"छोटे प्रयास, बड़ा बदलाव : बच्चों में पर्यावरण संरक्षण की भावना का निर्माण"

स्पैरो हाउस स्कूल को देने हेतु राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा जो पर्यावरण संरक्षण और वन्य जीवों की रक्षा के लिये एक अनूठी पहल की, जो न केवल शिक्षा का हिस्सा बल्कि समाज को जागरूक करने का एक प्रभावी तरीका साबित हुई है। बंया पक्षी को बचाने हेतु चिड़ियाघर वितरण इस कार्यक्रम ने छात्रों, शिक्षकों और समुदाय के बीच पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का अहसास करवाया है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से बच्चों में प्रकर्ति और वन्य जीवों के प्रति सहानभूति और संरक्षण की भावना पैदा करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। चिड़ियाघर बंया पक्षी का एक छोटा सा घर है जो उनकी प्रजातियों को संरक्षित करने व् आश्रय प्रदान करता है ताकि इस प्रजाति को बचाया जा सकें और पर्यावरण के प्रति लगाव को सशक्त बनाया जाये ,यह एक सामाजिक कार्य है। 


इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उनकी जानवरों से देखभाल उनके भोजन और सुरक्षा में कोई कमी न हो। इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को यह समझाया की सिर्फ चिड़िया घर देकर बंया पक्षी को बचाना नहीं अपितु प्राकर्तिक संशाधनों और वन्य जीवों के संरक्षण की जिम्मेदारी भी हमारी है बच्चों को यह भी बताया की हमारे द्वारा किये गए छोटे छोटे प्रयास भी पर्यावरण को बचने में मदद कर सकते है। जैसे प्लास्टिक का कम उपयोग हो, वृक्षारोपण और पशु पक्क्षियो के लिए पानी का इंतजाम करना , पेड़ पौधे लगाना आदि है। 


संस्था द्वारा चिड़ियाघर वितरण कार्यक्रम एक शानदार पहल थी जिसने बच्चो को जागरूक किया और उन्हें सामाजिक जिम्मेदारी का अहसास कराया।  इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल छात्रों में सहानभूति और सहयोग की भावना उत्पन्न करते है बल्कि यह समाज में पर्यावरण और वन्य जीवों के संरक्षण के प्रति एक जागरूकता भी फैलता है।  यह कार्यक्रम हम सभी को यह सिखाता है की किसी भी छोटे प्रयास से बड़े बदलाव लाये जा सकते है।  और जब हम सब मिलकर काम करते है तो हम अपने पर्यावरण और वन्य जीवों की रक्षा कर सकते है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का यह कार्य प्रेरणास्रोत है जो हमको पर्यावरण के प्रति सकारात्मक दृश्टिकोण प्रदान करता है।  

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Believe in Humanity....

The Victory !! Dussehra Mahotsav !!