वंचितों का उत्थान - आशा और सम्मान के माध्यम से कमज़ोर समुदायों को सशक्त बनाना
मेरा नाम भेरूलाल है और मैं बहुत गरीब और विकलांग व्यक्ति हूं। मेरे घर में मेरी मां मेरे साथ रहती है। वह भी काफी बुजुर्ग है। इस असमर्थता के कारण हमारी माली हालत बहुत ही खराब है। कुछ छोटा मोटा कार्य करके हम जैसे तैसे गुजारा कर लेते हैं। मेरी इस स्थिति को मैंने अपने सरपंच के सम्मुख रखा। फिर उन्होंने बताया कि राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान द्वारा गरीब, अपाहिज़, विकलांग,निराश्रित,विधवा महिलाओं को संस्था की तरफ से रसोई खाद्यान्न हेतु राशन सामग्री वितरण किया जाऐगा जिसको प्राप्त करने पर उनको कुछ सहायता मिलेगी। यह गांव के उन सभी व्यक्तियों को मिलेगा जिनको वास्तव में इसकी बहुत जरूरत है। इस बात को सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई।
फिर राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान की टीम द्वारा हमारे गांव में सर्वे करने आई जिसमें मैंने अपना नाम लिखवाया जिसके लिये उन्होंने राशन कार्ड व आधार कार्ड की प्रति मांगी। उसके कुछ दिनों बाद ग्राम पंचायत पर हम सभी असहाय, निशक्त, बेसहारा, विकलांग, अपाहिज, व गरीब व्यक्तियों को राशन सामग्री का वितरण किया गया, जिसमें सभी को आटा, दाल, चावल, खाद्यान्न तेल, मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, धनिया, नमक, शक्कर, चायपत्ती, सोयाबीन, चना, मूंग, दलिया व अन्य खाद्यान्न सामग्री दी गई। इतनी सारी सामग्री से हमारे कई माह की खाद्य संबंधी सभी जरूरतें पूरी हो जाएगी। इन सभी सामग्री में भरपूर पोषण तत्व मौजूद है जो शारीरिक विकास में सहायता प्रदान करते जिससे हमारे शरीर में ऊर्जा का विकास होता हैं |
वास्तव में देखा जाए तो राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान इस हेतु बहुत मानवीय कार्य कर रही है जो कि इन निराशाहीन प्राणियों में एक जान फूंक देता है और उनके आत्मविश्वास को जगाता है। समाज में पिछड़े वर्ग के लिए किए जाने वाला यह कार्य मानवता की मिसाल देता है जिसका उद्देश्य है। सभी को जीने का समान अधिकार हो मानव होकर मानवीय काम करना ही मानवता है। संस्था इस बात पर भी बल देती है कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता एक प्रण करके हमें अपने जीवन का लक्ष्य प्राप्त करना चाहिए। समाज के उपेक्षित लगा को जिस वस्तु की जरूरत है उसे देकर उसकी आवश्यकता पूर्ति करना बहुत जरूरी है।
राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का सदा यही संकल्प है कि हमारे समाज के उपेक्षित वर्ग के लोगों के साथ समानता का व्यवहार करना चाहिए। उनकी मदद के लिए सभी प्रयास करने चाहिए जिससे इनमें भी जीने की भावना प्रबल हो सके। यह वे लोग हैं जो वास्तविक रूप से अपनी जरूरत को पूरा नहीं कर पाते। कही गरीबी,दिव्यांगता,बीमारी या अन्य कोई बड़ी मजबूरी के पैरों तले दबे होते हैं। हमारे समाज को इस हेतु आगे लाकर उनके हाथ से हाथ मिलाते हुए इन्हें सहारा देना चाहिए। मन से की गई मदद हमको आत्मिक संतुष्टि प्रदान करती है। संस्था के विचारों में समाज में कोई व्यक्ति किसी कारण से भूख नहीं सोना चाहिए।
इस मानवीय सामाजिक कार्य के लिए है। समस्त ग्रामवासी व लाभार्थी की तरफ से राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान का आभार व्यक्त करते हैं और हृदय से उनका धन्यवाद देते हैं।
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