"बीज से बगिया तक: बच्चों को पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में मार्गदर्शन"

आज के इस बढ़ते दौर में पर्यावरण का हास्र सम्पूर्ण मानव जाती के लिए एक चिंताजनक विषय है।  हमारा कर्त्तव्य है हम इसकी रक्षा करें इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा स्कूली बच्चों के साथ पर्यावरण संरक्षण पर यह कार्य किया गया।  जिसमे लगभग 42 स्कूल थे। हमारा पर्यावरण हमे प्राकर्तिक संसाधन, ऑक्सीजन, जल, भूमि, और अन्य चीजों से पोषित करता है हालांकि आजकल तेजी से बढ़ती जनसँख्या , प्रदूषण और मानवीय घटको के कारण हमारे पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। ऐसे में हमे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम उठाने की जरुरत है इस दिशा में स्कूलों का योगदान बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है क्योकि स्कूल बच्चों को शिक्षा और जागरूकता प्रदान करने का सबसे अच्छा ध्येय होते है। 


आजकल स्कूलों में विभिन्न तरह के पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इनमें से एक प्रमुख कार्यक्रम है बीज वितरण ! इस कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को विभिन्न प्रकार के बीज दिए जाते है ताकि वे इन्हे घर पर लगाकर स्वयं अपने परिवेश को हरा भरा बना सकें। इस प्रकिर्या के दौरान बच्चों को यह समझाया जाता है की पेड़ पौधे न केवल हमारे लिए ऑक्सीजन प्रदान करते है बल्कि वे प्राकर्तिक संतुलन बनाये रखने में भी मदद करते है। इस कार्यक्रम के कई सकारात्मक प्रभाव हमे देखने को मिलते है जैसे जागरूकता बढ़ाना, वृक्षारोपण के प्रति प्रेरणा , स्थिर पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण, व् समाज में बदलाव आदि देखने को मिलते है। 


बीज वितरण कार्यक्रम को और भी प्रभावी बनाने के लिए यह आवश्यक है की इसके लाभों और महत्त्व को पूरी तरह से समझा जाए और बच्चों को इससे जुडी जानकारियां दी जाये। जब बच्चों को बीज लगाने के फायदे समझाए जाते है तो वे इसे सिर्फ एक स्कूल परियोजना के रूप में नहीं बल्कि एक जीवन भर की जिम्मेदारी के रूप में लेते है।  इससे यह बच्चे प्राकर्तिक संसाधनो की बचत , मिटटी की उर्वरकता में वृद्धि , प्रदूषण काम होना , जैव विविधता के संरक्षण के बारे में समझ जाते है। यह कार्यक्रम न केवल बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करता है बल्कि उन्हें पर्यावरण को सुरक्षित ओर संरक्षित करने के महत्त्व का भी अहसास दिलाता है। यह बच्चों में वृक्षारोपण की भावना को सुद्रढ़ करने में, प्राकर्तिक संसाधनो की रक्षा करने और पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित रखने का अद्भुत तरीका है। इस प्रकार के कार्यक्रम बच्चों को भविष्य में पर्यावरण के संरक्षक के रूप में विकसित कर सकते है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर और हरा भरा संसार सुनिश्चियत करेगा। 

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