"SHG और प्राथमिक अभिविन्यास: महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत दृष्टिकोण से सशक्त बनाना"


स्वयं सहायता समूह कार्यक्रम भारत में महिलाओ के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में उभरे है ! इन समूहों के माध्यम से महिलाये अपनी समस्याओं का समाधान ढूढ़ने और समुदाय के विकास कार्यों में योगदान करने के लिए एकजुट होती है। स्वयं सहायता समूह के साथ प्राथमिक अभिविन्यास कार्यक्रम का  आयोजन महिलाओं को उनके अधिकारों , कौशलों और विकास के अवसरों के बारे में जागरूक करने का एक अच्छा प्रभावी तरीका हो सकता है राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा सभी ग्रामीण महिलाओं के लिये यह कार्यक्रम का उद्देश्य  महिलाओ को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के साथ साथ उन्हें विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत पहलुओं पर सशक्त बनाना है। 


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा बताया गया की इसमें उन्हें संविधान और क़ानूनी अधिकारों की जानकारी प्राप्त होगी, आर्थिक सशक्तिकरण बढ़ेगा , सामाजिक सशक्तिकरण सशक्त रूप से इन्हे जागरूक करेगा व् इनको स्वास्थ्य और पोषण के विषय में भी जागरूक करेगा।  shg महिलाओ को विभिन्न प्रकार के कौशल विकास के अवसरों के बारे में जागरूक करने का एक प्रभावी तरीका हो सकता है राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा सभी ग्रामीण महिलाओं के लिये यह कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के साथ - साथ उन्हें विभिन्न सामाजिक, आर्थिक , और व्यक्तिगत पहलुओं पर सशक्त बनाना है। 


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा बताया गया की इससे उन्हें संविधान और क़ानूनी अधिकारों की जानकारी प्राप्त होगी , आर्थिक सशक्तिकरण बढ़ेगा , सामाजिक सशक्तिकरण सशक्त रूप से इन्हे जागरूक करेगा व् इनको स्वास्थ्य और पोषण के विषय में भी जागरूक करेगा।  shg महिलाओं को विभिन्न प्रकार कौशल विकास प्रशिक्षण जैसे सिलाई, कढ़ाई, हेंडीक्राफ्ट, बुनाई, खाद्य प्रसंस्करण और कृषि आधारित कौशल प्रदान किये जा सकते है इससे वे आत्मनिर्भर बन सकती है और अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकती है इसके लिए समूह की महिलाओं का निरन्तर मार्गदर्शन होना बहुत जरुरी है इसकी नियमित निगरानी और मार्गदर्शन से यह सुनिश्चियत किया जा सकता है साथ ही नेटवर्किंग और साझेदारी का होना भी बहुत जरुरी है। 


संस्था का मानना है shg की महिलाओं के साथ प्राथमिक अभिविन्यास कार्यक्रम एक बेहद महत्वपूर्ण पहल है जो उन्हें न केवल उनके व्यक्तिगत और सामाजिक अधिकारों के बारे जागरूक करता है बल्कि उन्हें जीवन के विभिन्न पहलुओं में सशक्त बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है इस कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को न सिर्फ आत्मनिर्भरता मिलती है बल्कि वे अपने परिवार और समाज के लिए सकारात्मक योगदान भी दे सकती है इसलिये ऐसे कार्यक्रम समय समय पर संस्था इन महिलाओं के साथ सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम होगा।  यह कार्यक्रम महिला सदस्यों को एकजुट होकर अपने अपने व्यक्तिगत और सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम करती है इनमे से अधिकांश महिलाऐ समाज के गरीब और पिछड़े वर्गों से आती है जिन्हें आम तौर पर विभिन्न संसाधनों की कमी और सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है ऐसे में प्राथमिक अभिविन्यास कार्यक्रम महिला को अपने अधिकारों की पहचान करा के समाज को मजबूत कर सकें। 

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