बच्चों के लिए शिक्षा और संस्कार शिविर: जीवन में सकारात्मक परिवर्तन
मेरा नाम आकाश है और मैं माक्कड़वाली के झुग्गी झोपड़ी वाले इलाके में रहता हूं। परिवार में माता-पिता भाई व बहन है। हमारी आय अधिक न होने के कारण हम आगे पढ़ाई नहीं कर सके | जिससे हमें अनुशासन,संस्कार व अन्य चीजों के बारे में कुछ नहीं पता है। जीवन को अच्छा जीने का कौशल हमें नहीं आता है। हमारा बचपन घर के काम करने व खेल कूद में ही निकल जाता है। हमारे जीवन में सब किस तरह से संभव हो, यह हमें नहीं पाता है। इसके लिए हमारे यहां एक समाजसेवी संस्था द्वारा अनुशासन व संस्कार शिविर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
संस्था द्वारा बताया गया कि बच्चों में शिक्षा के साथ अनुशासन व संस्कार क्यों अति आवश्यक है। सभी को अपने लक्ष्य प्राप्ति हेतु जीवन में ये दोनों बातें अपनानी बहुत जरूरी है। शिक्षा और विकास के क्षेत्र में अनुशासन महत्वपूर्ण विषय है। अनुशासन मानवीय संसाधनों का एक मूल तत्व है जो व्यक्ति को संगठित करने,समय प्रबंधन करने, लक्षण की प्राप्ति के लिए कर्मकता और संगठनशीलता को विकसित करता है। बच्चों के बौद्धिक विकास क्षमताओं को निखारने का काम करते हैं। जीवन एक चुनौती पूर्ण लक्ष्य है। इसकी प्राप्ति के लिए इनका होना अति आवश्यक है। यह जीने की सर्वश्रेष्ठ कलाओं की श्रेणी में आता है। संस्कारों में सभी बड़ों को नमस्ते करना, ईश्वर प्रार्थना करना, स्वस्थ भोजन करना, नीचे बैठकर खाना खाना, विनम्र ,दयालु, मिलनसार होना , स्वयं का कार्य खुद करना, अच्छी नींद लेना, वे सम्मानपूर्ण सभी के साथ व्यवहार करना आदि सभी बातें इसमें समाहित है।
यह सब कार्य आगे चलकर हमारे जीवन में संस्कार बनाते हैं जो हम पीढ़ी दर पीढ़ी अपने बच्चों को स्थानांतरित करते हैं। बालपन में दिए गए संस्कार निर्णय लेने की क्षमता का विकास करते हैं। उनकी यही आदतें भविष्य को बनाने में उनकी प्रेरणा साबित होती हैं। अनुशासन और संस्कार हमको आत्म सन्तुष्ठि प्रदान करते हैं जिसके कारण हम जीवन में बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं। यह मन में करूणा व साहस दोनों का भाव बढ़ते हैं।
संस्था के इस कार्यक्रम से सभी बच्चे जीवन जीने की कला को अच्छे से समझ सके और उन्होंने इन बातों को जीवन में अपनाने के लिए शपथ भी ली। कार्यक्रम की रूपरेखा व संस्था प्रतिनिधियों द्वारा इतना कुछ बताना सभी को अच्छा लगा। हम भी अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में इन बातों को अपनाएंगे व इसका पालन करेंगे। कार्यक्रम में सबने संस्था को हृदय से धन्यवाद दिया।
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