''बचपन से समानता की शिक्षा: एक चित्रकारी पहल''


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वार (आरएसकेएस इंडिया) द्वारा हाल ही में ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में लैंगिक समानता विषय पर एक विशेष चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य बच्चों को लैंगिक समानता के महत्व से परिचित कराना और उनके अंदर इस विषय पर जागरूकता बढ़ाना था। प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपनी राय को रचना के माध्यम से प्रस्तुत किया। बच्चों ने समाज में लड़का-लड़की के बीच समान अधिकार, शिक्षा, खेल, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों को दर्शाया और यह संदेश दिया कि भलाई केवल अधिकार नहीं बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है।

इस प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों ने यह समझाने का प्रयास किया कि किसी भी समाज की प्रगति के लिए पुरुष और महिला दोनों को शामिल करना जरूरी है। बच्चों के निबंध में यह स्पष्ट है कि वे केवल रंग से नहीं, बल्कि अपने विचारों से भी लैंगिक भेदभाव को खत्म करने का संदेश दे रहे हैं। कई बच्चों ने महिलाओं की शिक्षा, आत्मनिर्भरता और समाज में अपनी भूमिका को बड़े पैमाने पर प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। प्रतियोगिता के दौरान स्कूल में बच्चों को प्रेरित किया गया और बताया गया कि कैसे बचपन से ही लैंगिक समानता की समझ विकसित करके एक बेहतर समाज की नींव रखी जा सकती है।

प्रतियोगिता के अंत में सभी साथियों को सम्मानित किया गया, और उत्कृष्ट चित्र प्रस्तुत करने वाले बच्चों को पुरस्कार भी दिए गए। इससे बच्चों को प्रोत्साहन मिलता है और उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है। आरएसकेएस इंडिया द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम न केवल एक प्रतियोगिता थी, बल्कि यह सामाजिक जागरूकता का एक सफल प्रयास भी साबित हुआ। ऐसे बच्चों में सकारात्मक सोच, सामाजिक जिम्मेदारी और प्रेरक अभिव्यक्ति को बढ़ावा दिया जाता है। आशा है कि इस प्रकार के कट्टर भविष्य में भी जारी किया गया है, जो एक समता मूलक और वैज्ञानिक समाज का निर्माण संभव हो सकता है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Rajasthan Samgrah Kalyan Sansthan (RSKS

The Victory !! Dussehra Mahotsav !!

Stand Together Against COVID-19