विकलांगता प्रमाणन के साथ मेरी यात्रा - मान्यता द्वारा परिवर्तन
राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान संस्था द्वारा वैसे तो बहुत सारे सामाजिक, मानवीय, व पर्यावरणीय कार्य करती है, परंतु इनमें एक विषय है विकलांगता यह विकलांगता प्रमाण पत्र किसी भी व्यक्ति की विकलांगता और उसकी गंभीरता को प्रमाणित करने वाला सरकारी दस्तावेज है। भारत में यह प्रमाण पत्र अमूमन सरकारी अस्पतालों में गठित चिकित्सीय समिति द्वारा दिया जारी किया जाता है। विकलांगजन के लिए यह एक जरूरी दस्तावेज है क्योंकि उन्हें मिलने वाली हर सरकारी सुविधा और लाभ इसी प्रमाण पत्र के आधार पर मिलते हैं। केंद्र सरकार व राज्य सरकार दोनों ही विकलांग व्यक्तियों के लिए अनेक सुविधाओं का प्रबंध करते हैं। इनमें से किसी भी सुविधा का लाभ उठाने के लिए व्यक्ति के पास विकलांगता प्रमाण पत्र होना चाहिए।
मेरा नाम श्रवण है। मुझे जन्म से ही दोनों पैरों से पोलियो हो गया था मैं चलने फिरने में असक्षम था। जानकारी न होने की वजह से मैंने अपना विकलांगता प्रमाण पत्र भी नहीं बनवाया जिससे मुझे किसी भी तरह का कोई सरकारी लाभ नहीं मिल पा रहा था। इस वजह से मैं और भी हताश था। फिर एक दिन हमारे गांव में राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम आई और उन्होंने घर-घर जाकर विकलांग व्यक्तियों का सर्वे किया, जिसमें मैंने अपना नाम भी लिखवाया। फिर संस्था द्वारा मेरा फॉर्म भरकर राजकीय चिकित्सालय ले जाया गया। जहां पर चिकित्सकों द्वारा पहले मेरी विकलांगता का प्रकार आंका गया और उसकी गंभीरता का उल्लेख किया गया, जिसमें मेरी विकलांगता 85% आई। वह स्थाई रूप से यह अंकित किया गया। चिकित्सकों द्वारा बताया कि यह प्रमाण पत्र मेरा आजीवन वैद्य रहेगा।
इसे प्राप्त करना बहुत खुश हुआ। संस्था द्वारा बनवाए गए इस प्रमाण पत्र से अब मुझे सरकारी सुविधाओं का लाभ प्राप्त होने लगा है। अब रेल ,बस पास किराए में छूट मिल जाती है और ग्राम पंचायत से मुझे यह दिखा कर पेंशन सुविधा भी प्रारंभ कर दी है। अब इसके जरिए मैं अपने विकलांगता उपकरण भी प्राप्त कर सकता हूं जिससे मुझे आवागमन में कुछ सुविधा प्राप्त होगी। इस प्रमाण पत्र के माध्यम से मैं कहीं भी अपना इलाज कर सकता हूं। यह हमको बिना किसी भेदभाव व उत्पीड़न के बना दिया जाता है। इसके जरिए हम शिक्षा, स्वरोजगार, प्रशिक्षण आदि के लिए सरकार से वित्तीय सहायता भी ले सकते हैं। वह अन्य तरह के करो मैं भी हमें ये सुविधा देता है। इन सभी सुविधा को पाकर मुझ जैसे विकलांग व्यक्ति के जीवन में अब खुशियां आने लगी है। अब कुछ सपने मैं भी देखने लगा।
राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के द्वारा इन सफल प्रयासों से आज इतना सब कुछ मुझे प्राप्त होने लगा है जिसकी मुझे कभी उम्मीद नहीं थी। उनके कार्य से प्रभावित होकर ही मुझ मैं एक आत्मविश्वास जागा है जिससे अब मैं भी अपने कार्य संपादित करने लगा हूं जो पहले मुझे असामान्य और कठिन लगता था। संस्था का यह कार्य विकलांग जनों में एक प्रेरणा देता है और उनकी मूक भाषा को समझता है। हमारे जीवन के होने का अर्थ अब सार्थक नजर आता है। इससे पहले लोग हम पर दया, तिरस्कार , भेदभाव करते थे जो अब धीरे-धीरे समाप्त होने लगा है। इसके लिए सही जानकारी व सटीकता का होना बहुत जरूरी है। तभी हम जैसे लोगों को सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा। अब हमको भी पता चल गया है। विकलांगता कोई अभिशाप नहीं है।
इस सामाजिक और मानवीय कार्य के लिए मैं संस्था का बहुत आभारी हूं जिनके प्रयास और परिश्रम से मुझे जीने की एक नई राह मिली है और अब मेरे सपने भी सच होने लगे हैं। संस्था के समस्त प्रतिनिधियों को मेरा कोटि-कोटि धन्यवाद व आभार हो |
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