महिला उत्थान: घरेलू स्त्रियों का स्वरोजगार के माध्यम से सफलता का पथ
मेरा नाम सीमा शर्मा है। मैं नवविवाहित महिला हूं और B.A पास हूं। घर में पति एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत हैं। इसके अलावा घर में सास,ससुर व देवर है। मैं भी घर के कामों में अपना सहयोग करना चाहती हूं। बचपन से मुझे अपना ब्यूटी पार्लर शॉप खोलने की इच्छा रही है। यह बात मैंने घरवालों को भी बता दी। फिर सब ने मुझे आश्वासन दिया और सहयोग करने की बात कही। उसके बाद मैं RSKS के द्वारा SHG के कार्यक्रम से जुड़ी | जिसमें मुझे बचत,ऋण , बैंक किश्त अदायगी पर समूह में कार्य किया | डेढ़ वर्ष बाद मुझे बैंक से समूह ऋण प्राप्त हुआ जिसको मैंने अपने ब्यूटी पार्लर के कार्य में लगाया। इस कार्य में मेरे पति व संस्था ने भरपूर सहयोग दिया।
फिर मैंने इनसे प्राप्त पैसों से समस्त ब्यूटी पार्लर का सामान लेकर आई जैसे केश सजा,मेहंदी,फेशियल,मसाज,नेल कटिंग, पेडीक्योर, वैक्सिंग,मैनीक्योर, ब्लीचिंग,बाल काटने के उपकरण,स्ट्रेट करने के उपकरण,बॉडी मसाज, हेड मसाज इत्यादि सामान खरीदे। वह इनको अपने ब्यूटी पार्लर में रखा। फिर अपने कार्य को धीरे-धीरे में बढ़ाने लगी। मैंने यह कार्य पूर्व में अच्छे से सीखा था। इसलिए मुझे कोई दिक्कत नहीं आई। कुछ समय बाद मेरा यह कार्य अच्छा चलने लगा जिससे मुझे अच्छी आमदनी प्राप्त होने लगी। दिन बीतने के साथ ही मेरा व्यवसाय अब और अच्छा पैसे देने लगा व मेरे ग्राहकों की संख्या में वृद्धि होने लगी। अब मैं प्रत्येक दिन 800 से 1000 रुपए तक कमा लेती हूं। वह स्वयं का और अपना घर खर्च भी निकाल लेती हूं।
SHG के द्वारा प्राप्त ऋण को अब मैं इस से प्राप्त आमदनी से ही किस्त भर रही हूं। कुछ माह के बाद मेरा ऋण पूरा हो जाएगा और अब इसे बचा हुआ पैसा मेरा ही मुनाफा होगा। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का SHG कार्यक्रम मध्यम व गरीब महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी कार्यक्रम है। इसमें महिलाएं अपनी आवाज एक दूसरे को कह पाती है। वह कार्य करने की अपनी इच्छा भी व्यक्त कर पाती है। बचत करने की भावना भी उनमें जागृत होती है और वह सभी आर्थिक गतिविधियों से भी जुड़ती है।
आज भी समाज में बहुत सी महिलाओं का ऐसा वर्ग है जो घरेलू है मगर कामकाजी नहीं है। इसके लिए मानसिक व आर्थिक रूप से मजबूत बनना पड़ेगा। संस्था इसके लिए भरसक प्रयास करती है कि समाज की सभी महिलाओं के पास अपना स्वयं कास्वरोजगार हो जिससे वह अपनी आर्थिक गतिविधियोॅ को स्वयं संचालित कर सके और अपनी रोजमर्रा की जरूरत को पूरा कर सकें। आज समाज की सोच का दायरा बढ़ रहा है। हर नारी अब अपने स्वाभिमान के लिए लड़ रही है। यह चेतना भरी जागरूकता की लहर देश में व्याप्त है। इस कार्यक्रम को अपनाकर मेरा जीवन सफल हुआ। मैं हृदय से संस्था प्रतिनिधि व इस कार्यक्रम के सदस्यों का धन्यवाद करती हूँ |
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