"अपने पैरों पर खड़ी होती नारी: ग्रामीण महिलाओं के लिए सिलाई की नई राह"
आरएसकेएस इंडिया (RSKS India) ने ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने के उद्देश्य से सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह पहल उन महिलाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है जो अब तक घर की चारदीवारी तक सीमित थीं और आर्थिक रूप से अपने परिवार पर निर्भर थीं। संस्था का यह प्रयास महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रभावी कदम माना जा रहा है, जो न केवल महिलाओं को हुनर सिखाता है, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और पहचान भी प्रदान करता है।
कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों से चयनित महिलाओं को नि:शुल्क सिलाई प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण केंद्रों पर आधुनिक सिलाई मशीनें, प्रशिक्षित ट्यूटर और आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की गई है ताकि महिलाएं व्यावसायिक स्तर की सिलाई-कढ़ाई सीख सकें। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को विभिन्न परिधानों जैसे ब्लाउज, सलवार-सूट, पैंट-शर्ट, बच्चों के कपड़े आदि की सिलाई का अभ्यास कराया जा रहा है। इसके अलावा, उन्हें कपड़े की डिजाइनिंग, नाप लेना, कपड़े की कटिंग और फिनिशिंग जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं की भी जानकारी दी जा रही है।
इस पहल से महिलाओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। जिन महिलाओं ने पहले कभी सिलाई मशीन को छुआ भी नहीं था, वे आज आत्मविश्वास से कपड़े सिल रही हैं और खुद की पहचान बना रही हैं। प्रशिक्षण के साथ-साथ संस्था उन्हें यह भी सिखा रही है कि वे अपने हुनर का उपयोग कर स्वरोजगार कैसे प्रारंभ कर सकती हैं। कई महिलाओं ने यह योजना बनाई है कि प्रशिक्षण पूरा होने के बाद वे अपने गांव में ही छोटा सिलाई सेंटर शुरू करेंगी या घर से ही ऑर्डर लेकर काम करेंगी। यह न केवल उनके लिए आय का साधन बनेगा, बल्कि गांव की दूसरी महिलाओं को भी प्रेरणा देगा।
आरएसकेएस इंडिया का यह कार्यक्रम केवल एक सिलाई प्रशिक्षण नहीं, बल्कि महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक गहन प्रयास है। संस्था यह भी सुनिश्चित कर रही है कि प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं को बाजार से जोड़ा जाए, ताकि वे अपने उत्पाद बेच सकें और नियमित आमदनी कमा सकें। इस प्रकार यह कार्यक्रम महिलाओं को केवल हुनरमंद ही नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर और सशक्त बना रहा है।
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