स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के संग जीवन कौशल कार्यक्रम
स्वयं सहायता समूहों ने महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देना शुरू कर दिया है जिसके परिणामस्वरूप देश भर में महिला केंद्रित स्वयं सहायता समूहों का गठन हुआ है। जिसका उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों के लिये संस्थागत ढांचा उपलब्ध कराना तथा कौशल विकास और रोजगार को बढ़ावा देना है। जिसमें लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आये। जो विविध आय सृजन गतिविधियों में कुशल महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिये उत्प्रेरक का काम करेंगा। अपनी गुणवत्ता शैली को परिष्कृत करना ही कौशल है संस्था प्रतिनिधियों द्वारा इन महिलाओं को पोस्टर, शैली, सेल्फी, व्याख्यान, भाषण, अभिव्यक्ति, प्रशनोत्तरी, सांप- सीढ़ी, खेल, गुब्बारे का गेम, अखबार फोल्डिंग गेम, त्रिपाल फोल्डिंग गेम व् अन्य गतिविधियों से प्रशिक्षण दिया जाता है जो इनके आत्म शक्ति को बढ़ाता है। और निर्णय लेने की क्षमता का वर्धन करता है।
ग्रामीण और शहरी झुग्गी- झोपडीयों में रहने वाली आर्थिक रूप से वंचित महिलाओं में से वंचित महिलाओं में से अधिकांश के पास उचित कौशल नहीं होते है। जिसमे वे सम्म्मानजनक जीवन यापन कर सकें। यह कार्यक्रम उनके पारम्परिक व् नवीनतम कौशल को मजबूत बनाता है। गरीब आर्थिक पृष्ठ्भूमि से सम्बन्ध महिलाओं का शोषण होता है क्योकि उन्हें प्रतिक्रियाओं और क़ानूनी अधिकारों की बुनियादी समझ नहीं होती है। यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण को मजबूत बनाता है और समाज में समानता के भाव को प्रबल करता है। समाज में यदि महिलाओं की भागेदारी सम्मान रूप से रहेगी तो अवश्य इसका विकास होगा। संस्था का यह महिलाओं के लिए गौरवपूर्ण कार्य उनको समान व् सम्मानजनक स्थिति प्रदान करता है। सभी ग्रामीण महिलाओं द्वारा इस कार्यक्रम की प्रसंशा की गई।
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