"खुशियों की जंग: वंचित बच्चों संग मनाया गया दशहरा महोत्सव"

दशहरा यानी अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक पर्व, जब पूरा देश भगवान राम के आदर्शों और मर्यादा की सीख को याद करता है। लेकिन समाज के कई हिस्सों में ऐसे भी छोटे-छोटे बच्चे हैं जो त्योहारों की खुशियों से दूर, जीवन के संघर्ष में उलझे रहते हैं। इन्हीं वंचित और जरूरतमंद बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाने के उद्देश्य से राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान (RSKS India) ने इस वर्ष झुग्गी-झोपड़ी और सड़क बस्तियों में “दशहरा महोत्सव” का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में सैकड़ों बच्चों ने भाग लिया और अपनी खुशी, उत्साह और रंग-बिरंगे सपनों से पूरे माहौल को जीवंत बना दिया।

महोत्सव की शुरुआत भगवान राम के जीवन पर आधारित एक नाटक प्रस्तुति से हुई, जिसमें स्वयं बच्चों ने भाग लिया। उन्होंने बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश बड़ी उत्सुकता और जोश के साथ प्रस्तुत किया। इसके बाद बच्चों के बीच मिठाइयाँ, नए कपड़े, खिलौने और अध्ययन सामग्री वितरित की गई। जब इन मासूम चेहरों पर खुशी की चमक दिखी, तो वहां मौजूद सभी स्वयंसेवकों और टीम सदस्यों का मन गर्व और संतोष से भर गया। बच्चों ने गीत, नृत्य और खेल प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया, जिससे कार्यक्रम का माहौल और अधिक उल्लासपूर्ण बन गया। पूरे क्षेत्र में हँसी-खुशी की गूंज सुनाई दी और ऐसा लगा जैसे यह दशहरा उन बच्चों के जीवन में नई शुरुआत लेकर आया हो।

RSKS India के प्रतिनिधियों ने इस अवसर पर कहा कि त्योहारों की सच्ची खुशी तभी मिलती है जब हम उन्हें समाज के हर वर्ग के साथ बाँटें। संस्थान का उद्देश्य केवल वस्तुएँ बाँटना नहीं, बल्कि उन बच्चों में आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच का दीप जलाना है, ताकि वे अपने जीवन में भी हर बुराई, गरीबी और अंधकार पर विजय पा सकें। इस विशेष कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि समाज में समानता, प्रेम और एकता ही असली विजय है। झुग्गी-झोपड़ी के ये बच्चे भले ही अभाव में जी रहे हों, लेकिन जब उनके चेहरे मुस्कुराए, तो लगा कि सच्चा दशहरा तो यहीं मनाया गया — जहाँ मानवता ने बुराई पर जीत हासिल की।

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