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“ड्रॉपआउट बालिकाओं के लिए शिक्षा की नई राह — उज्जवल भविष्य की ओर RSKS का कदम”

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान (RSKS India) द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के प्रसार हेतु निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। संस्था का मानना है कि शिक्षा ही वह सशक्त माध्यम है जो जीवन को दिशा देती है और समाज में परिवर्तन लाती है। इसी सोच के तहत RSKS India ने उन बालिकाओं के लिए विशेष पाठशालाओं की शुरुआत की है जो किसी कारणवश विद्यालय से ड्रॉपआउट हो गई थीं। ये पाठशालाएँ ग्रामीण इलाकों में संचालित की जा रही हैं, जहाँ गरीब और वंचित परिवारों की बेटियों को फिर से शिक्षा से जोड़ने का अवसर मिल रहा है। संस्था के इस अभियान का उद्देश्य बालिकाओं को न केवल पढ़ाई से जोड़ना है, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाना है ताकि वे समाज में अपनी पहचान बना सकें। इन पाठशालाओं में बालिकाओं को औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ जीवन उपयोगी कौशल, नैतिक शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी भी दी जाती है। शिक्षिकाएँ उन्हें स्वच्छता, पोषण, आत्मरक्षा, और समय प्रबंधन जैसी बातों के प्रति जागरूक करती हैं। इस पहल से बालिकाएँ न केवल पढ़ाई में रुचि लेने लगी हैं, बल्कि उनके व्यक्तित्व में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। संस्...

“अनुशासन और संस्कार से उज्जवल भविष्य की ओर”

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  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान (RSKS India) द्वारा समाज के वंचित वर्ग के बच्चों के समग्र विकास के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में संस्था ने झुग्गी-झोपड़ी, स्लम और स्ट्रीट क्षेत्रों में रहने वाले गरीब बच्चों के लिए “अनुशासन एवं संस्कार शिविर” का आयोजन किया। इस शिविर का उद्देश्य इन बच्चों में अच्छे संस्कार, अनुशासन, और नैतिक मूल्यों का विकास करना था ताकि वे जीवन में सही दिशा में आगे बढ़ सकें। कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना और प्रेरणादायक गीतों से हुई, जिससे बच्चों में आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच का संचार हुआ। शिविर के दौरान संस्था के शिक्षकों और स्वयंसेवकों ने बच्चों को जीवन में अनुशासन के महत्व के बारे में समझाया। उन्हें बताया गया कि अनुशासन ही सफलता की पहली सीढ़ी है और संस्कार व्यक्ति के चरित्र का सबसे बड़ा गहना हैं। खेल, कहानी, और संवाद के माध्यम से बच्चों को सत्य, अहिंसा, दया, ईमानदारी, और बड़ों का सम्मान जैसे मूल्य सिखाए गए। इसके साथ ही बच्चों को स्वच्छता, समय पालन और टीमवर्क जैसी अच्छी आदतें भी सिखाई गईं। कई गतिविधियों जैसे समूह चर्चा, नैतिक कहानियों और नाटक ...

“खेल के माध्यम से विकास की राह” — RSKS द्वारा ड्रॉपआउट बालिकाओं के सर्वांगीण विकास की पहल

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  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान (RSKS India) समाज के उन वंचित वर्गों के लिए निरंतर कार्य कर रहा है, जो शिक्षा और अवसरों से वंचित रह जाते हैं। इसी कड़ी में RSKS द्वारा संचालित पाठशालाओं में पढ़ने वाली ड्रॉपआउट बालिकाओं के साथ हाल ही में एक विशेष खेल एवं शारीरिक गतिविधि कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उन बालिकाओं में शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना था, जो किसी कारणवश नियमित शिक्षा से वंचित हो गई थीं। इस पहल के माध्यम से संगठन ने यह संदेश दिया कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं है, बल्कि खेल-कूद और सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी बच्चों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। खेलों के माध्यम से बालिकाओं ने न केवल अपनी प्रतिभा दिखाई, बल्कि टीमवर्क, अनुशासन और आत्मविश्वास के गुण भी सीखे। RSKS टीम ने इस कार्यक्रम में बालिकाओं को विभिन्न खेलों — जैसे दौड़, रस्सी कूद, कबड्डी, पिट्ठू, और समूह प्रतियोगिताओं — में भाग लेने का अवसर दिया। खेल-कूद की इन गतिविधियों से बालिकाओं में उत्साह और जोश का संचार हुआ। यह देखा गया कि जिन बालिकाओं में पहले झिझक और...

“Be Free Be Happy” अभियान से झुग्गी झोपड़ी की बालिकाओं में जागी आत्मविश्वास की नई किरण

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान (RSKS India) द्वारा समाज के सबसे वंचित तबके — झुग्गी झोपड़ी एवं स्ट्रीट क्षेत्र में रहने वाली बालिकाओं — के लिए “ Be Free Be Happy ” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य इन बालिकाओं को मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से सशक्त बनाना था ताकि वे अपने जीवन में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकें। समाज के कमजोर वर्गों में रहने वाली इन बालिकाओं को अक्सर शिक्षा, स्वच्छता, आत्म-सम्मान और समान अवसरों की कमी का सामना करना पड़ता है। इसी वास्तविकता को ध्यान में रखते हुए RSKS ने इस कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें स्वतंत्रता, आत्मविश्वास और खुशहाल जीवन जीने का संदेश दिया। कार्यक्रम में विभिन्न खेलकूद, नृत्य, समूह चर्चा और मनोरंजक गतिविधियों के माध्यम से बालिकाओं ने अपनी प्रतिभा और उत्साह का प्रदर्शन किया। इस “Be Free Be Happy” कार्यक्रम के दौरान RSKS टीम ने बालिकाओं को आत्मनिर्भरता, आत्मसम्मान और समान अधिकारों के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्हें बताया गया कि शिक्षा उनके जीवन में सबसे बड़ा हथियार है और वे किसी भी परिस्थिति में अपने सपनों को ...

"खुशियों की जंग: वंचित बच्चों संग मनाया गया दशहरा महोत्सव"

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दशहरा यानी अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक पर्व, जब पूरा देश भगवान राम के आदर्शों और मर्यादा की सीख को याद करता है। लेकिन समाज के कई हिस्सों में ऐसे भी छोटे-छोटे बच्चे हैं जो त्योहारों की खुशियों से दूर, जीवन के संघर्ष में उलझे रहते हैं। इन्हीं वंचित और जरूरतमंद बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाने के उद्देश्य से राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान (RSKS India) ने इस वर्ष झुग्गी-झोपड़ी और सड़क बस्तियों में “दशहरा महोत्सव” का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में सैकड़ों बच्चों ने भाग लिया और अपनी खुशी, उत्साह और रंग-बिरंगे सपनों से पूरे माहौल को जीवंत बना दिया। महोत्सव की शुरुआत भगवान राम के जीवन पर आधारित एक नाटक प्रस्तुति से हुई, जिसमें स्वयं बच्चों ने भाग लिया। उन्होंने बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश बड़ी उत्सुकता और जोश के साथ प्रस्तुत किया। इसके बाद बच्चों के बीच मिठाइयाँ, नए कपड़े, खिलौने और अध्ययन सामग्री वितरित की गई। जब इन मासूम चेहरों पर खुशी की चमक दिखी, तो वहां मौजूद सभी स्वयंसेवकों और टीम सदस्यों का मन गर्व और संतोष से भर गया। बच्चों ने गीत, नृत्य और खेल प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया,...

"दीपों की रौशनी, मुस्कानों की कहानी: RSKS इंडिया का मानवीय प्रयास"

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  दीपावली, प्रकाश और खुशियों का पर्व, जब पूरे देश में रौनक और उल्लास का माहौल होता है, तब समाज के कुछ ऐसे वर्ग भी होते हैं जो इस पर्व की चमक से वंचित रह जाते हैं। लेकिन इस बार, RSKS इंडिया (Rajasthan Samgrah Kalyan Sansthan) ने एक मिसाल कायम करते हुए गरीब, झुग्गी-झोपड़ियों, स्लम क्षेत्रों और सड़कों पर रहने वाले बच्चों के साथ दीपावली का महोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास और मानवता के भाव से मनाया। इस आयोजन का उद्देश्य सिर्फ त्योहार मनाना नहीं था, बल्कि इन वंचित बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और उनके चेहरों पर मुस्कान लाने का प्रयास भी था।   कार्यक्रम के अंतर्गत इन बच्चों को नये कपड़े, पटाखे, मिठाइयाँ, मोमबत्तियाँ और अन्य दीपावली से संबंधित सामग्री वितरित की गई। बच्चों की आँखों में चमक और चेहरों पर मुस्कान इस बात का प्रमाण थी कि इस छोटे से प्रयास ने उन्हें विशेष और सम्मानीय होने का एहसास कराया। स्वयंसेवकों ने बच्चों के साथ खेल खेले, दीप जलाए और रंगोली बनाकर दीपावली की खुशियाँ बाँटीं। कई बच्चों ने पहली बार नया परिधान पहना, मिठाई का स्वाद चखा और पटाखों की रौशनी देखी। यह क्षण उनके...

"खेल, नेतृत्व और समानता: ग्रामीण महिलाओं की नई उड़ान"

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आर एस के एस इंडिया (RSKS India) द्वारा महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं को खेल-कूद के माध्यम से समानता, आत्मविश्वास और नेतृत्व निर्माण की दिशा में एक सशक्त पहल की गई है। संस्था का मानना है कि सामाजिक परिवर्तन केवल भाषणों और योजनाओं से नहीं आता, बल्कि जमीनी स्तर पर लोगों की मानसिकता और सोच को बदलने से आता है। इसी सोच के तहत आरएसकेएस ने महिला SHG सदस्यों को खेलों से जोड़ने की अभिनव शुरुआत की है, जिससे महिलाओं में टीम भावना, नेतृत्व क्षमता, और सामाजिक समता की भावना विकसित हो सके। इस आयोजन में ग्रामीण क्षेत्रों की अनेक महिलाएं उत्साहपूर्वक शामिल हुईं। पारंपरिक और स्थानीय खेलों जैसे खो-खो, कबड्डी, रस्साकशी, दौड़ प्रतियोगिता आदि के माध्यम से महिलाओं को ना केवल शारीरिक रूप से सक्रिय किया गया, बल्कि उन्हें यह भी सिखाया गया कि खेल किस प्रकार एकता, सहयोग और समानता को बढ़ावा देते हैं। खेलों के दौरान सभी महिलाएं चाहे उनकी उम्र, जाति, या आर्थिक स्थिति कुछ भी हो – एक समान मंच पर खड़ी होती हैं। यही इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य था – "समानता का अनुभव, सहभागिता के माध्यम से।" आरएसकेए...

"अपने पैरों पर खड़ी होती नारी: ग्रामीण महिलाओं के लिए सिलाई की नई राह"

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आरएसकेएस इंडिया (RSKS India) ने ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने के उद्देश्य से सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह पहल उन महिलाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है जो अब तक घर की चारदीवारी तक सीमित थीं और आर्थिक रूप से अपने परिवार पर निर्भर थीं। संस्था का यह प्रयास महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रभावी कदम माना जा रहा है, जो न केवल महिलाओं को हुनर सिखाता है, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और पहचान भी प्रदान करता है। कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों से चयनित महिलाओं को नि:शुल्क सिलाई प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण केंद्रों पर आधुनिक सिलाई मशीनें, प्रशिक्षित ट्यूटर और आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की गई है ताकि महिलाएं व्यावसायिक स्तर की सिलाई-कढ़ाई सीख सकें। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को विभिन्न परिधानों जैसे ब्लाउज, सलवार-सूट, पैंट-शर्ट, बच्चों के कपड़े आदि की सिलाई का अभ्यास कराया जा रहा है। इसके अलावा, उन्हें कपड़े की डिजाइनिंग, नाप लेना, कपड़े की कटिंग और फिनिशिंग जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं की भी जानकारी दी जा रही है। इस पहल से म...

गरीब किसानों को खाद एवं बीज वितरण: आत्मनिर्भर खेती की ओर एक सार्थक पहल

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आरएसकेएस इंडिया (RSKS India) द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब और जरूरतमंद किसानों को खाद एवं बीज वितरण का कार्य एक सराहनीय पहल के रूप में किया गया। यह कार्यक्रम संस्था के सामाजिक उत्तरदायित्व और ग्रामीण विकास की भावना को दर्शाता है। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी खेती को आर्थिक रूप से सशक्त करने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की गई। बीज और खाद जैसे कृषि संसाधन खेती की बुनियादी ज़रूरतें हैं, जिनकी अनुपलब्धता से छोटे किसान अक्सर पीछे रह जाते हैं। इस कार्यक्रम के तहत चयनित गाँवों में आर्थिक रूप से कमजोर किसानों की पहचान की गई और उन्हें उनकी ज़रूरत के अनुसार उन्नत किस्म के बीज, जैविक एवं रासायनिक खाद उपलब्ध कराए गए। वितरण कार्यक्रम को पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से आयोजित किया गया, जिसमें संस्था के पदाधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीण समुदाय के सदस्यों की भी सहभागिता रही। किसानों को केवल संसाधन ही नहीं दिए गए, बल्कि उन्हें बीज बोने की विधि, खाद के संतुलित उपयोग और आधुनिक खेती के तरीकों के बारे में भी मार्गदर्शन प्रदान किया गया। इस पहल से न केवल किसानों क...

"नेतृत्व और आत्मबल की उड़ान: SHG महिलाओं के साथ प्रेरणादायक यात्रा"

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  आरएसकेएस इंडिया (RSKS India) द्वारा ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) के साथ "उड़ान लीडरशिप पॉजिटिविटी वर्कशॉप" का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम महिलाओं के आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। ग्रामीण परिवेश में रहने वाली महिलाएं अक्सर अनेक सामाजिक, आर्थिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करती हैं। ऐसे में इस प्रकार की कार्यशालाएं उन्हें सशक्त बनाने और उनके भीतर छिपी संभावनाओं को उजागर करने में अत्यंत सहायक सिद्ध होती हैं। इस वर्कशॉप में विभिन्न ग्रामों से आई महिलाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रेरणादायक सत्र से हुई जिसमें महिलाओं को आत्मचिंतन, सकारात्मक सोच और टीम वर्क की महत्ता के बारे में बताया गया। प्रशिक्षकों ने विभिन्न गतिविधियों और खेलों के माध्यम से महिलाओं के भीतर आत्मविश्वास जगाने का प्रयास किया। प्रतिभागियों को नेतृत्व कौशल, संवाद कौशल (Communication Skills), निर्णय लेने की क्षमता तथा समूह में सहयोगात्मक कार्य करने की विधियाँ सिखाई गईं। कार्यशाला के दौरान महिलाओं ने न केवल नई-नई बाते...

"सौंदर्य के साथ स्वावलंबन: एक सफल कार्यक्रम का समापन"

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  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा आयोजित सौंदर्य पार्लर प्रशिक्षण कार्यक्रम का अंतिम दिन एक भव्य समापन समारोह के साथ संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम महिलाओं के सशक्तिकरण और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया था। इस प्रशिक्षण शिविर में विभिन्न क्षेत्रों से आई महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और सौंदर्य से संबंधित कई आधुनिक तकनीकों को सीखा। अंतिम दिन का आयोजन विशेष रूप से महिलाओं की उपलब्धियों को सम्मानित करने और उन्हें प्रेरित करने के लिए किया गया था। समापन समारोह के अवसर पर एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया, जिसमें महिलाओं ने पारंपरिक नृत्य, गीत एवं नाटक के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम ने आयोजन को जीवंत और उत्साहपूर्ण बना दिया। समारोह में समाजसेवी, प्रशिक्षक और क्षेत्रीय गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया। उपस्थित अतिथियों ने महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में किए गए इस प्रयास की सराहना की और संस्थान की भूमिका की प्रशंसा की। कार्यक्रम की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी प्रमाण पत्र...