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फ़रवरी, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

"उभरती महिलाएं: बेहतर कल के लिए कौशल में वृद्धि"

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा shg की महिलाओ के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में क्षमता निर्माण कार्यक्रम किये गए जिसका  उद्देश्य इन महिलाओं को प्रभावी रूप से आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है  ।  जिसमे यह अपना आर्थिक सशक्तिकरण  मजबूत बना  सके। और  अपने  महिला अधिकारों  का उपयोग  कर सकें। और  हमारे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें। इस कार्यक्रम माध्यम से महिलायें व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से अपने जीवन को बेहतर  बनाने की  दिशा में एक आवश्यक  कदम है।  इस कार्यक्रम से महिलाये विभिन्न कौशलों को हासिल करती है जो उन्हें अपने परिवार की भलाई के लिए बल्कि समाज में एक सक्रिय सदस्य बनाने में भी मदद करती है।  इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य और महत्व महिलाओं को आत्मसम्मान निर्भरता की दिशा में आगे कदम बढ़ाना ,लीडरशीप और सामूहिक निर्णय निर्माण की विचारधारा को प्रबल करना है। क्षमता निर्माण कार्यक्रम में महिलाओं को नेतृत्व के गुण ,टीमवर्क और संघर्ष समाधान के कौशल सिखाये जाते है। इसमें इन महिलाओं के कौशल को सही करके रोजगार के नए अवसर प्रद...

"पौधारोपण से बदलाव: बालिकाओं का पर्यावरणीय जागरूकता अभियान"

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण भागों के स्कूलों में बालिकाओं के साथ पर्यावरण संरक्षण पर पौधारोपण कार्यक्रंम किया गया। हमारा पर्यावरण प्राकर्तिक संसाधनो से भरपूर है लेकिन आजकल इसे नुक्सान पहुंचाने वाले कई कारक सामने आ रहे है। इनका असर न केवल हमारे जीवन पर बल्कि पूरी पृथ्वी पर हो रहा है।  इस चुनौती का सामना करने के लिये पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कई कदम उठाये जा रहे है। पौधारोपण एक महत्वपूर्ण कदम है जिसमें विद्यालयों में बालिकाओं का सक्रिय योगदान बेहद जरुरी है। पौधारोपण अभियान न केवल हमारे पर्यावरण को सुरक्षित रखने का एक प्रभावी तरीका है ये जीवन के लिए बहुत जरुरी है। पौधे हवा में मौजूद कार्बन डाइ ऑक्सइड को सोखते है और ऑक्सीजन का उत्पादन करते है जिससे वायुमण्डल में संतुलन बना रहता है।  ग्रामीण विद्यालय की बालिकाओं को पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण के महत्व के बारे में जागरूक करना आज की आवश्यकता बन गई है जब बालिकायें पौधारोपण अभियान में शामिल होती है तो न केवल वे पर्यावरण को बचाने में योगदान देती है बल्कि यह उनके सामाजिक विकास में भी सहायक होता है। बालिकायें पौधे लगा...

"ठंड से सुरक्षा, स्वास्थय की ओर कदम : गर्म जोड़े, सुरक्षित भविष्य"

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  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा सर्दी के प्रकोप से ग्रामीण स्कूली बालिकाओं इसके बचाव हेतु जूते, मौजे, गर्म दस्तानें व् जैकेट का वितरण कार्यक्रम लगभग 42 स्कूलों में रखा गया।  सर्दी का मौसम हर किसी पर अपनी चुपके चुपके से छाप छोड़ता है। खासकर ग्रामीण बच्चों के लिए यह समय विशेष रूप से बहुत कठिन होता है। ठंडी हवा और बर्फीली रातों में उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है अगर उनकी सुरक्षा के लिए सही कदम नहीं उठाये जाते है ऐसे में ग्रामीण स्कूली बालिकाओं को सर्दी से बचाने के लियें जूते, मौजे और जैकेट वितरण एक महत्त्वपूर्ण कदम है।  आजकल कई स्कूलों और सामाजिक संगठन इन जरूरतों को पहचानते हुये बच्चों को ठण्ड से बचाने के लिये इस प्रकार की सामग्री वितरण करते है जिसमें राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान अग्रणी है। इन सामग्रियों से न केवल उनके शरीर में गर्मी बनी रहती है बल्कि उन्हें सुरक्षा और आत्मविश्वास का अहसास भी होता है।  जूते और मौजे - ठण्ड के मौसम में बच्चों के पैरों की सुरक्षा बेहद जरुरी होती है क्योकि ठंडी जमीन पर चलने से न केवल पैरों में दर्द हो सकता है बल्कि वे जल्दी बीमार...

"ईको-फ्रेंडली शिक्षा: बच्चों के लिए पर्यावरण संरक्षण का कदम"

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान पर्यावरण के विभिन्न विषयों पर कार्य कर रही है जो हमारे पर्यावरण को यथावत बनाये रखने में सहयोग देता है। इसी सन्दर्भ में संस्था ग्रामीण स्कूलों में बच्चों को ईको फ्रैंडली पेन व नोटबुक वितरण कार्यक्रम कर रही है जिसका उद्देश्य पर्यावरण के प्रति सभी को जागरूक करना है आज के समय में पर्यावरणीय संकट बढ़ते जा रहे है यह हम सभी की जिम्मेदारी बनती है की हम अपने छोटे छोटे क़दमों से पर्यावरण की रक्षा करें। विद्यालय में बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए यह कार्यक्रम किया गया।  जो वास्तविक रूप से महत्वपूर्ण और प्रभावी कदम है। यह कार्यक्रम बच्चों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने के साथ साथ उन्हें ऐसे उत्पादों का उपयोग करने के लिए प्रेरित करता है।  ईको फ्रैंडली पेन व नोटबुक पारंपरिक पेन और नोट बुक की तुलना में पर्यावरण के लिए अधिक सुरक्षित और लाभकारी होते है ये पेन आमतौर पर रिसाइकिल्ड सामग्री से बनाने जाते है जिसमे किसी वनस्पति के बीज मौजूद होते है जो इसके उपयोग के बाद फेंकने पर नए पौधे को उगने में मदद करते है ईको फ्रैंडली नोटबुक भी पेपर बचान...

"सशक्त बालिका, सशक्त समाज: जीवन कौशल कार्यक्रम के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर"

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आज के बदलते समाज में बालिकाओं को आत्मनिर्भर, सशक्त बनाना अत्यंत आवश्यक है जीवन कौशल कार्यक्रम इस दिशा में  महत्वपूर्ण  कदम है ।  यह कार्यक्रम  बालिकाओं को न केवल  बुनियादी  शिक्षा  बल्कि समाज में अपनी भूमिका  को  समझने और अपने अधिकारों का संरक्षण करने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करता है। राजस्थान समग्र  कल्याण  संस्थान  इसे  बेखूबी से अंजाम दे रहा है।  इसके कई लाभ है जैसे आत्मविश्वास में वृद्धि, सामाजिक क्षमता का विकास, स्वास्थ्य और स्वछता पर ध्यान, आर्थिक स्वत्रन्ता,समस्या समाधान क्षमता आदि है।  कार्यक्रम के प्रमुख तत्व है जैसे स्वयं समझ और आत्म संवेदनशीलता, संचार कौशल, समय प्रबंधन, आध्यत्मिक और मानसिक सशक्तिकरण, निर्णय लेना और नेतृत्व है।  जीवन कौशल कार्यक्रम केवल शिक्षा के सन्दर्भ में ही नहीं बल्कि सामाजिक और व्यक्तिगत दृष्टिकोण से भी बालिकाओं के लिये अत्याधिक लाभकारी होता है। इस प्रकार के कार्यक्रम के जरिये उन्हें वह सभी गुण और मानसिकता मिलती है जो भविष्य में उन्हें एक सशक्त, आत्मनिर्भर और समाज में अपनी पह...

"आत्मविश्वास और नेतृत्व की दिशा में बालिकाओं के लिए एक प्रेरणादायक यात्रा"

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  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा वर्ष भर स्कूली बालिकाओं के साथ विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम करवाये जाते है जो उनके चहुँमुखी विकास में बहुत महत्वपूर्ण है। ग्रामीण स्कूलों में हमेशा ही नए और रोचक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जो न केवल छात्राओं के शैक्षिक विकास में सहायक होते है और उन्हें मनोरंजन के साथ आत्मविश्वास बढ़ाने का अवसर भी देते है यह कार्यक्रम उनको अपनी कला और टीमवर्क को प्रदर्शित करने का एक मंच भी देता है। बालिकाओं को खुद को व्यक्त करने का अवसर देना था व् अपनी क्षमताओ को सही मूल्यांकन कर सकें। यह कार्यक्रम मनोरंजन मात्र नहीं अपितु यह लड़कियों के बीच सहयोग और मित्रता की भावना विकसित करता है।  संस्था प्रतिनिधि विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से इन सभी बालिकाओं को जानकारी देते है जैसे पोस्टर, सेल्फी, गेम, स्पर्धा, तर्क-वितर्क, आंकलन इत्यादि है। लीडरशीप की गतिविधियाँ बच्चों को दिमागी और शारारिक दोनों तरह के कौशल का विकास करने में मदद करती है। इस तरह के कार्यक्रम बच्चों को न केवल नै चीजों को सीखने का अवसर प्रदान करते है बल्कि उन्हें यह भी सिखाते है की किसी भी कार्य क...

"लैंगिक समानता की ओर: बच्चों में जागरूकता और बदलाव की दिशा में कदम"

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हमारे जीवन में लिंग  आधारित  भेदभाव एक गहरी समस्या रही है । जो कई वर्षो से हमारे जीवन का हिस्सा रही है। लेकिन धीरे धीरे समय के साथ यह सोच बदल रही है और अब हम यह मानते है की लड़के और लड़कियां दोनों को सामान अधिकार और अवसर मिलने चाहिए।  इस दिशा में कई स्कूलों में लैंगिक समानता पर जागरूकता  फैलाने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है इन कार्यक्रमों का उद्देश्य  बच्चों को यह समझाना है की लिंग के आधार  पर  किसी  प्रकार  का  भेदभाव  नहीं  होना  चाहिये । ग्रामीण  स्कूल  में  भी  लैंगिक समानता कार्यक्रम का आयोजन  किया  गया , जिसमे  स्कूल  की  सभी  बालिकाओं  को शामिल  किया गया।   इस कार्यक्रम का उद्देश्य लड़कियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और समाज में उन्हें सामान अवसर देने की आवश्यकता पर बल देना था।  इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लड़कियों को यह समझाना था की किसी भी कार्य के लिए लड़को से कम नहीं है। लिंग के आधार पर किसी को भी पीछे नहीं रखना चा...

"बीज से बगिया तक: बच्चों को पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में मार्गदर्शन"

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आज के इस बढ़ते दौर में पर्यावरण का हास्र सम्पूर्ण मानव जाती के लिए एक चिंताजनक विषय है।  हमारा कर्त्तव्य है हम इसकी रक्षा करें इसी संदर्भ में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा स्कूली बच्चों के साथ पर्यावरण संरक्षण पर यह कार्य किया गया।  जिसमे लगभग 42 स्कूल थे। हमारा पर्यावरण हमे प्राकर्तिक संसाधन, ऑक्सीजन, जल, भूमि, और अन्य चीजों से पोषित करता है हालांकि आजकल तेजी से बढ़ती जनसँख्या , प्रदूषण और मानवीय घटको के कारण हमारे पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। ऐसे में हमे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम उठाने की जरुरत है इस दिशा में स्कूलों का योगदान बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है क्योकि स्कूल बच्चों को शिक्षा और जागरूकता प्रदान करने का सबसे अच्छा ध्येय होते है।  आजकल स्कूलों में विभिन्न तरह के पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इनमें से एक प्रमुख कार्यक्रम है बीज वितरण ! इस कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को विभिन्न प्रकार के बीज दिए जाते है ताकि वे इन्हे घर पर लगाकर स्वयं अपने परिवेश को हरा भरा बना सकें। इस प्रकिर्या के दौरान बच्चों को यह समझाया जाता है की पेड़ पौधे...

"ग्रामीण महिलाओं की सशक्तिकरण यात्रा: जीवन कौशल और उद्यमिता का प्रभाव"

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आज के युग में महिला सशक्तिकरण केवल एक विचार नहीं बल्कि एक आवश्यकता  बन चुका है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाऐं सामाजिक और आर्थिक रूप में पिछड़ी हुई है। और उनके पास संसाधनो की कमी होती है हालांकि समय के साथ यह बदलाव आ रहा है और महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों में से एक महत्वपूर्ण पहल है " जीवन कौशल और उद्यमिता विकास कार्यक्रम " जो ग्रामीण महिला के जीवन में बदलाव लाने का एक प्रभावी तरीका बन चुका है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के साथ जीवन कौशल और उद्यमिता विकास कार्यक्रम अति उत्साह के साथ करवाए जा रहे है।  ग्रामीण महिलाओं के लिये जीवन कौशल और उद्यमिता विकास की आवश्यकता अत्यंत महत्व पूर्ण है अधिकांश ग्रामीण महिलाऐं सिमित शिक्षा और संसाधनो के कारण अपनी पूरी क्षमता का उपयोग नहीं कर पाती है। जीवन कौशल का मतलब केवल बुनियादी शिक्षा और प्रबंध से नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता , आत्मविश्वास और समस्या को हल की क्षमता विकसित करने से है वही उद्यमिता विकास उन्हें अपने हुनर को पहचानने और उससे आर्थिक सशक्त...

"व्यावसायिक प्रगति और जीवन कौशल: ब्यूटी पार्लर महिलाओं के लिए सशक्तिकरण"

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सशक्तिकरण की दिशा में महिलाओं के कौशल विकास हेतु राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया। आज के युग में महिलाऐं हर क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है ब्यूटी पार्लर का क्षेत्र भी इससे अलग नहीं है जहाँ महिलाऐं अपनी मेहनत और कौशल से न सिर्फ अपने परिवार को सशक्त कर रही है बल्कि अपने सपनों को भी साकार कर रही है।  हालांकि यह यात्रा कभी भी आसान नहीं होती। इन महिलाओं को अपने काम में सफलता प्राप्त करने के लिए सिर्फ तकनीकी कौशल ही नहीं बल्कि जीवन कौशल की भी आवश्यकता होती है इसी आवश्यकता को समझते हुये कई संस्थाये ब्यूटी पार्लर की महिलाओं के लिये " जीवन कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम " आयोजित करती है जो उनकी सफलता के रास्ते को और भी आसान बनाता है।  संस्थान का मानना है इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पार्लर की महिलाओं को उनके व्यवसाय और व्यक्तिगत विकास में सफलता और सहायता प्रदान करता है।  प्रत्येक महिला को अपने व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने के लिए तकनीकी कौशल ही नहीं बल्कि व्यावसायिक और जीवन कौशल की भी जरुरत होती है।  ये कौशल उन्हें अपने क...

"गणतंत्र दिवस की असली शक्ति: बच्चों के साथ मिलकर राष्ट्रीय भावना का उत्सव"

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गणतंत्र दिवस  भारत के इतिहास का एक अहम् दिन है इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और तब से हर साल इस दिन को हम पूरे देशभर में गर्व और सम्मान के साथ मानते है।  इस दिन का महत्त्व केवल संविधान के लागू  होने तक  सिमित नहीं है । बल्कि  यह हमें हमारे  अधिकारों, कर्तव्यों  और स्वतंत्रता  की याद भी दिलाता है। गणतंत्र दिवस के आयोजन मुख्य रूप से राजपथ पर होने वाली भव्य परेड से जुड़े होते है। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इस दिन को खास बनाने के लिए स्ट्रीट , झुग्गी-झोपड़ी, स्लम, निचली बस्तियों के बच्चों के साथ गणतंत्र दिवस मनाने से न केवल बच्चों में देश भक्ति की भावना जाग्रत होती है बल्कि यह समाज में समानता और भाईचारे का सन्देश भी देता है।  सड़क के किनारे रह रहे इन बच्चों के साथ गणतंत्र दिवस मनाने का मुख्य कारक है जैसे देशभक्ति का संचार, समाज में एकता का सन्देश, सीखने का अवसर, समाज के कमजोर वर्गों के साथ मनाना न केवल बच्चों में देशभक्ति का भाव जाग्रत करता है।  बल्कि यह हमे एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र बनने के लिए भी प्रेरित करता है।  इस...

"गणतंत्र दिवस: ब्यूटी पार्लर महिला श्रमिकों के लिए सशक्तिकरण और सामाजिक बदलाव की दिशा"

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" गणतंत्र दिवस " का दिन हमारे देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण तारीख है  ।  जब गणतंत्र दिवस के रूप में हम भारतीय लोकतंत्र और स्वतंत्रता का सम्म्मान करते है इस दिन का महत्व केवल राष्ट्रीय ध्वज के साथ नहीं जुड़ा होता , बल्कि यह सामाजिक परिवर्तन और विकास की दिशा में उठाये गए क़दमों को भी प्रतिबिंबित करता है। इसी दिन ब्यूटी पार्लर में काम करने वाली महिला श्रमिकों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया , जो न केवल उनके कौशल में वृद्धि करने के लिए था ! बल्कि उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से भी था। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ब्यूटी पार्लर की महिलाओं के कौशल विकास प्रदान करना है और उन्हें अपने अधिकारों, स्वाबलंबन और आत्मविश्वास के बारे में जागरूक करना था।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा इस प्रशिक्षण के मुख्य पहलु है जैसे प्रोफेशनल स्किल्स में वृद्धि, आत्मनिर्भरता और स्वाबलंबन , स्वास्थ्य और सुरक्षा, मानसिक और सामाजिक सशक्तिकरण है। इस कार्यक्रम में महिलाओं के साथ कई सांस्कृतिक कार्यक्रम किये गए।  जिसमें सभी ने अति उत्साह के ...

"गणतंत्र दिवस: महिला सशक्तिकरण के लिए प्रेरणा और नए अवसरों की शुरुआत"

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गणतंत्र दिवस का दिन हमारे लिए केवल राष्ट्रीय उत्सव का दिन नहीं है बल्कि यह लोकतंत्र और स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में हमारी सामाजिक और व्यक्तिगत जिम्मेदारियों की याद भी दिलाता है। इस दिन को मनाने के लिये जब हम इसे महिलाओं के साथ जैसे गारमेंट्स मेकिंग जैसे व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से मनाते है। तो इसका महत्त्व और भी बाद जाता है। यह महिलाओं को न केवल उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक करता है बल्कि उन्हें अपने आत्म सम्मान, आत्मनिर्भरता और समाज में अपनी भूमिका को समझने के लिए भी प्रेरित करता है।  महिलाओं के साथ गणतंत्र दिवस मनाने के महत्त्व निम्न है ! आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम, संविधान और अधिकारों की समझ, कौशल विकास और आत्मविश्वास, समाज में समानता और सामाजिक उत्थान, प्रेरणा और उत्साह आदि महत्व हमें देखने को मिलती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उनके कार्यक्षेत्र में दक्षता और आत्मविश्वास प्रदान करना है। इस कार्यक्रम में अब लगातार महिलाओं की भागेदारी बढ़ रही है। इन प्रशिक्षण से उन्हें कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते है जैसे तकनीकी कौशल में सुधार , समाज मे...

"छोटे प्रयास, बड़ा बदलाव : बच्चों में पर्यावरण संरक्षण की भावना का निर्माण"

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स्पैरो हाउस स्कूल को देने हेतु राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा जो पर्यावरण संरक्षण और वन्य जीवों की रक्षा के लिये एक अनूठी पहल की, जो न केवल शिक्षा का हिस्सा बल्कि समाज को जागरूक करने का एक प्रभावी तरीका साबित हुई है। बंया पक्षी को बचाने हेतु चिड़ियाघर वितरण इस कार्यक्रम ने छात्रों, शिक्षकों और समुदाय के बीच पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का अहसास करवाया है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से बच्चों में प्रकर्ति और वन्य जीवों के प्रति सहानभूति और संरक्षण की भावना पैदा करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। चिड़ियाघर बंया पक्षी का एक छोटा सा घर है जो उनकी प्रजातियों को संरक्षित करने व् आश्रय प्रदान करता है ताकि इस प्रजाति को बचाया जा सकें और पर्यावरण के प्रति लगाव को सशक्त बनाया जाये ,यह एक सामाजिक कार्य है।  इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उनकी जानवरों से देखभाल उनके भोजन और सुरक्षा में कोई कमी न हो। इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को यह समझाया की सिर्फ चिड़िया घर देकर बंया पक्षी को बचाना नहीं अपितु प्राकर्तिक संशाधनों और वन्य जीवों के संरक्षण की जिम्मेदारी भी हमारी है बच्चों को यह ...

"अच्छे और बुरे स्पर्श की जागरूकता: बच्चों के लिए एक जरूरी शिक्षा"

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा सामाजिक क्षेत्र के कई विषयों पर सकारात्मक कार्य किये जाते है। जो समाज को प्रेरणा देने के साथ समाज में बदलाव की दिशा को निर्धारित करता है। ऐसा ही एक विषय को लेकर संस्था द्वारा झुग्गी झोपडी, स्लम, स्ट्रीट ,व् गन्दी बस्तियों म रहने वाले बच्चों के साथ संस्था ने अच्छा स्पर्श व बुरा स्पर्श  कार्यक्रम करवाया जाता है जो इनके शरीर में बदलाव और रहन सहन की समस्त जानकारिया देता है। जो बच्चों को सजग व् जागरूक करता है जो इनके लिए अति आवश्यक होता है। क्योकि यह सभी बच्चे प्राथमिक शिक्षा व् अन्य विषयों की जानकारी से अनभिज्ञ होते है। यहाँ तक यह जानकारी कई बच्चों का भविष्य व् जान माल बचाने में मदद करती है और समाज की नकारात्मक द्रष्टि से इनको सुरक्षा की एक दीवार बनकर खड़ी होती है।  यहां संस्था प्रतिनिधियों द्वारा सभी बच्चों को एक स्थान पर एकत्रित कर उनको पोस्टर, सेल्फी, व्याख्यान, गेम, सवाल-जवाब, और कई साधनो से समझाया व् जानकारी दी जाती है। और साथ ही उनके साथ भिन्नता पूर्वक बातचीत के दौरान वहां की स्थिति का विवरण लिखा जाता है व् समझा जाता है ताकि उसका निराकरण क...

"महिला हिंसा के खिलाफ सामूहिक संघर्ष : हिंसा को खत्म करने की दिशा में कदम"

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महिलाओं पर हिंसा इसकी एक लम्बी गाथा है जहाँ यह हमेशा शोषण का शिकार होती रही है। कभी तो शारारिक रूप से तो कभी मानसिक रूप से हुई है ।  यहाँ हमे समाज का वो विकृत चेहरा देखने को मिलता है ।  जिसकी कल्पना करना बहुत मुश्किल है समाज में इन्हे भी समानता का वही अधिकार है जो एक पुरुष को प्राप्त होता है  । परन्तु कभी-कभी ये सब किताबी बातें लगती है। हमे समाज में सबसे पहले शिक्षा के प्रचार प्रसार को बढ़ाना होगा  तभी हम इसके सबल रूप के सकारात्मक प्रभाव से ये सब दूर कर सकते है। बालिका शिक्षा इसको रोकने का माध्यम बन सकता है। शिक्षा ही जीवन में नकारात्मकता को दूर करती है। और अच्छे सदगुणों का जीवन में विकास करती है। महिला हिंसा एक गंभीर सामाजिक समस्या है जो समाज के हर क्षेत्र फैली है। यह एक ऐसी समस्या है  । जो महिलाओं के शारारिक, मानसिक, और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है इस हिंसा को रोकने के लिये हम सबको सकारात्मक कदम उठाने होंगे।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के प्रतिनिधि ऐसे स्थानों पर जाकर जहाँ जीवन की हर आवश्यकता का आभाव हो उन महिलाओं के सकल उत्थान के लिये महिला ...