लैंगिक आधारित हिंसा के खिलाफ एकजुटता – RSKS India का जागरूकता अभियान
लैंगिक आधारित हिंसा (Gender-Based Violence) समाज की एक ऐसी पीड़ा है, जो महिलाओं, किशोरियों और कमजोर वर्गों के अस्तित्व और आत्मसम्मान को गहरी चोट पहुंचाती है। यह न केवल शारीरिक पीड़ा देती है, बल्कि मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से भी व्यक्ति को तोड़ देती है। भारत जैसे देश में, जहाँ पितृसत्तात्मक सोच अब भी कई स्थानों पर जड़ें जमाए हुए है, वहाँ इस मुद्दे पर खुलकर बात करना और समाज को संवेदनशील बनाना अत्यंत आवश्यक है। इसी उद्देश्य को लेकर RSKS India ने एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य लैंगिक हिंसा के खिलाफ जनचेतना पैदा करना और पीड़ितों को सहयोग और समर्थन प्रदान करना था।
इस एक दिवसीय कार्यक्रम में ग्रामीण स्कूल के बालक वे बालिकाओं के साथ यह कार्यक्रम सम्पादित किया गया।कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों द्वारा लैंगिक हिंसा के प्रकार, इसके दुष्परिणाम, और कानूनी अधिकारों की जानकारी दी गई। बालिकाओं को 'ना' कहने का अधिकार, आत्म-संरक्षण के तरीके, और हिंसा के प्रति चुप्पी तोड़ने का साहस देने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ कराई गईं। सहभागियों को यह भी बताया गया कि कैसे घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, कार्यस्थल पर भेदभाव, और मानसिक प्रताड़ना जैसी समस्याएं भी लैंगिक हिंसा का ही हिस्सा हैं। इस मौके पर नारे लेखन, समूह चर्चा और पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से प्रतिभागियों को अपनी भावनाएं व्यक्त करने का अवसर भी मिला।
RSKS India का यह कार्यक्रम न केवल एक जागरूकता अभियान था, बल्कि यह महिलाओं को आत्मनिर्भर, साहसी और अधिकारों के प्रति सजग बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। यह संदेश देना बेहद ज़रूरी है कि हिंसा के खिलाफ चुप रहना समस्या को और बढ़ाता है, इसलिए आवाज़ उठाना, समर्थन लेना और अन्य महिलाओं को जागरूक करना समय की मांग है। लैंगिक समानता और सुरक्षित समाज की स्थापना तभी संभव है जब हम सभी मिलकर इस गंभीर मुद्दे के खिलाफ खड़े हों। यह पहल RSKS India के सामाजिक न्याय और महिला सशक्तिकरण के संकल्प को दर्शाती है, और हमें प्रेरित करती है कि हम भी अपने-अपने स्तर पर इस बदलाव के भागीदार बनें।
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