अनुशासन और संस्कार : जीवन की नींव और सफलता की कुंजी



अनुशासन एवं संस्कार मानव जीवन की वो विशेषता है जो पृथ्वी पर अन्य जीवों से हमको पृथक कर सर्वोच्च स्थान प्रदान करती है ! इसमें मानवीय दृष्टिकोण की वो झलक मिलती है जो उन्हें शिक्षित प्रतिरूप में प्रदर्शित करती है ! यह शिक्षा उसको अपने माता- पिता, भाई -बहन, अपने गुरुजन और समाज के मार्गदर्शकों से प्राप्त होती है ! अनुशासन और संस्कार बच्चे के पैदा होते ही उसको सिखाये जाने लगते है जिसमे एक व्यवस्थित दैनिक दिनचर्या और अनुशासित रहने का भाव विधमान होता है ! हम किस प्रकार से अपने दिन का प्रारंभ करे उसे दिन समाप्त होने तक हमारे क्या और कैसे क्रिया कलाप होने चाहिये ! बहुत हद तक मानवीय संवेदनाये और व्यवहार हमारे अनुशासन और संस्कार पर ही निर्भर करता है और हमे जीवन की सही राह के लिए प्रेरित करता है व् हमारी बौद्धिक क्षमताओ का विकास कर हमे वृह्द दृष्टिकोण उपलब्ध करवाता है ! 


मेरा नाम गोविन्द श्री वास्तव है मेरे 2 बेटे व् 1 बेटी है पत्नी एक घरेलु महिला है हम दोनों मिलकर अपने बच्चों का लालन पालन किया और उन्हें प्राथमिक अवस्था से ही वो संस्कार दिए जो उन्हें अनुशासित बनाते है ! सुबह उठकर सभी को प्रणाम करना, शौच निवृत्ति, योगासन, फलहार नाश्ता, विधालय गमन, शिक्षण कार्य सम्पादित करना और कुछ भाग शारारिक वृद्धि हेतु खेलकूद को देना, सायकाल हाथ मुँह धोकर भोजन करना, गृहकार्य के पूर्ण निंद्रा लेना, उनका दैनिक कार्य है ! जो उन्हें अनुशासन सिखाता है ! जबकि पूजा -अर्चना करना, बड़ो का आदर सम्मान करना, माता-पिता की सेवा करना, गुरुजनों का आदर, छोटो को प्यार, जीव रक्षा, सत्य को ग्रहण कर सेवा भाव रखना, अच्छे व् सनातन धर्म का पालन करना, नारी का सम्मान करना आदि बाते उसके व्यक्तिगत संस्कार को दर्शाती है ! जो उन्हें बुद्धिजीवी वर्ग की श्रेणी में लाती है ! एक सुनियोजित एवं सुव्यवस्थित जीवन निर्वाह करना ही वो मानवीय गुण  है जो इसे सर्वोच्च स्थान पर लाता है ! 


पशुतुल्य नकारात्मक व्यवहार व्यक्ति के माहौल, आचरण व् व्यवहार, दृष्टिकोण, और सोच को दिखाता है ! जो उसके परिवार जनों से उसे प्राप्त होती है ! बाल्यावस्था जीवन का वो प्राथमिक चरण है जहां बच्चे को जो भी संस्कार दिए जाते है वो नींव की ईट की तरह कार्य करते है ! यह उम्र जिज्ञासा, दृष्टिकोण, सोच का विकास करती है जो उन्हें पीढ़ी दर पीढ़ी प्राप्त होती जाती है यही देश या समाज का विकास करती है जिसके सभी नागरिक संस्कारी व् अनुशासित होते है ! जो अपनी बुद्धिमत्ता से देश की प्रगति में अपना योगदान निभाते है ! और विश्व के दृष्टिपटल पर इसको उभार कर सामने लाते है !

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Believe in Humanity....

BE FREE; Happy Period with Sanitary Napkins!!

The Victory !! Dussehra Mahotsav !!