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"समाज में बदलाव का संदेश : दहेज प्रथा को समाप्त करने की दिशा में एक प्रयास "

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान विगत कई वर्षो से सामाजिक क्षेत्र में कई विषयों पर  संस्था  कार्य कर रही है ।  जो हमारे जीवन में  महत्वपूर्ण स्थान रखते है ।  ऐसे ही समाज का एक विषय है दहेज़ प्रथा !  भारत में   यह एक गंभीर और बेहद सवेंदनशील सामाजिक समस्या है जो हमारे देश के कई परिवारों में फैली हुई है यह गरीब परिवार की लड़कियों के लिए एक चुनौती के समान है। हमारे सामाजिक परिवेश में बदलाव बहुत जरुरी है इसका उदहारण राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा दिया गया।  संस्था अर्द्ध ग्रामीण क्षेत्र की एक गरीब लड़की को दहेज़ के रूप में बहुत सा सामान देकर उनको एक तरह की सहायता प्रदान की , जिससे उसके परिवार वालो को विवाह के खर्चो में राहत मिलेगीं और लड़की का विवाह सुगमता के साथ होगा और एक सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिलेगा।  संस्था द्वारा उठाया हुआ यह कदम दहेज़ प्रथा को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है यह न केवल उस गरीब लड़की की मदद है बल्कि यह हमारे समाज को एक सन्देश भी देता है की इस दहेज़ प्रथा जैसी सामाजिक बुराई का अंत होना चाहिये। संस्था द्वारा ल...

"बालिकाओं के जीवन कौशल और नेतृत्व की ओर एक कदम"

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  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान वर्ष भर स्कूली बालिकाओं के साथ कई विषयों पर कार्यक्रम करवाती रहती है संस्था का यह मानना है की आज के बदलते दौर में शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है बल्कि यह बच्चों के सर्वागीण विकास को बढ़ावा देने वाली एक प्रक्रिया बन गई है। विशेष रूप से बालिकाओ के लिए जीवन कौशल और नेतृत्व क्षमता पर आधारित कार्यक्रम अत्याधिक महत्वपूर्ण है क्योकि ये न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाते है बल्कि उन्हें समाज में एक मजबूत और आत्मनिर्भर व्यक्तित्व के रूप में विकसित होने में मदद करते है।    संस्था प्रतिनिधियों के द्वारा उनको सेल्फी, व्याख्यान, प्रश्नोत्तरी, पोस्टर प्रदर्शन, व् गेम के माध्यम से जीवन कौशल व् लीडरशीप के बारे में गहनतापूर्वक जानकारी दी। जीवन कौशल वह क्षमताये है जो किसी व्यक्ति को निर्णय लेने और जीवन को संतुलित तरीके से जीने के लिए मदद करती है जीवन कौशल के अंतर्गत आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास, समय प्रबंधन, संवाद कौशल, और तनाव प्रबंधन जैसे पहलु आते है। इन कौशलों का विकास बालिकाओं में उनके मानसिक, सामाजिक, और भावनात्मक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।...

"समाज में मानवता की मिसाल: सर्दी से बचाव के लिए राहत सामग्री वितरण"

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा ग्रामीण स्कूलों में जरूरतमंद गरीब बालिकाओं को सर्दी से बचाव हेतु स्वेटर , जूते , मौजें वितरण कार्यक्रम किया गया ! सर्दी का मौसम आते ही विद्यार्थियों को ठण्ड से बचाव के लिए खास ध्यान देने की आवश्यकता होती है ! खासकर सरकारी ग्रामीण स्कूलों में जहां पर बच्चें अक्सर खुले आसमान में खेलते व् आँगन में पढ़ाई करते है। वहां सर्दी से बचाव के लिए स्वेटर , जूते और मौजे का वितरण बहुत महत्पूर्ण हो जाता है यह सभी सामग्री सर्दी से बचाव के प्रमुख के साधन होते है। जो उनको ठण्ड से बचाने के साथ साथ उसे शरीर से गर्म व् आरामदायक रखते है। जूतों से पैरों की ठण्ड और गीलेपन से बचा जाता है। जबकि उनके पेरों को गर्मी प्रदान करते है। यह सभी चीजें बच्चों को सर्दी से सुरक्षित रखती है जिसमें उन सभी की सेहत भी सही बनी रहती है और ये सब स्कूल में अच्छे से अध्यनन भी कर सकते है।  बहुत से गरीब व् जरूरतमंद बच्चों के पास कपड़े नहीं होते है ऐसे बच्चों के लिए यह सुविधा प्रदत करना एक सामाजिक पुण्य का कार्य है इन बच्चों को स्वेटर, जूते, मौजे दिलाकर हम इन बच्चों की सेहत का ख्याल रख सकते है। सा...

"सर्दी से सुरक्षा: विकलांगों और गरीबों के लिए राहत की पहल"

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सर्दी का मौसम गरीब, अनाथ, बेसहारा व् जरूरतमंद लोगो के लिये बहुत कष्ट दायक  व् चुनौतीपूर्ण भरा होता है। खासकर उन लोगों के लिए जो शारारिक रूप से असक्षम होते है या जिनके पास पहनने के लिए पर्याप्त गर्म कपडे नहीं होते है ठण्ड व् सर्दी से बचाव एक गंभीर समस्या बन जाती है।  इस समस्या को सुलझाने के लिए कंबल वितरण एक महत्वपूर्ण सराहनीये कार्य है जो इन लोगों को सर्दी से बचने में मदद करता है। साथ ही इनकी जीवन शैली को सरल एवं आरामदायक बनाने में मदद करता है।  इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उन विकलांगो और जरुरतमंदो व्यक्तियों को ठंड से बचाने के लिये कम्बल प्रदान करता है।  जिनके पास सर्दी से बचाव के लिए कोई उचित साधन नहीं होते है।  इस कार्यक्रम के माद्यम से समाज के विभिन्न वर्गों खासकर वर्द्ध , विकलांग , और गरीब लोगों को राहत पहुंचाई जाती है जिससे वे सर्दी के मौसम में सुरक्षित स्वस्थ्य रह सकें।  यह कार्यक्रम मानवता की भावना को बढ़ावा देता है। और समाज में एकजुटता को प्रकट करता है।    सर्दी के मौसम में कई बार तापमान इतना गिर जाता है की बिना गर्म कपड़ों के लोग ठण...

"बाल विवाह के खिलाफ एक सशक्त कदम : समाज में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता"

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  हमारे समाज में बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या है जो हमारे सामाजिक ढांचे का स्वरुप बिगाड़ती है जो विशेषकर ग्रामीण , झुग्गी झोपड़ी व् स्लम एरिया में अधिक देखने को मिलती है यह न केवल बच्चों के अधिकारों का उलंघन है ! बल्कि उनके शारारिक , मानसिक और शेक्षणिक विकास में रुकावट डालता है बाल विवाह के कारण लड़कियां  छोटी उम्र में ही  जिम्मेदारियो  का बोझ उठाने के लिए  मजबूर हो जाती है ! जिसमे उनकी  शिक्षा और भविष्य प्रभावित होते है ! ऐसे में झुग्गी झोपड़ी स्लम और पिछड़े क्षेत्रों में बाल विवाह की रोकथाम के लिए विशेष कार्यक्रमों की आवश्यकता है। बाल विवाह का समाज पर एक गंभीर असर पड़ता है यह न केवल लड़कियों के शारारिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है बल्कि उनके जीवन के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता को प्रभावित करता है बाल विवाह से लड़कियां जल्दी गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है। जिसमे मातृ शिशु स्वास्थ्य में दिक्क़ते उत्पन्न होती है इसके अलावा बाल विवाह के कारण लड़कियों के आत्मसम्मान में गिरावट , मानसिक अवसाद और हिंसा की घटनाये बढ़ जाती...

"हिंसा मुक्त जीवन: झुग्गी बस्तियों में महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षा और शिक्षा"

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  आजकल हमारे समाज में झुग्गी बस्तियों में रहने वाली महिलाओं और बच्चों का जीवन बहुत कठिनाइयों से भरा हुआ है इनमें से कई महिलाओं और बच्चें हिंसा के शिकार होते है जो शारारिक , मानसिक और यौन उत्पीड़न के रूप में सामने आती है यह इस बात पर केन्दिरत है की झुग्गी बस्तियों में महिला हिंसा के मुद्दे को कैसे समझा जाता है और इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाये जा सकते है राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का मानना है झुग्गी बस्तियां आमतौर पर अव्यवस्थित , संकुचित और संसाधनों की कमी वाली होती है। यहाँ के निवासी मुख्य रूप से कम आय वाले होते है और रोजगार के अवसर भी सिमित होते है ऐसे माहौल में महिलाओं और बच्चों का शोषण अधिक होता है।  महिलाओं की शिक्षा कम होती है। और वे परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिये कई बार घरेलु हिंसा का सामना करती है लेकिन सामाजिक ताने बाने की वजह वे इसे सहन करती है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा प्रतिनिधि इन स्थानों पर जाकर इन बच्चों को सेल्फी , बैनर , प्रशोत्तरी , गतिविधियां , व्याख्यान, आदि माध्यम से जानकारियां देते है जिसमें महिला हिंसा रोकथाम के उपाय बताये जा...

"SHG और प्राथमिक अभिविन्यास: महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत दृष्टिकोण से सशक्त बनाना"

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स्वयं सहायता समूह कार्यक्रम भारत में महिलाओ के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में उभरे है ! इन समूहों के माध्यम से महिलाये अपनी समस्याओं का समाधान ढूढ़ने और समुदाय के विकास कार्यों में योगदान करने के लिए एकजुट होती है।  स्वयं सहायता समूह  के साथ प्राथमिक अभिविन्यास कार्यक्रम का  आयोजन महिलाओं को उनके अधिकारों , कौशलों और विकास के अवसरों के बारे में जागरूक करने का  एक  अच्छा  प्रभावी तरीका हो सकता है राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा सभी ग्रामीण महिलाओं के लिये यह कार्यक्रम का उद्देश्य  महिलाओ को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के साथ साथ उन्हें विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत पहलुओं पर सशक्त बनाना है।  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा बताया गया की इसमें उन्हें संविधान और क़ानूनी अधिकारों की जानकारी प्राप्त होगी, आर्थिक सशक्तिकरण बढ़ेगा , सामाजिक सशक्तिकरण सशक्त रूप से इन्हे जागरूक करेगा व् इनको स्वास्थ्य और पोषण के विषय में भी जागरूक करेगा।  shg महिलाओ को विभिन्न प्रकार के कौशल विकास के अवसरों के बारे में जागरूक करन...

"स्वस्थ्य, पोषण और आर्थिक सुरक्षा: किसानों के लिए फलदार पौधों का निःशुल्क वितरण"

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राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान पर्यावरण के सन्दर्भ में विभिन्न प्रकार के कई तरह के कार्यक्रम वर्ष भर करते है जिसमें गरीब किसानों को फलदार पौधों का वितरण भी किया जाता है भारत में कृषि क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है लेकिन कृषि पर निर्भर किसानों को अक्सर कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जैसे की पैदावार का कम होना, मानसून की अनिश्चियता और बाजार में सही मूल्य का न मिलना।  इस सन्दर्भ में गरीब किसानों को फलदार पौधों का निःशुल्क वितरण एक अभिनव और प्रभावी कदम साबित हो सकता है।  जो न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकता है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगा।  संस्था द्वारा आर्थिक स्थिरता स्वास्थ्य और पोषण व दीर्घ कालिक विकास के उदेश्य को ध्यान में रखते हुये इन्हे पौधों का वितरण किया जाता है यह कार्यक्रम गरीब किसानों को खाद्य सुरक्षा , स्वास्थ्य लाभ और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाता है।  गरीब किसानों को फलदार पौधो का निःशुल्क वितरण एक सकारात्मक पहल है।  जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है यह केवल उनकी...

"स्वावलंबन से समाज परिवर्तन तक: SHG महिलाओं के लिए कौशल निर्माण और नेतृत्व विकास"

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  राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा shg की महिलाओ के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में क्षमता निर्माण कार्यक्रम किये गये जिसका उद्देश्य इन महिलाओं को प्रभावी रूप से आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है  जिसमे यह अपना आर्थिक सशक्तिकरण मजबूत बना सके। और अपने महिला अधिकारों का उपयोग कर सकें। और अपने महिला अधिकारों का उपयोग कर सके व् हमारे इस समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।  इस कार्यक्रम के माध्यम से महिलायें व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से अपने जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक आवश्यक कदम है।  इस कार्यक्रम से महिलाये विभिन्न कौशलों को हासिल करती है जो उन्हें अपने परिवार की भलाई के लिए बल्कि समाज में एक सक्रीय सदस्य बनने में भी मदद करती है।  इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य और महत्त्व महिलाओं को आत्म निर्भरता की दिशा में आगे कदम बढ़ाना सभी महिला शक्ति को सामाजिक और क़ानूनी जानकारी देकर जागरूक बनाना , लीडरशीप और सामूहिक निर्णय निर्माण की विचारधारा को प्रबल करना क्षमता निर्माण कार्यक्रम में महिलाओं को नेतृत्व के गुण , टीमवर्क और संघर्ष समाधान के कौशल सिखाये जाते है।  इसमें इन महिल...