नीमा नामादामू डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो विकलांग महिला कार्यकर्ता




 हीरो वूमेन राइजिंग नाम के नेटवर्क का मकसद कांगो में महिलाओं और किशोरियों के जीवन स्तर को बहतर करना है। विकलांगता अधिकार कार्यकर्ता नीमा नामादामू ने इस जमीनी संगठन की स्थापना की जो शिक्षा और तकनीक से महिलाओं की आवाज बुलंद करता है और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक मानता है।

पूर्वी कागों के दूर दराज इलाकों में पैदा हुई नामादामू को दो वर्ष में ही पोलियो हो गया और वह विकलांग होते हुए यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने वह पहली अपनी जातीय समूह की महिला थी। वह संसद की सदस्य भी बनी और देश की परिवार कल्याण मंत्री की सलाहकार भी रही| संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो की महिलाओं के लिए दुनिया में सबसे खतरनाक देशों में से एक है। लड़कियों को कम उम्र में शादी कर दी जाती है। महिलाएं घरेलू हिंसा की रिपोर्ट करती है और कानून के तहत उन्हें बहुत कम सुरक्षा मिलती है और औपचारिक शिक्षा के बारे में अक्सर बाद में सोचा जाता है।


2012 में नीमा ने सुजा मीडिया सेंटर खोला जो महिलाओं को मुफ्त डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण प्रदान करता है। आज केंद्र महिलाओं और लड़कियों के लिए अपने आसपास की दुनिया के बारे में अधिक जानने के लिए एक सभा स्थल और सुरक्षित स्थान के रूप में कार्य करता है जिनमें से कई पहली बार गूगल खोज का उपयोग कर रही है। महिलाओं का यह समुदाय उत्तर खोजने, समर्थन देने और एक ऐसे भविष्य का निर्माण करता है जहां सभी महिलाएं नीमा जैसा स्थान पा सके।


स्नातक होने के बाद उन्हें नेशनल असेंबली में दक्षिण किवुं प्रांत का प्रतिनिधित्व करने के लिए डिप्टी चुना गया। संसद में सेवाएं देने के बाद वह डीआरसी के लिंग और परिवार मंत्री की सलाहकार भी रही।


जब नीमा की बेटी 25 वर्ष की थी तब कांगोलेस नेशनल आर्मी के सदस्यों ने उस पर हमला भी किया और उसे पीटा नीमा याद करती है उन्हें हिंसक बदला लेने की तीव्र इच्छा महसूस हुई। उन्होंने बदला लेने के चक्र को तोड़ने का फैसला किया और व्यक्तियों से लड़ने के बजाय हम सिस्टम से लड़ रहे हैं उन्होंने कहा | नामा दामू ने मामन सूजा मीडिया सेंटर की स्थापना की जो वैश्विक महिला सशक्तिकरण नेटवर्क वर्ल्ड पल्स के साथ मिलकर काम करता है। संगठन बुकावु में है जहां वह महिलाओं के लिए डिजिटल साक्षरता शिक्षा प्रदान करता है। मामन सूजा का अर्थ है हीरो वूमेन और आगे परियोजना न केवल महिलाओं को शिक्षित करने में बल्कि उन्हें अपनी कहानियों को दुनिया के साथ सांझा करने का एक मंच देने के लिए डिजाइन की गई है।उनका काम कांगो में महिलाओं के लचीलेपन और महत्व को दर्शाता है जो ऐसे माहौल में रहती है जो महिलाओं के हिंसक रूप से दमनकारी हैं।

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