बालकों के साथ पर्यावरण बचाओ: शिक्षा और सकारात्मक प्रेरणा
मेरा नाम रजनीश सांखला है। मैं दिलवाड़ा सरकारी स्कूल का प्रिंसिपल हूं। हमारे स्कूल में इस वर्ष अनेकों मुद्दों पर स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ विभिन्न कार्यक्रम किए गए। इसी संदर्भ में अजमेर की प्रतिष्ठित राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था के द्वारा एक दिवसीय पर्यावरण बचाओ कार्यक्रम में स्कूली बच्चों को फूल के बीजों का वितरण किया गया। इसका उद्देश्य नई पीढ़ी को यह बताना है की प्रकृति और पर्यावरण मानवता के लिए कितनी आवश्यक है। जीवन के संचार में इनका अभूतपूर्व योगदान है और इसके द्वारा पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाना भी है जिससे यह हमारी नई पीढ़ी इनका अच्छे से रखरखाव कर सके वह इसका मूल्य समझ सके।
इस कार्यक्रम में बच्चों को पोस्टर,सेल्फी,व्याख्यान,चर्चा,प्रश्नोत्तरी,चार्ट,व अन्य प्रतियोगिताओं के माध्यम से बच्चों के साथ इस जानकारी साझा किया। वह सभी को विभिन्न कार्य स्कूल में करवाए गए जैसे पेड़ों के चारों तरफ साफ करके गड्ढा करना, पौधों को पानी पिलाना,साफ सफाई करना,खरपतवार हटाकर उनमें फूलों के बीज डालना,स्कूल के अपशिष्ट पानी का रास्ता साफ कर पेड़, पौधों की तरफ करना,आदि कार्य से पर्यावरण के प्रति लगाव को उनमें जागृत किया गया। इसके पश्चात सभी स्कूली छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रकार के फूलों के बीच का वितरण किया गया। इनमें गेंदा, चमेली, मोगरा, सूरजमुखी, चंपा, अपराजिता, चांदनी आदि के फूलों के बीच दिए गए जिसमें यह सभी छात्र अपने गांव,घर,स्कूल, अस्पताल में रोप कर नूतन पौधों का निर्माण कर सके। कई और अपने आस-पास में अपने गांव के वातावरण को महकाये जिससे ये पर्यावरण भी खुश हो सके।
संस्था द्वारा पर्यावरण की महत्वता पर भी प्रकाश डाला गया और उन्हें बताया गया कि मानव जो अंधाधुंध वृक्ष काटकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है। एक दिन हम सभी मानवों को इसकी भरपाई करनी पड़ेगी। अब आने वाली नई पीढ़ी को भी वृह्रद सोच के साथ इसे सहारा मिलेगा। इस कार्यक्रम के द्वारा स्कूली छात्र बच्चों का उत्साह बढ़ाया जाता है जिसमें सभी बच्चे इस और आकर्षित हो सके। बच्चों को अपनी पर्यावरण शिक्षा स्कूल से ही शुरू करनी चाहिए। ग्रह का भाग्य उनके हाथों में होगा इसलिए उनके लिए यह सीखना महत्वपूर्ण है की संसाधनों का बुद्धिमानी से उपयोग कैसे करें और कम उम्र से पर्यावरण बचाओ की इस लड़ाई में शुरू से अपना अहम किरदार निभाएं। प्राकृतिक पर्यावरण हमारे पारिस्थितिक तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लोगों को इस बारे में शिक्षित करना अति महत्वपूर्ण है। इसमें बच्चों को पर्यावरण की सत्य तथा तथ्यात्मक जानकारी देना होता है।
पर्यावरण शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति पर्यावरणीय मुद्दों की गहरी समझ विकसित करते हैं और उनके पास सूचित और जिम्मेदार निर्णय लेने का कौशल भी होता है। यह पर्यावरण के मुद्दों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता और ज्ञान को बढ़ाता है। यह आलोचनात्मक चिंतन और निर्णय लेने के कौशल को भी विकसित करता है। यह कार्यक्रम सभी को अच्छा लगा वह सभी ने संस्था प्रतिनिधीयों का इस कार्य के प्रति धन्यवाद दिया और इस कार्य की भरपूर सराहना की।
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