स्वतंत्रता की ओर बढ़ना: विकलांगता सशक्तिकरण के साथ मेरा अनुभव


विकलांगता का एक अभिशाप नहीं अपितु एक शारीरिक विकलांगता है जो किसी अंग के काम न करने की वजह से होती है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा विकलांगता को दूर करने हेतु कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं जिसमें उन व्यक्तियों को ट्राई साइकिल वितरण हेतु आवेदन पत्र भरकर उन्हें दिलवाने का कार्य करना भी इसमें शामिल है जो शारीरिक रूप से आवागमन नहीं कर सकते, जिन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इससे दिव्यांगों का सशक्तिकरण होता है। इस ट्राई साइकिल को प्राप्त करने हेतु आवेदक के पास सभी दस्तावेज उपलब्ध होने चाहिए। जैसे 1- दिव्यांगता प्रमाण पत्र 2-पासपोर्ट साइज फोटो 3-आवेदक का स्कैन किया हुआ हस्ताक्षर 4-वर्तमान में शिक्षण संस्थान का दिव्यांग प्रमाण पत्र 5- बैंक पासबुक की छाया प्रति 6- जाति प्रमाण पत्र 7-आधार प्रमाण पत्र 8- स्थाई निवास प्रमाण पत्र होना चाहिए। यह सभी दस्तावेज ऑनलाइन पोर्टल पर भर सकते हैं। इसके बाद विभागीय जांच के बाद उन्हें ट्राई साइकिल मिल जाएगी।


मेरा नाम गिरधारी लाल है। मैं जन्म से दोनों पैरों से विकलांग हूं। वह कहीं आ जा नहीं सकता। इसके लिए किसी का सहारा लेना पड़ता है। मैं अभी कक्षा 10 में पढ़ रहा हूं। पर अब मेरी इस परेशानी के कारण मेरा अध्ययन कार्य नहीं हो पा रहा है। इस असमर्थकता को मैंने राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम को बताया। उन्होंने मुझे आश्वस्त किया कि हम आपकी समस्या का निवारण करेंगे। फिर उन्होंने मेरा आवेदन फॉर्म भरकर जमा कर दिया। कुछ दिनों बाद मुझे दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग से ट्राई साइकिल मिली, जिसे प्राप्त करके मैं बहुत खुश था। साथ ही मेरा परिवार भी उत्साहित था। अब इसके माध्यम से मैं शिक्षा हेतु आसानी से आवागमन कर पाऊंगा और अपना अध्ययन कार्य बिना किसी बाधा के पूरा कर पाऊंगा। इस कार्य के लिए मैं सदा संस्था का आभारी रहूंगा।


इस ट्राईसाईकिल को पाकर मुझ में एक विश्वास जागा है जिससे मुझ में अब काम करने की क्षमता और बढ़ गई है। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विद्यार्थी योजना सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है जो राज्य के दिव्यांग छात्रों को शिक्षा में सशक्त बनाने के लिए उन्हें विभिन्न शिक्षा सुविधाएं और संस्थाओं के माध्यम से सहायता प्रदान करती है यह योजना दिव्यांग विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा तक पहुंचने में मदद करती है और उन्हें एक सकारात्मक विकास के लिए प्रोत्साहित करती है। इस योजना के तहत दिव्यांग छात्रों या कामकाजी दिव्यांगों को निशुल्क ट्राई साइकिल वितरण की जाती है। इसे प्राप्त कर वे अपना सामाजिक आर्थिक विकास कर सके।


राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के सफल प्रयासों से आज ना जाने कितने लोगों को ट्राई साइकिल मिली है जिससे उनकी मानसिक अवस्था सुधरी है और वे अपना विकास कर रहे हैं। दिव्यांग जिस प्रकार अपनी पुरानी अवस्था से बाहर निकलता है और नए समाज के पथ पर अग्रसर होता है। यह वैसा ही है जैसे एक भूखे व्यक्ति को भोजन मिलने के पश्चात जो सुख प्राप्त होता है। इस तरह ट्राई साइकिल मिलने से उस व्यक्ति को आत्मीय संतुष्टि प्राप्त होती है।


संस्था द्वारा किए गए इस नेक कार्य के लिए मैं तहे दिल से संस्था का आभार व धन्यवाद प्रकट करता हूं।

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