"स्वस्थ्य, पोषण और आर्थिक सुरक्षा: किसानों के लिए फलदार पौधों का निःशुल्क वितरण"




राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान पर्यावरण के सन्दर्भ में विभिन्न प्रकार के कई तरह के कार्यक्रम वर्ष भर करते है जिसमें गरीब किसानों को फलदार पौधों का वितरण भी किया जाता है भारत में कृषि क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है लेकिन कृषि पर निर्भर किसानों को अक्सर कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जैसे की पैदावार का कम होना, मानसून की अनिश्चियता और बाजार में सही मूल्य का न मिलना।  इस सन्दर्भ में गरीब किसानों को फलदार पौधों का निःशुल्क वितरण एक अभिनव और प्रभावी कदम साबित हो सकता है।  जो न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकता है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगा। 


संस्था द्वारा आर्थिक स्थिरता स्वास्थ्य और पोषण व दीर्घ कालिक विकास के उदेश्य को ध्यान में रखते हुये इन्हे पौधों का वितरण किया जाता है यह कार्यक्रम गरीब किसानों को खाद्य सुरक्षा , स्वास्थ्य लाभ और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाता है।  गरीब किसानों को फलदार पौधो का निःशुल्क वितरण एक सकारात्मक पहल है।  जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है यह केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं करेगी बल्कि उनके जीवन स्तर को भी बेहतर बनायेगी।  साथ ही इसमें ग्रामीण विकास को भी बढ़ावा मिलेगा और किसानों को बागवानी की और आकर्षित किया जा सकेगा।  किसानों को बागवानी के उचित तरीको के बारे में जागरूक करना जरुरी है इसके लिये व्यापक प्रचार प्रसार और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता होगीं। 


इस कार्यक्रम से किसानों की आय के वैकल्पिक स्रोत का निर्माण होगा जो उनको विविधता प्रदान करेगी। स्वस्थ्य जीवन शैली को समर्थन मिलेगा इनसे प्राप्त फल इनके स्वास्थ्य को सही रखने में मदद करेंगे।  साथ ही प्राकर्तिक संसाधनों का संरक्षण भी मिलेगा जो पर्यावरण के सन्तुलन को बनाये रखने में उसकी मदद भी करेगा।  यह फलदार पौधे जलवायु परिवर्तनों के प्रभावों से भी बचाव करेंगे।  फलदार पौधों के वितरण से जुड़े कुछ दीर्धकालिक लाभ इन किसानों को मिल सकते है जैसे आधुनिक कृषि के प्रति जागरूकता , स्वस्थ्य कृषि पद्धितिया , कृषि पर्यटन को बढ़ावा , परिस्थिति संतुलन और पर्यावरण को संरक्षण व् स्थायी कृषि व्यवस्था प्राप्त होगी। इस कार्य में पौधों के देखभाल बहुत जरुरी है जलवायु परिवर्तन , अत्यधिक गर्मी , सर्दी , पाला, पानी की कमी इनकी वर्द्धि में रुकावट बन सकती है।  फलदार पौधों का वितरण एक सार्थक पहल है जो उनके जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की पोषण , और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी से जुड़ने का अवसर प्रदान करेगा।  यह कार्य किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकता है।

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