गरीब किसानों की मदद में एक कदम: खाद और बीज के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर
राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ऐसे ही किसानो के संग संस्था प्रति वर्ष खाद बीज वितरण का कार्य करती है जो उसे ले पाने में असमर्थ्य है होते है इसके द्वारा उनको पुनः प्रोत्साहित किया जाता है किन वो पुनः अपने कृषि कार्य में लगे और अपने खेत व् उपज पर ध्यान दे सके ! भारत सरचनात्मक दृष्टि से गावों का देश है और सभी ग्रामीण समुदायों में अधिक मात्रा में कृषि कार्य किया जाता है ! इसलिये भारत को कृषि प्रधानं देश की संज्ञा दी जाती है लगभग 70 / भारतीय लोग किसान है कृषक वो छोटे उत्पादनकर्ता है जो केवल उपयोग के लिये ही उत्पादन करते है उन्हें कृषक कहते है भारत में इन किसानो के लिए खेती ही इनका मूल आधार होती है यह एक तरफ़ा जुआ है यदि बरसात सही समय पर अपने पैमाने के साथ होती है तो कृषक खुश हो जाता है अन्यथा न होने पर उसकी स्थिति वैसी ही बनी रहती है भारत में खेती व् फसलों के अनुपात में भी भिन्नता देखने को मिलती है कही पानी की अधिकता है तो कही पर शून्यता ! ऐसी परिस्थिति में किसान के पास कुछ साधन नहीं होता !
संस्था द्वारा यह खाद बीज कार्यक्रम इन किसानों को कुछ लाभ तो पहुंचाता ही है साथ ही इनके दृष्टिकोण को बदलकर आधुनिक साधनों की तरह प्रेरित करता है जिससे इनके जीवन व् कृषि कार्य करने को क्षमताओ का विकास हो सकें ! और वे सभी इनके संसाधनो का उपयोग कर पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बन सके ! इसके लिए हमे उन सभी बिंदुओं पर कार्य करना होगा जो इस स्थिति तक इस सबको यथास्थान पर ला सके ! इस प्रेरणा रूपी कार्य से हम औरो को भी प्रेरणा दे सकते है जो समाज में वंचित होने की स्थिति में है ! संस्थान यह कार्य पूरी तरह समर्पण भाव से किया जाता है समय समय पर इनसे कृषि विषयो पर मंत्रह्णा की जाती है ! और समाधान व् उपाये सुझाये जाते है संस्थान के इस कार्य से यही सभी ग्रामीण काश्तकार प्रसन्न नजर आ रहे थे क्योकि मन की अभिव्यक्ति व्यक्ति की मुस्कान में झलकती है हमारा यह कार्य इन किसान भाइयों के साथ ऐसे ही चलता रहेगा ! क्योकि मदद का विजय रथ किसी भी समस्या के कारण रुकना नहीं चाहिये !
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