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टीम बिल्डिंग की कला: साझा लक्ष्यों की ओर एक साथ कदम बढ़ाना

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टीम बिल्डिंग अथवा कुशल नेतृत्व उसे कहते है जब संगठन खराब संचार प्रणाली या अस्पष्ट नेतृत्व निर्देशों के लिए त्वरित समाधान की तलाश में होते है जिसके कारण अनुत्पाद टीमें बनती है और उन्हें यह स्पष्ट नहीं होता की सफल कैसे हुआए जाये ! 1 टीम वर्क इसका सबसे अच्छा कार्य है ! जबकि लीडरशिप एक ऐसी टीम बनाने और बनाये रखने की वो क्षमता है जो अपने प्रतिस्पर्धियों के सापेक्ष अच्छा प्रदर्शन करती है दूसरे शब्दो में प्रभावी नेता या लीडर लोगों को अन्य टीमों से बेहतर प्रदर्शन करने के लिए संगठित कर सकते है इस दृश्टिकोण का अर्थ है की नेतृत्व एक उपाधि नहीं बल्कि अनुयायियों को प्रेरित करने की क्षमता है !  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान ऐसे ही अपने भारत की समस्त महिला शक्ति को कुशल नेतृत्व व् क्षमता निर्माण कार्यक्रम करवा कर  उन्हें समाज में अपना नाम स्थान स्थापित करवाने का सुअवसर प्रदान कर रहे है जिससे वे भी संगठित हो सकते है टीम निर्माण एक महत्वपूर्ण प्रकिर्या है जिसका उदेश्य एक साँझा लक्ष्य की दिशा में एक साथ काम करने वाले व्यक्तियों के समूह की प्रभावशीलता और दक्षता को मजबूत करना है ! जो सामूहिक उद्देश्यों को

गरीब किसानों की मदद में एक कदम: खाद और बीज के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर

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 राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान वर्षो से समाज के विभिन्न विषयों पर कार्यरत है जो समाज को एक सकारात्मक दृष्टि प्रदान करने का कार्य कर रही है ! जो उनको लक्ष्य प्राप्ति तक पहुंचाने में मदद करती है भारत एक कृषि प्रधान देश है परन्तु यह मानसून पर पूर्णता निर्भर है दूसरे देशो की अपेक्षाकृत भारतीये किसान एक छोटे तबके का गरीब व्यक्ति है जो पनि खेती के लिए भी कर्जा लेकर कार्य करता है और सदा कर्जे के बोझ तले दबा रहता है इस परिस्थिति में हमारे बहुत से छोटे किसानो के पास उपलब्द्य साधन मौजूद नहीं है जो उसको अच्छे दर्जे की उपज दिलवाने में उसकी मदद कर सके ! कई बार धन के आभाव में भी यह खेती नहीं कर पाते है! मिट्टी हमारी सोना है यदि सही साधन और सही फसले हमे सही समय से प्राप्त हो तो किसानों की स्थिति इतनी दयनीय नहीं बनेगी !  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ऐसे ही किसानो के संग संस्था प्रति वर्ष खाद बीज वितरण का कार्य करती है जो उसे ले पाने में असमर्थ्य है होते है  इसके द्वारा उनको पुनः प्रोत्साहित किया जाता है किन वो पुनः अपने कृषि कार्य में लगे और अपने खेत व् उपज पर ध्यान दे सके ! भारत सरचनात्मक दृष

संस्थान की पहल से खेत में बदलाव: गरीब किसानों की मदद की एक अनूठी मिसाल

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 मेरा नाम पाचूलाल है मैं एक गरीब किसान हूँ मेरे पास मात्र 2 बीघा जमीन है जो भी बारानी है पानी ना होने के कारण मैं वर्ष में 1 फसल बरसात के मौसम में ले पता हूँ जमीं को बराबर खाद न मिलने से उसमे भी पोषक तत्वों की कमी आ गई ! जिसके फलस्वरूप मुझे मेरी फसल में भी कीड़ा लगने की बीमारी या उत्पादन में काम बीज लागत फसल प्राप्त होती है ! इस कारण मेरी स्थिति और विकट हो गई ! फिर एक दिन मुझे अन्य किसान ने बताया की राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान इस विषय पर और हम जैसे किसान भाइयों की मदद करती है ! यह सुनकर मुझे अच्छा लगा और मैंने उनसे सम्पर्क किया ! फिर मुझे संस्था प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिय और मेरे गांव आने की बात बोली ! दो चार दिन बाद संस्था के प्रतिनिधि गांव आये और जो किसान गरीब है छोटे पैमाने पर खेती करके अपनी गुजर बसर करते है उन्हें एकत्रित कर उनसे उनकी परेशानियां  पूछी व् सर्वे प्रपत्र फॉर्म भरा गया ! इसके पश्च्यात उन्होंने एक सप्ताह बाद आने की बात कही और फिर जब वो आये तो हम किसानों के साथ खाद बीज वितरण का कार्यक्रम किया ! जिसमे हमको खाद व् उनत्त किस्म के प्रजनक बीजो का वितरण किया गया ! इस कार्यक्

शारीरिक स्वच्छता और मानसिक स्वास्थ्य: झुग्गी झोपड़ी के बच्चों के लिए प्रेरणादायक कार्यक्रम

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा शहर के आसपास स्लम एरिया , झुग्गी झोपड़ी वाले इलाके ,निचली बस्ती व् डेरो  बच्चों के साथ 1 दिवसीय स्वच्छ रहे स्वस्थ रहे कार्यक्रम करवाये जाते रहते है यहाँ इन बच्चों को शारारिक स्वच्छता का ज्ञान दिया जाता है ! जिसमे उन्हें नहाना, धोना, शौच नित्यक्रम, सफाई, साफ कपडे पहनना, स्वस्थ भोजन करना, नाख़ून व् बाल नियमित समय पर कटवाना व् बीमारियों से बचाव की बातें समझाई जाती है ! इसके साथ उनको खेलकूद के द्वारा भी प्रोत्साहित किया जाता है ! व् साथ ही व्यायाम के कुछ तरीके भी बताये जाते है की किस तरह वो अपने शरीर को स्वच्छ व् स्वस्थ रख सके ! स्वस्थ रहने के लिए पूरी नींद लेना अति आवश्यक है ! और साथ ही खुश रहना भी जरुरी है ! आज हमारा भारत भी स्वच्छता  को अधिक महत्व दे रहा है ! जिसमे कोई व्यक्ति किसी भी बीमारी से ग्रसित न हो और अपना स्वस्थ जीवन यापन करें ! संस्थान द्वारा इन सभी बच्चो को एक सकारात्मक बदलाव की और प्रेरित किया जाता है ! स्वयं मई खुश रहना एक मनोवैज्ञानिक प्रकिर्या है जिसमे उसकी कई अवस्थाये काम करती है ! इसमें शारारिक स्वास्थ्य बाहरी  स्थितियों का भी पूर्णतया

जल की शक्ति और जिम्मेदारी: स्कूली गतिविधियों और जागरूकता का महत्व

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मेरा नाम मुकेश चौधरी है ! मैं अजमेर के पास एक सरकारी स्कूल में टीचर हूँ  ! व् स्कूल में विज्ञान पढ़ाता हूँ ! जो यथार्थ को सर्वोत्तम स्थान देती है ! ऐसे मिथक जो समाज को गुमराह करते है ! उन सभी का जवाब विज्ञान के पास होता है ! हमारे देश, दुनिया, में बहुत सारे मुद्दे चल रहे है ऐसा ही एक मुद्दा है ! जो वर्तमान में चिंता का विषय है ! वह जल है ! जल की हमारे जीवन में क्या अहमियत है ! यह बात सभी को पता है ! मानव शरीर का निर्माण 65 / जल से बना होता है ! हम बिना भोजन किये तो कई दिनों तक रह सकते है ! परन्तु जल के बिना जीना संभव नहीं होगा ! पानी हमारे जीवन के हर कामों में अति आवश्यक है ! जो हमारी दैनिक पूर्ति को पूरा करता है !  इसी विषय को लेकर हमारे स्कूल प्रागण में अजमेर की राजस्थान समग्र कल्याण संस्थांन द्वारा स्कूली बच्चों के साथ जल जागरूकता कार्यक्रम किया जिसमे सभी को जल के प्रति जागरूक करने की बात बताई गई ! संस्था ने बताया हमें किस तरह जल का मितव्यता के साथ उपयोग करना चाहिये , उसको प्रदूषित होने से बचाना चाहिये ,वृक्षारोपण कर उसके संचय होने पर ध्यान देना चाहिये व् वर्षा के जल को व्यर्थ न बहाक

जल जागरूकता एक विश्वसनीय पहल की जरूरत

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जल हमारे जीवन का पर्याय है इस से ही जीवन का संचालन होता है ! यह हमारे दैनिक रोजमर्रा की सभी जरूरतों के लिए बहुत जरुरी है हमारी इस दुनिया में स्वच्छ पीने योग्य पानी मात्र 2 / ही है ! हमको इसके संचय करने के अनेको साधन खोजने होंगे तभी हम अपनी पीढ़ी को सुरक्षित रख पाएंगे ! इसी विषय को लेकर आज पूरी  दुनिया में इसको लेकर चिंतन किया जा रहा है ! जिसको लेकर कई सरकारें ,देश, संस्थाए, निकाय इस विषय पर प्रोत्साहन व् जागरूकता कार्यक्रम कर लोगो को सजग कर रहे है ! ताकि सभी इसके प्रति जागरूक बन सके ! इसे सबसे अच्छा बनाने के लिए हमे आने वाली सभी पीढ़ीयों को जागरूक बनाना होगा तभी इसे हम आगे तक बढ़ा पाएंगे ! नव चेतना यदि सजग व् जागरूक हो तो फिर कोई भी कार्य मुश्किल नहीं होता ! राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ऐसे ही ज्वलन्त मुद्दों को स्कूली बालक-बालिकाओ के साथ कार्यक्रम सम्पादित करती है ! जिसमे उनको पोस्टर प्रदर्शन, व्याख्यान, रैली, खेलकूद, सेल्फी, अभिभाषण, अभिव्यक्ति, नाट्य मंचन, वाद-विवाद , विचार विमर्श व् कई प्रारूपों से समझाने व् बताने का कार्य करती है ! जिसको देख समझ कर सभी बालक बालिकाएं अति उत्सा

ऋतु स्त्राव चक्र और प्रजनन स्वास्थ्य: राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा बालिकाओं को दी गई महत्वपूर्ण जानकारी

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मेरा नाम प्रिंयका है मैं कक्षा 10 वी की छात्रा हूँ मेरे माता पिता किसान है हमारी वार्षिक जरूरतें सब खेती कार्य से सम्पन होती है घर में एक भाई व् एक बहन है हम सभी स्कूल में अध्ययनरत है एक दिन मुझे बहुत तेजी से पेट में दर्द हुआ जो बहुत असहनीय था यह बात मैंने अपनी माँ को बताई तो उन्होंने मुझे ऋतू स्त्राव चक्र के बारे बताया और कहा महिलाओ के लिए होना बहुत जरुरी है और उन्होंने मुझे सेनेटरी पेड उपयोग करने को कहा व् सलाह दी ! 5  दिन बाद मुझे राहत महसूस हुई ! फिर यह प्रकिर्या हर माह होने लगी ! वह मुझ में शारारिक बदलाव भी होने लगे जिसको में किसी को बतला नहीं पाती थी ! इसके कुछ दिनों पश्च्यात हमारी स्कूल में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा स्कूली बालिकाओ के शिक्षा विकास को लेकर एक कार्यक्रम किया गया ! जिसमे सभी स्कूली बालिकाओ को यौन प्रजनन एवं जागरूकता कार्यक्रम हमारे साथ किया गया ! इस कार्यक्रम में बताया गया किस तरह बालिकाओ में 13 से 15 वर्ष की उम्र में ऋतु स्त्राव चक्र प्रारम्भ होता है ! और यह कब तक रहता है कैसे महिला व् पुरुषों में शारारिक बदलाव होते है और जननांग विकसित होते है ! कैसे , क