कई कदम उठाये जा रहे है। पौधारोपण एक महत्वपूर्ण कदम है जिसमें विद्यालयों में बालिकाओं का सक्रिय योगदान बेहद जरुरी है। पौधारोपण अभियान न केवल हमारे पर्यावरण को सुरक्षित रखने का एक प्रभावी तरीका है ये जीवन के लिए बहुत जरुरी है। पौधे हवा में मौजूद कार्बन डाइ ऑक्सइड को सोखते है और ऑक्सीजन का उत्पादन करते है जिससे वायुमण्डल में संतुलन बना रहता है।  ग्रामीण विद्यालय की बालिकाओं को पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण के महत्व के बारे में जागरूक करना आज की आवश्यकता बन गई है जब बालिकायें पौधारोपण अभियान में शामिल होती है तो न केवल वे पर्यावरण को बचाने में योगदान देती है बल्कि यह उनके सामाजिक विकास में भी सहायक होता है। बालिकायें पौधे लगा...