"दीपों की रौशनी, मुस्कानों की कहानी: RSKS इंडिया का मानवीय प्रयास"
दीपावली, प्रकाश और खुशियों का पर्व, जब पूरे देश में रौनक और उल्लास का माहौल होता है, तब समाज के कुछ ऐसे वर्ग भी होते हैं जो इस पर्व की चमक से वंचित रह जाते हैं। लेकिन इस बार, RSKS इंडिया (Rajasthan Samgrah Kalyan Sansthan) ने एक मिसाल कायम करते हुए गरीब, झुग्गी-झोपड़ियों, स्लम क्षेत्रों और सड़कों पर रहने वाले बच्चों के साथ दीपावली का महोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास और मानवता के भाव से मनाया। इस आयोजन का उद्देश्य सिर्फ त्योहार मनाना नहीं था, बल्कि इन वंचित बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और उनके चेहरों पर मुस्कान लाने का प्रयास भी था।
कार्यक्रम के अंतर्गत इन बच्चों को नये कपड़े, पटाखे, मिठाइयाँ, मोमबत्तियाँ और अन्य दीपावली से संबंधित सामग्री वितरित की गई। बच्चों की आँखों में चमक और चेहरों पर मुस्कान इस बात का प्रमाण थी कि इस छोटे से प्रयास ने उन्हें विशेष और सम्मानीय होने का एहसास कराया। स्वयंसेवकों ने बच्चों के साथ खेल खेले, दीप जलाए और रंगोली बनाकर दीपावली की खुशियाँ बाँटीं। कई बच्चों ने पहली बार नया परिधान पहना, मिठाई का स्वाद चखा और पटाखों की रौशनी देखी। यह क्षण उनके जीवन के अमूल्य पल बन गए।
RSKS इंडिया का यह कार्य न केवल प्रशंसनीय है, बल्कि यह एक सामाजिक संदेश भी देता है कि खुशियाँ तभी सच्चे मायने रखती हैं जब वे सबके साथ बाँटी जाएँ। ऐसे आयोजनों से समाज के उपेक्षित वर्गों को सम्मान मिलता है और उनके भीतर भी आत्मविश्वास पनपता है। दीपावली का वास्तविक अर्थ तभी सार्थक होता है जब हम अपने प्रकाश से दूसरों के अंधकार को दूर करें। इस आयोजन ने न केवल बच्चों के जीवन में उजाला भरा, बल्कि समाज के सभी वर्गों को यह सिखाया कि सेवा, सहानुभूति और करुणा से बड़ा कोई उत्सव नहीं होता। RSKS इंडिया का यह प्रयास एक प्रेरणा है, जिसे देशभर में अपनाया जाना चाहिए।
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